बाराबंकीः यूपी के बाराबंकी की कोर्ट ने मुख्तार अंसारी की मौत (Mukhtar Ansari death) मामले में बांदा जेल अधीक्षक को तलब किया है. दरअसल मंगलवार को यहां की कोर्ट में सरकार बनाम डॉ अलका राय मामले में सुनवाई थी.इस मामले में मुख्तार अंसारी का भी नाम है. सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी की बांदा जेल से डेथ रिपोर्ट कोर्ट को प्राप्त हुई. इसी मामले में जेल अधिकारी को तलब किया गया है कि वह आकर इस रिपोर्ट की पुष्टि करें. मामले की अगली सुनवाई छह अप्रैल को होनी है.
मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि एसीजेएम कोर्ट नम्बर 19 में सरकार बनाम डॉ अलका रॉय का मुकदमा चल रहा है. इस मुकदमे में मुख्तार अंसारी समेत 13 आरोपी हैं. मंगलवार को मुकदमे की पेशी थी. मामले में एक आरोपी शेषनाथ राय उपस्थित हुआ. दो आरोपियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी हुई जबकि बांदा जेल में निरुद्ध चल रहे मुख्तार अंसारी की डेथ रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की गई. इस रिपोर्ट का अधिवक्ता ने विरोध करते हुए कहा कि यह नेचुरल डेथ नही है बल्कि आरोप लगाया कि हत्या की गई है. अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि मुख्तार अंसारी न्यायिक अभिरक्षा में थे लिहाजा इस डेथ रिपोर्ट की पुष्टि के लिए जेल अधिकारी को आकर कोर्ट को बताना होगा. लिहाजा कोर्ट ने जेल अधिकारी को तलब किया है कि वह 06 अप्रैल तक आकर इस रिपोर्ट की पुष्टि करे.
बताते चलें कि बाराबंकी की दो अलग अलग अदालतों में मुख्तार अंसारी के खिलाफ मुकदमे विचाराधीन हैं. अपर सत्र न्यायाधीश विशेष कोर्ट एमपीएमएलए कमलकांत श्रीवास्तव की अदालत में मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगेस्टर का मामला विचाराधीन है.तो दूसरा मामला फर्जी एम्बुलेंस का है जो एसीजेएम कोर्ट नम्बर 19 में चल रहा है. बीती 29 मार्च को माफिया मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता ने अपर सत्र न्यायाधीश विशेष कोर्ट एमपीएमएलए में एक प्रार्थना पत्र देकर एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी.
जेल के सीसीटीवी-फुटेज संरक्षित करने की मांग
अधिवक्ता ने कोर्ट को दिए गए प्रार्थना पत्र में लिखा था कि पिछली 21 मार्च को दिए गए प्रार्थना पत्र को प्रार्थी यानी मुख्तार अंसारी का "मृत्यु कालीन कथन" मान कर वाद दर्ज करने की आवश्यकता है. प्रार्थना पत्र के जरिये मांग की गई है कि बाँदा जिला कारागार के सभी सीसीटीवी फुटेज संरक्षित किये जाय तथा वाल कैमरा के फुटेज भी संरक्षित किए जाए. इसके अलावा निरीक्षण के नाम पर रात को कारागार के अंदर जाने वाले सभी अधिकारियों की एंट्री तथा कैमरे में आये हुए उनके फोटोग्राफ को भी संरक्षित किये जाने की आवश्यकता है. इस एप्लिकेशन की सुनवाई 04 अप्रैल को होनी है. दरअसल 21 मार्च को मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने एक प्रार्थना पत्र दिया था जिसमे मुख्तार अंसारी की ओर से कहा गया था कि 19 मार्च की रात में उसको जो भोजन दिया गया था उसमें विषाक्त पदार्थ मिलाया गया था. इसी को लेकर 21 मार्च को कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर मामले की जांच की मांग की गई थी.