गया:बिहार की राजनीति में अभी 'खेला होने' को लेकर काफी सस्पेंस है. सत्ता में आई एनडीए और विपक्ष का महागठबंधन दोनों के अपने-अपने दावे हैं. 12 फरवरी को होने वाले फ्लोर टेस्ट के पहले संशय की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि दोनों ओर से तरह-तरह के बयान और दावे आ रहे हैं.
नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले बीजेपी सतर्क: जदयू और भाजपा के विधायकों पर भी महागठबंधन की नजर है. पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की पत्नी भी जदयू विधायकों के पाला बदलने का दावा कर चुकी हैं. बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे थे.
10 और 11 फरवरी को बोधगया में रहेंगे बीजेपी विधायक: पीएम मोदी से नीतीश के मिलने के बाद अब केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर बिहार के भाजपा के सभी विधायकों को बोधगया बुलाया गया है. पार्टी के प्रशिक्षण के बहाने ये 10 और 11 फरवरी को बोधगया में रहेंगे. बिहार में एनडीए सरकार का फ्लोर टेस्ट 12 फरवरी को होना है.
फ्लोर टेस्ट के एक दिन पहले लौटेंगे पटना:बिहार में एनडीए सरकार का फ्लोर टेस्ट 12 फरवरी को होना है. फ्लोर टेस्ट को लेकर कई तरह के सस्पेंस बने हुए हैं. कभी जदयू तो कभी बीजेपी के विधायकों को तोड़े जाने की चर्चा और दावे किए जा रहे हैं. सबसे ज्यादा खतरा जदयू विधायकों को लेकर है. बताया जाता है, कि कुछ जदयू विधायक लगातार महागठबंधन के बड़े नेताओं के संपर्क में हैं. ऐसे में एनडीए सरकार फ्लोर टेस्ट में धराशायी हो सकती है.
केंद्रीय नेतृत्व का निर्देश: बताया जा रहा है कि संभवत इसी उथल-पुथल को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे और अब पीएम से मिलने के बाद फ्लोर टेस्ट से पहले केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश के अनुसार भाजपा के सभी विधायक 10 और 11 फरवरी को एक साथ रहेंगे. बोधगया में प्रशिक्षण के बहाने इन्हें एक साथ रखा जाएगा और फ्लोर टेस्ट होने के ठीक पहले सभी एक साथ विधानसभा पहुंचेंगे.