पटना :90 के दशक में जब लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे, तो उनके कार्यकाल में पशुपालन घोटाला हुआ था. यह वो वक्त था जब बिहार-झारखंड संयुक्त बिहार हुआ करता था. कहा यह जाता है कि लालू प्रसाद यादव की देखरेख में पशुपालन घोटाला यानी कि चारा घोटाला हुआ था. साल 1996 में पशुपालन विभाग के दफ्तर में छापेमारी की गई थी. उस दौरान कई कंपनियों द्वारा पैसा हेरा फेरी का मामला सामने आया था.
लालू ने राबड़ी देवी को CM बनाया :11 मार्च 1996 को पटना हाई कोर्ट ने सीबीआई को इस घोटाले की जांच का आदेश दिया था. 1996 में ही सीबीआई ने चाईबासा खजाने मामले में प्राथमिकी दर्ज की और 23 जून 1997 को सीबीआई ने आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया. लालू यादव ने भी कानून की पढ़ाई की है, उन्हें इस बात का इल्म हो गया कि वह बचाने वाले नहीं है तो, उन्होंने 25 जुलाई 1997 को ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और अपनी धर्मपत्नी राबड़ी देवी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया.
97 में समर्पण 99 में बेल : 30 जुलाई 1997 को लालू प्रसाद ने सीबीआई की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया उसके बाद उनको न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इस दौरान लालू यादव पटना के बेउर जेल में लगभग डेढ़ साल रह गए. लालू यादव को 9 जनवरी 1999 को बेल मिला. लालू यादव के समर्थक पटना के बेउर जेल में टूट पड़े.
जेल से हाथी पर निकले थे लालू :लालू यादव ने भारी जन समर्थन को देखते हुए इसे एक इवेंट का रूप दे दिया. लालू यादव और उनके साले सुभाष यादव और साधु यादव ने हाथी की व्यवस्था की और उनको हाथी पर बैठा कर जेल से बाहर निकाला. लालू यादव जब बेउर जेल से निकले तो ऐसा लग रहा था कि वह जेल से नहीं किसी जंग को जीत कर बाहर निकले हों. पूरे शहर में उनके समर्थक लालू यादव के साथ चल रहे थे. लालू यादव ने हाथी पर अपना रोड शो किया था. यह वह वक्त था जब लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री थी और लालू यादव जेल से निकलने के बाद रोड शो कर रहे थे.
हाथी से लालू ने किया शक्ति प्रदर्शन :लालू यादव का यह भी मकसद था कि वह अपने विरोधियों को यह दिखा दें कि उनके जेल जाने से उनका कोई बाल बांका नहीं हुआ. वह दोगुनी-चौगुनी शक्ति के साथ बाहर निकले हैं. इस रोड शो में किसी की कोई पाबंदी नहीं थी. पत्नी मुख्यमंत्री थी, प्रशासन ने कोई रोक नहीं लगाया. लालू यादव ने खुलेआम पटना की सड़कों पर शक्ति प्रदर्शन किया. इस जेल यात्रा के बाद लालू यादव सात बार जेल जा चुके हैं.
गाड़ियों के काफिले के साथ कोर्ट गए थे :बात उस समय की है जब 2002 में लालू यादव को चारा घोटाले मामले में रांची के स्पेशल कोर्ट में बुलाया गया था. उस समय लालू यादव गरीब रथ से रांची के स्पेशल कोर्ट में गए थे. पटना से लेकर रांची तक का माहौल यह था कि उनके हजारों समर्थक गाड़ियों के बड़े काफिले के साथ रांची पहुंचे थे. पटना से रांची तक जहां से यह काफिला गुजरा था सिर्फ धूल ही धूल नजर आता था. इतने बड़े जन समर्थन के साथ रांची पहुंचे लालू यादव को कोर्ट ने राहत नहीं दिया था. कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. यह लालू यादव की दूसरी गिरफ्तारी थी.
साढे 32 साल की सजा हुई है :चारा घोटाले मामले में लालू यादव को पांच सजा हुई है. पांचो सजा अलग-अलग मुकर्रर की गई थी. यदि इन पांचो सजा को जोड़ दिया जाए तो लालू यादव साढ़े 32 साल जेल में रहेंगे. हालांकि स्वास्थ्य कारणों से लालू यादव ने कोर्ट से जमानत लिया हुआ है और अभी वह जमानत पर जेल से बाहर हैं. हम आपको बताते हैं कि लालू यादव को किस-किस मामले में कितनी-कितनी सजा हुई थी और यह कब हुई थी.