छपरा:जहरीली शराब से मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. बिहार में कुल मौत की संख्या 67 हो गयी है, जिसमें सिवान में 48, सारण में 17 और गोपालगंज में 2 लोगों की मौत हुई. हालांकि प्रशासनिक पुष्टि 37 है, जिसमें सिवान में 28, सारण में 7 और गोपालगंज में 2 मौत शामिल है. स्थानीय लोगों के मुताबिक मशरक में वास्तविक मौतों की संख्या 17 पहुंच गई है. यह आंकड़ा 50 से 60 तक पहुंच सकता है.
24 घंटे के अंदर कोई भी मरीज नहीं पहुंचा अस्पताल:स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि पुलिस प्रशासन के द्वारा पीड़ित परिवारों को डराया-धमकाया जा रहा है और बयान बदलने के लिए मजबूर भी किया जा रहा है. छपरा सदर अस्पताल के सूत्रों की मानें तो बीते 24 घंटे के अंदर कोई भी मरीज यहां नहीं आया है. वहीं प्रभावित गांव में डॉक्टर और अन्य अधिकारी कैंप किए हुए हैं और लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.
सारण में मृतकों की सूची: इस्लामुद्दीन (350 पिता लतीफ मियां ब्राहिमपुर मशरक, शमशाद अंसारी (24) पिता अलिराज अंसारी, ब्राहिमपुर, मशरक, गुल मोहम्मद (35) पिता वकिल मियां, सुंदर गांव, मशरक, मशरक थाना क्षेत्र के गण्डामन गांव के 24 वर्षीय कमलेश राम, मशरख थाना क्षेत्र के पिलखी गांव के प्रदीप साह (40) पिता बद्री साह, मशरख थाना क्षेत्र के गंडामन शिवजी ठाकुर (64) पिता स्व विश्वनाथ ठाकुर, पानापुर थाना क्षेत्र के रसौली बिनटोली निवासी शर्मा राउत (45) पिता लखराज राउत, पानापुर थाना क्षेत्र के रसौली बिनटोली निवासी अनिल राउत (40) पिता अनारस राउत, मशरख थाना क्षेत्र के ब्राहिमपुर गांव निवासी शंभु नारायण सिंह (55) पिता रामशकल सिंह, बड़हरिया के नारायणपुर कोठी के ईद मोहम्मद, मढ़ौरा थाना के स्टेशन चौक निवासी शत्रुघ्न साह (44) पिता मदन साह, हीरा महतो (45) पिता चंद्रमा महतो, खजुरी मशरख और ब्राहिमपुर, मशरख के मुमताज अंसारी की मौत हुई है.
आठ शराब कारोबारी गिरफ्तार:छपरा डीएम अमन समीर और एसपी डॉ. आशीष कुमार ने बताया कि सात लोगों की मौत की जानकारी है. शराबकांड पर पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है. सारण पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष के निर्देश पर अनुसंधान टीम का गठन किया गया था. गठित समिति ने कार्रवाई करते हुए अबतक 8 आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. सारण जिला प्रशासन द्वारा भी लगातार लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है और शराब कारोबारी पर लगातार छापेमारी की जा रही है.
सरकार और प्रशासन की विफलता': ग्रामीण बताते हैं कि अगर कहीं शराब मिल रही है तो इसमें सरकार और स्थानीय प्रशासन की गलती है. इसमें नीतीश कुमार की पूरी विफलता है. लोगों ने मांग की है कि या तो पूर्ण रूप से शराब बंद करे अगर सफल नहीं होते हैं तो पूर्ण रूप से शराब चालू करें. लोगों ने बताया कि शराब चालू होने से लोग नकली शराब का सेवन नहीं करेंगे तो मौत भी नहीं होगी. बंद होने के कारण ही धंधेबाज रुपये कमाने के लिए नकली शराब बनाते हैं.
मौत का आंकड़ा स्पष्ट नहींः मशरख के इब्राहिमपुर के स्थानीय डॉक्टर ने बताया कि इस घटना से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है. घटना को लेकर उन्होंने बताया कि शराब पीने से बीमार लोगों की संख्या करीब 100 के करीब पहुंच गयी है. लोगों का तो दावा है कि छपरा में 50 से 60 लोगों की मौत चुकी है लेकिन प्रशासन आंकड़ा को छिपा रही है. कई लोग पुलिस प्रशासन के डर से शव का अंतिम संस्कार कर दिया. यही कारण है कि आंकड़ा स्पष्ट नहीं है.