नई दिल्ली:विवेक विहार के बेबी केयर अस्पताल में आग लगने से सात मासूम की मौत के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. अस्पताल का संचालन नियमों को ताख पर रखकर किया जा रहा था. अस्पताल का लाइसेंस भी एक्सपायर हो चुका था, साथ ही वहां क्षमता से ज्यादा बच्चों को एडमिट किया गया था. अस्पताल में फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं था.
शाहदरा जिले के डीसीपी सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि शनिवार रात तकरीबन 11 बजकर 29 मिनट पर अस्पताल में आग लगने की सूचना मिली. सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. दमकल की टीम को बुलाया गया. अस्पताल में फंसे 12 नवजात को रेस्क्यू किया गया, दिन में 6 नवजात की मौत हो गई. इलाज के दौरान बाद में एक और नवजात की भी मौत हो गई. आग बुझाने के बाद अस्पताल का निरीक्षण किया गया और वहां फटे हुए ऑक्सीजन सिलेंडर मिले.
डीसीपी ने बताया कि हादसे के बाद मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाशी की गई. इसके अलावा, पुलिस, फायर ब्रिगेड स्टाफ और क्राइम टीम द्वारा अस्पताल का गहन निरीक्षण किया गया. अस्पताल के निरीक्षण और नर्सिंग स्टाफ की जांच करने पर, यह पाया गया कि वहां कोई अग्निशामक यंत्र नहीं था. अनुचित प्रवेश निकास, आपातकालीन निकास की अनुपस्थिति और बीएएमएस डॉक्टर की तैनाती थी.
अस्पताल जांच के दौरान पाई गई कमियां:
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार द्वारा बेबी केयर नवजात शिशु अस्पताल को जारी लाइसेंस 31/03/2024 को पहले ही समाप्त हो चुका है.
- समाप्त लाइसेंस (उक्त अस्पताल को जारी) के अनुसार केवल 5 बिस्तरों के लिए अनुमति दी गई थी, लेकिन घटना के समय 12 नवजात बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
- डॉक्टर नवजात प्रोत्साहन देखभाल की आवश्यकता वाले नवजात बच्चे का इलाज करने के लिए योग्य नहीं हैं, क्योंकि वे केवल बीएएमएस डिग्री धारक हैं.
- आग लगने की स्थिति में आपातकालीन स्थिति के लिए उक्त अस्पताल में कोई अग्निशामक यंत्र स्थापित नहीं है.
- किसी भी अप्रिय घटना के मामले में अस्पताल में कोई आपातकालीन निकास नहीं है.
डीसीपी ने बताया कि जांच के दौरान यह पाया गया कि बेबी केयर न्यू बोर्न चाइल्ड हॉस्पिटल की दिल्ली के अलावा फरीदाबाद और गुड़गांव में भी ब्रांच है अस्पताल के मालिक डॉ नवीन खीचीं बाल चिकित्सा चिकित्सा में एमडी हैं. वह और उनकी पत्नी डॉ. जागृति (दंत चिकित्सक) अस्पताल चला रहे हैं.
डीसीपी ने बताया कि फायर टेंडर, क्राइम टीम और एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची. आग लगने का संभावित कारण शॉर्ट सर्किट बताया गया है. विद्युत निरीक्षक (श्रम विभाग), राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार, डी-ब्लॉक, शामनाथ मार्ग से विद्युत निरीक्षण रिपोर्ट प्राप्त की जा रही है. दिल्ली अग्निशमन सेवा से भी रिपोर्ट प्राप्त की जा रही है. इसके अलावा, जांच के दौरान जीटीबी अस्पताल शवगृह में मृतक का पोस्टमार्टम किया गया है. अस्पताल के मालिक आरोपी डॉ. नवीन खिचीं और ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर आकाश को गिरफ्तार कर लिया गया है. आगे की जांच की जा रही है.
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