मथुराः हाथरस सत्संग हादसे से सीख लेते हुए वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में भी व्यवस्थाओं को लेकर बदलाव शुरू हो गया है. यहां रोज लाखों की संख्या में भक्त बांके बिहारी के दर्शन को आते हैं. इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने नए सिरे से तैयारी शुरू कर दी है. इसे लेकर बुधवार को अफसरों ने संतों के साथ बैठक की. इसमें कई बिंदुओं को लेकर चर्चा हुई.
मथुरा में हाथरस हादसे से सीख लेकर भक्तों की भीड़ नियंत्रित करने की तैयारी शुरू हो गई है. (video credit: etv bharat) वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा शैलेश कुमार पांडे ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध ठाकुर श्री बांके बिहारी जी हमारे वृंदावन धाम में हर साल लाखों की संख्या में भक्त आते हैं. इस भीड़ को और बेहतर तरीके से कैसे नियंत्रित किया जा सके. इसे लेकर चर्चा हुई. मंदिर प्रबंधन और संतों के साथ पुलिस ने इन बिंदुओं पर चर्चा की. मथुरा में बांके बिहारी मंदिर में उमड़ती भारी भीड़. (photo credit: etv bharat) इन बिंदुओं पर बनी सहमति
- मंदिर परिसर में एक साथ बड़ी संख्या में भीड़ को नहीं रुकने दिया जाए.
- मंदिर में कतारबद्द होकर ही भक्तों को दर्शन कराए जाए.
- भीड़ को कई जगह रोका जाए ताकि मंदिर के भीतर दबाव न बने.
- मंदिर में दर्शन करने के बाद भक्तों को तेजी से निकाला जाए.
- मंदिर प्रशासन और पुलिस मिलकर भीड़ को नियंत्रित करे.
- एक साथ भारी भीड़ नहीं छोड़ी जाए.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि इन बिंदुओं को लेकर सहमति बन चुकी है. जल्द ही इन्हें बेहतर तरीके से लागू किया जाएगा. आपको बता दें कि मथुरा में खासकर होली, दीवाली और छुट्टियों के दिनों में बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ पहुंचती है. लाखों की संख्या में भीड़ को नियंत्रित करना किसी चुनौती से कम नहीं है. वर्ष 2022 में जन्माष्टमी के पर्व पर होने वाली मंगला आरती के दौरान मंदिर में अत्यधिक भीड़ होने के कारण भीड़ के दबाव के चलते दो लोगों की मौत हो गई थी तो वहीं 50 से अधिक लोग बेहोश हो गए थे. इसके बाद भी अभी तक बांके बिहारी मंदिर की व्यवस्था है दुरुस्त नहीं हो पाई है .हाथरस के इतने बड़े हादसे के बाद एक बार फिर जिला प्रशासन ने इसे लेकर पहल शुरू की है.
मथुरा में बांके बिहारी मंदिर में उमड़ती भारी भीड़. (photo credit: etv bharat) बिहारी जी के मंदिर के दर्शन का समयबिहारी जी के मंदिर के पट सुबह 7.45 बजे भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए जाते हैं. इसके बाद 7:55 बजे बिहारीजी की श्रृंगार आरती होती है. 11 बजे बिहारीजी को भोग लगाया जाता है, इस वजह से दर्शन नहीं होत हैं. 11.30 से फिर दर्शन शुरू होते हैं. 11.55 बजे आरती के बाद पट बंद हो जाते हैं. इसके बाद शाम 5.30 बजे बिहारीजी के पट खुलते हैं जो रात 9.30 बजे की आरती के बाद बंद कर दिए जाते हैं. इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त बिहारी जी के दर्शन करते हैं.
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