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झारखंड के DGP पर भड़के सीएम हिमंता, FIR में दर्ज 12 हजार अज्ञात का पूछा नाम, चुनाव आयोग में करेंगे शिकायत - Himanta Biswa Sarma - HIMANTA BISWA SARMA

Himanta Biswa Sarma targeted DGP. असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने झारखंड के डीजीपी से एफआईआर में दर्ज 12 हजार अज्ञात का पूछा नाम है. साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग में शिकायत और न्यायिक जांच की मांग करने की बात भी कही है.

Assam CM Himanta Biswa Sarma targeted DGP of Jharkhand
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 25, 2024, 8:20 PM IST

रांचीः असम के मुख्यमंत्री और झारखंड बीजेपी के चुनाव सह प्रभारी हिमांता बिस्वा सरमा ने झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि 23 अगस्त को राज्य के युवा अपनी मांग को लेकर आक्रोश रैली में शामिल होने मोरहाबादी मैदान पहुंचे थे. अपना हक मांगने आए थे लेकिन उन्हें लाठी मिली.

हिमंता बिस्वा सरमा ने झारखंड के डीजीपी पर साधा निशाना (ETV Bharat)

हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि असम में लोग उल्फा से जूझ रहे हैं लेकिन यहां जैसा कांटा वाला बैरिकेडिंग नहीं देखा. उन्होंने कहा कि हमारे 52 कार्यकर्ता, नेता पर नामजद प्राथमिकी की हुई है, इससे कोई आपत्ति नहीं है. युवाओं के लिए जेल जाने को तैयार हैं लेकिन अज्ञात 12 हजार पर FIR क्यों हुआ है, राउंड फिगर कैसे तय कर दिया. उन्होंने कहा कि मोरहाबादी मैदान में जब युवा जमा थे, तब झामुमो के प्रवक्ता ने बयान दिया कि 5000 से भी कम लोग जमा हैं. ऐसे में 12000 अज्ञात पर प्राथमिकी कैसे हो गई आखिर 7000 एक्स्ट्रा लोग कहां से आ गए.

सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने डीजीपी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि तेल लगाने की भी एक हद होती है. जलियांवाला बाग में भी ब्रिटिश ने ऐसा एफआईआर नहीं किया था. उन्होंने डीजीपी को तीन दिन के भीतर 12000 युवाओं का नाम बताने को कहा है. सीएम हिमंता ने कहा कि युवा आक्रोश रैली के वक्त बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के भाषण के दौरान टियर गैस फायर किया कर दिया गया. उन्होंने कहा कि हम डीजीपी महोदय को कानून सिखा देंगे. इसकी शिकायत चुनाव आयोग में की जाएगी। ऐसे डीजीपी के अधीन निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हो सकता.

निर्दोष युवाओं को जेल में डालने की साजिश

सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि एक साजिश के तहत 12000 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है. अब अगर कोई युवा अपनी आवाज उठाएगा तो उसे इसी केस में जेल में डाल दिया जाएगा. इस मामले को पार्टी कोर्ट में ले जाएगी. उन्होंने कहा कि डेमोक्रेटिक मूवमेंट को आप इस तरह कुचल नहीं सकते. उन्होंने रांची के एसएसपी को भी घेरा, पूछा कि आपने कंटीला फेंसिंग क्यों लगाया, इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए.

भीड़ की तरफ से पत्थर चलाए जाने के बाद पुलिस के एक्शन से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि क्या यह संभव नहीं कि सिविल ड्रेस में पुलिस के लोग ही भीड़ में शामिल थे. बिना मजिस्ट्रेट जांच के इस तरह का आरोप कैसे लग सकते हैं. उन्होंने कहा कि FIR में रणधीर सिंह का नाम है जबकि वो उस दिन मोरहाबादी मैदान में थे ही नहीं. लिहाजा साफ है कि युवाओं को ब्लैकमेल करने के लिए इस तरह का केस दर्ज किया गया है. एक साजिश के तहत गैर जमानती धाराएं लगाई गई हैं.

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