उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / bharat

कभी 1 महीने रुकी चारधाम यात्रा तो कभी मौत के आंकड़ों ने डराया, 2025 में नए स्वरूप में होंगे इन धामों के दर्शन

10 मई को शुरू हुई उत्तराखंड चारधाम यात्रा 17 नवंबर को संपन्न हो गई, बदरी-केदार धाम में सौंदर्यीकरण का काम जारी, अगले सीजन भव्य दर्शन

BADRI KEDAR TEMPLE NEW LOOK
चारधाम यात्रा (PHOTO- ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 4 hours ago

Updated : 3 hours ago

देहरादून (उत्तराखंड): रविवार 17 नवंबर 2024 को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही, उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पूरी हो गई. इस बार यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या पिछली बार के मुताबिक कम रही. साथ ही साथ मौसम भी यात्रा पर काफी गुस्सैल दिखाई दिया. बारिश के दौरान लगभग 1 महीने तक यात्रा बंद रही, तो वहीं पूरे यात्रा सीजन में श्रद्धालु बर्फबारी के लिए भी तरस गए. केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में इस बार एक या दो दिन अक्टूबर महीने में छिटपुट बर्फबारी हुई. जिस तरह की बर्फबारी कपाट बंद होने से पहले उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में होती है, वह बिल्कुल नदारद रही.

शुरुआती दिनों से ही चर्चा में आई चारधाम यात्रा:उत्तराखंड की चारधाम यात्रा इस बार बेहद चर्चा में रही. चर्चा इस बात की रही कि आखिरकार यात्रा को मिस मैनेज कैसे होने दिया. शुरुआती दिनों में ही गंगोत्री और यमुनोत्री में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ को ना संभालने में हुई ढिलाई के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खुद मोर्चा संभालना पड़ा. साल 2013 के बाद ऐसा पहली बार हुआ, जब यात्रा को उत्तरकाशी, जोशीमठ और अन्य जगहों पर रोकना पड़ा हो. यह सब बारिश या यह कहें कि मानसून से पहले हुआ, जबकि मानसून आने के बाद यात्रा 1 महीने तक बंद रही. यात्रा को लेकर जहां विपक्ष पूरी तरह से सरकार पर हमलावर रहा, तो वहीं सरकार की तरफ से भी यात्रा को व्यवस्थित करने में खूब जोर आजमाइश हुई.

10 मई को शुरू हुई चारधाम यात्रा 17 नवंबर को संपन्न हुई (PHOTO- ETV BHARAT)

पटरी से उतर गई थी यात्रा सीएम ने संभाला था मोर्चा:चारधाम यात्रा शुरुआती फेज में ही पटरी से उतरने लगी थी. यमुनोत्री में लगातार श्रद्धालुओं की मौत के बाद इसकी चर्चा देहरादून से लेकर दिल्ली तक होने लगी थी. इसके बाद राज्य सरकार ने जहां अपने तमाम बड़े अधिकारियों को दफ्तर से उठकर चारों धामों पर कैंप करने के निर्देश दिए थे, तो वही केंद्र सरकार ने भी हर संभव सहायता का भरोसा देते हुए, सेना के जवानों को चारधाम यात्रा पर तैनात किया था. साल 2023 में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 54 लाख से भी अधिक पहुंच गई थी. इस बार यात्रा काल 46 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. गौमुख और हेमकुंड साहिब की यात्रा करने वाले तीर्थ यात्रियों को अगर जोड़ दें तो ये संख्या 4,811,279 (48 लाख 11 हजार 279) रही.

चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ धाम (PHOTO- ETV BHARAT)

17 दिन की देरी से शुरू हुई चारधाम यात्रा:इस साल चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू हुई. पिछले वर्ष 23 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा आरंभ हो गई थी. तब केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल और बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुले थे. इस वर्ष गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट 17 दिन बाद यानी 10 मई को खुले. बदरीनाथ धाम की यात्रा 12 मई से शुरू हुई.

एक महीने तक रुकी यात्रा:इस बार की चारधाम यात्रा पर सबसे अधिक समस्या 31 जुलाई से शुरू हुई. तब केदारनाथ घाटी में अचानक से आपदा आने की वजह से यात्रा को रोकना पड़ा था. इस आपदा में 6 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, जबकि अभी भी कई लोग लापता बताए जा रहे हैं. सरकार को रेस्क्यू के लिए राज्य की एजेंसियों के साथ-साथ सेना, वायु सेना और NDRF का सहारा लेना पड़ा था. यात्रा 1 महीने से अधिक समय तक रुकी रही.

रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम (PHOTO- ETV BHARAT)

भक्तों की संख्या हुई कम लेकिन मौत ने डाला चिंता में:इस बार चारधाम यात्रा में अगर बात बदरीनाथ की की जाए, तो श्रद्धालुओं की संख्या 14,35,341 तक पहुंची. इस दौरान विभिन्न कारणों से 68 श्रद्धालुओं की यात्रा के दौरान मौत भी हुई. केदारनाथ में 16 लाख 52,076 श्रद्धालु पहुंचे. केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान 127 लोगों की मौत भी हुई.

केदारनाथ जी की चल विग्रह मूर्ति (PHOTO- ETV BHARAT)

गंगोत्री में 815,273 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. दर्शन करने आए 16 श्रद्धालुओं की जान गंगोत्री धाम में भी गई. शुरुआती दिनों में यमुनोत्री धाम को लेकर जिस तरह से सवाल खड़े हुए थे, उसका असर यात्रियों की संख्या पर भी देखा गया. यहां पर 7 लाख 14 हजार 755 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. 40 श्रद्धालुओं की जान यात्रा के दौरान गई है. उत्तराखंड में हेमकुंड साहिब की यात्रा भी इस बार अच्छी खासी रही. यहां पर 183,722 श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारे में माथा टेका. यहां यात्रा की कठिन प्राकृतिक परिस्थितियों में 10 श्रद्धालुओं की जान चली गई.

गंगोत्री धाम उत्तरकाशी जिले में है (PHOTO- ETV BHARAT)

हम हर यात्रा से कुछ ना कुछ सीखते हैं:चारधाम मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि बारिश की वजह से यात्रा में समस्या जरूर आई, लेकिन श्रद्धालुओं का उत्साह हर साल की तरह ही रहा. मौसम पर किसी का जोर नहीं चल सकता, लेकिन सरकार और प्रशासन के साथ-साथ मंदिर समिति ने यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को सकुशल भगवान के दर्शन कराकर अपने-अपने राज्यों तक भेजने के लिए जो व्यवस्था की थी, उसकी तारीफ हर श्रद्धालु ने की है. हम हर साल यात्रा से कुछ ना कुछ सीखने जरूर हैं. इस बार भी यात्रा को संपन्न करने के बाद बहुत कुछ आगे के लिए बेहतर करने के प्रयास किए जाएंगे.

तेजी से बदल रही है धामों की सूरत:अजेंद्र अजय ने कहा कि इस साल जो श्रद्धालु बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में आए थे, जब वह अगली बार या 2026 में इन मंदिरों को देखेंगे, तो उन्हें दोनों ही धाम बेहद बदले बदले नजर आएंगे. अभी दोनों धामों के सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है. बदरीनाथ और केदारनाथ के विस्तार कार्यक्रम के काम को तेजी से किया जा रहा है. कपाट बंद होने के बाद भी लगातार डेवलपमेंट का काम तेजी से किया जा रहा है. ताकि अगली बार जब यात्रा शुरू हो, तो श्रद्धालु नई केदारपुरी और नई बदरीपुरी को देख सकें.
ये भी पढ़ें:

Last Updated : 3 hours ago

ABOUT THE AUTHOR

...view details