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4 साल की बेटी को लेकर होता था झगड़ा, बिहार के दंपत्ति ने 40 हजार में मासूम को बेचा, भुवनेश्वर पुलिस ने ऐसे बचाया - CHILD TRAFFICKING

बिहार के रहने वाले माता-पिता ने 40 हजार रुपये में अपनी चार साल की बेटी को ओडिशा में बेच दिया. जानें पूरा मामला

Bihar Couple Sell Four Year Old
दंपत्ति ने भुवनेश्वर में मासूम को बेचा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 27, 2024, 5:45 PM IST

पटना:ओडिशा में मकान मालिक की सतर्कता ने एक मासूम को बचा लिया. व्यक्ति की सूझबूझ के कारण पुलिस को चार साल की बच्ची को बचाने में मदद मिली, जिसे कथित तौर पर उसके माता-पिता ने 40,000 रुपये में बेच दिया था. बच्ची को 24 घंटे के भीतर बचा लिया गया.

चार साल की बच्ची को बेचा:जानकारी के अनुसार बिक्री के 24 घंटे के भीतर ही बच्ची को छुड़ाया गया. बच्ची के मकान मालिक की सतर्कता के कारण यह संभव हो पाया, जिसने संदिग्ध गतिविधि की सूचना बडागडा पुलिस को दी थी. बच्ची के माता-पिता, दलाल और बच्ची को खरीदने वाले दंपत्ति समेत छह लोगों को हिरासत में लिया गया है.

क्यों अपनी मां ने मासूम का किया सौदा? : पुलिस के अनुसार,"बच्चे के माता-पिता सुबोध शर्मा और उनकी पत्नी बडागाडा पुलिस स्टेशन क्षेत्र के अंतर्गत बडाटांगी साही में किराए के मकान में रह रहे थे. पिता बढ़ई का काम करते थे, जबकि मां ने दूसरी शादी कर ली थी. बताया जा रहा है कि बच्चा उनके पहले पति का बच्चा था, जिसके कारण पारिवारिक विवाद चल रहा था."

"मकान मालिक सार्थक मोहंती ने अपने घर में असामान्य हलचल देखी और सीसीटीवी फुटेज देखी, जिससे उन्हें संदेह हुआ. उन्होंने बातचीत सुनी और फिर बडागडा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई."- पुलिस द्वारा दी गई जानकारी

हिरासत में छह लोग:इस संबंध में बडागडा थाना इंस्पेक्टर तृप्ति रंजन नायक की सूचना पर मानव तस्करी की शिकायत के आधार पर कांड संख्या 748/24 दर्ज किया गया है. बीएनएस 143(4) के तहत छह लोगों को हिरासत में लिया गया है. हिरासत में लिए गए लोगों में बिहार निवासी दंपत्ति सुबोध शर्मा और उसकी पत्नी, दो महिला दलाल रश्मि रेखा साहू व जाली लेंका, ब्यूटी पार्लर कर्मी तथा पिपली निवासी दंपती रघुनाथ व प्रियदर्शिनी बेहरा शामिल हैं.

40 हजार में किया था सौदा:पुलिस ने बताया कि जांच से पता चला कि माता-पिता ने बच्ची को पिपली के एक जोड़े को 40,000 रुपये में बेचने पर सहमति जताई थी. दोनों दलालों ने इस सौदे को अंजाम दिया, जिसे कोर्ट के स्टांप पेपर पर दर्ज किया गया. हालांकि, दलालों और खरीदारों के बीच कमीशन को लेकर विवाद के कारण अंतिम भुगतान में देरी हुई, जिससे लेन-देन पर और अधिक ध्यान गया.

"यह सौदा 40,000 रुपये में तय हुआ था, लेकिन दलालों और खरीदारों के बीच झगड़े के कारण समस्याएं पैदा हो गईं. इस देरी के कारण अधिकारियों को हस्तक्षेप करने और बच्चे को बचाने का मौका मिला."- हरप्रिया पाटी, सामाजिक कार्यकर्ता

मानव तस्करी को लेकर पुलिसिया जांच जारी: पुलिस ने चाइल्डलाइन के सदस्यों की मदद से बुधवार को पिपली इलाके से लड़की को बचाया. सीसीटीवी फुटेज के साथ ही माता-पिता के स्टांप पेपर एग्रीमेंट और पहचान पत्र जैसे दस्तावेज भी सबूत के तौर पर जब्त किए गए हैं. फिलहाल बच्ची को आगे की देखभाल के लिए बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष पेश किया जाएगा. मानव तस्करी से जुड़े मामलों को उजागर करने के लिए पुलिस की जांच जारी है.

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