पटना : बिहार में नई सरकार के विश्वास मत के दौरान विधायकों की खरीद फरोख्त की बातें निकलकर सामने आई. जिसको लेकर बिहार सरकार ने EoU को इसकी जांच के आदेश दिए हैं. कुछ दिन पहले जेडीयू के विधायक सुधांशु शेखर के द्वारा विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोप अपनी पार्टी के विधायक और आरजेडी नेता सुनील सिंह पर लगाए थे. अपनी शिकायत में सुधांशु शेखर ने आरोप लगाया था कि 10 करोड़ की डील दी गई थी साथ में मंत्री पद का भी ऑफर दिया गया था.
बिहार में हॉर्स ट्रेडिंग की जांच शुरू : इस पूरे प्रकरण की जांच अब बिहार आर्थिक अपराध इकाई को सौंप दी गई है. पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर आर्थिक अपराध इकाई से जांच करने का अनुरोध किया है. इस मामले में बताया जा रहा है कि आर्थिक अपराध इकाई ने बिहार में हॉर्स ट्रेडिंग की जांच अब शुरू कर दी है. मिली जानकारी के अनुसार डीएसपी लेवल के अफसर को जांच का जिम्मा सौंप गया है.
जेडीयू विधायक ने लगाया था आरोप : सुधांशु शेखर का आरोप है कि जदयू विधायकों 10-10 करोड' रुपए का ऑफर दिया था, जिसमें जदयू विधायकों को 5 करोड़ रुपए पहले और 5 करोड़ काम होने के बाद में देने की कहा गया था. आर्थिक अपराध इकाई के डीआईजी ने बताया है कि अब विधायकों के हॉर्स ट्रेडिंग मामले में आर्थिक अपराध इकाई को इसका जिम्मा सौंपा गया है. वहीं अब आर्थिक अपराध इकाई इसकी गहनता से जांच करेगी.
विश्वास मत से पहले हॉर्स ट्रेडिंग का खेल?: गौरतलब है कि विश्वासमत के दिन एनडीए के 1 विधायक दिलीप राय ने दूरी बनाई थी. हालांकि नीतीश सरकार ने 130 और 00 से मत पाकर सदन का विश्वास जीत लिया था. सुधांशु शेखर ने दिलीप राय और बीमा भारती के अपहरण का भी आरोप अपने प्राथमिकी में दर्ज कराया था. बीमा भारती तो अंत में विश्वास मत में शामिल हो गईं लेकिन दिलीप राय अनुपस्थित रहे. वहीं आरजेडी के तीन विधायकों ने सदन में वोटिंग से पहले ही पाला बदल लिया था.