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Amol Khatal: साइबर कैफे चलाने वाला किसान पुत्र बना विधायक, बड़ी प्रेरक है संघर्ष की कहानी - AMOL KHATAL

Amol Khatal: अमोल खताल ने संगमनेर विधानसभा सीट से शिवसेना के टिकट पर जीत हासिल की और कांग्रेस के दिग्गज नेता बालासाहेब थोरात को हराया.

AMOL KHATAL CYBER CAFE OWNER BECOME MLA WHO DEFEATED CONGRESS GIANT BALASAHEB THORAT IN SANGAMNER
अमोल खताल (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 25, 2024, 8:41 PM IST

शिरडी (अहिल्यानगर): महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में संगमनेर सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता बालासाहेब थोरात को हराने वाले अमोल खताल की खूब चर्चा हो रही है. खताल ने बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के यह कमाल कर दिखाया और विधायक चुने गए.

किसान परिवार से आने वाले अमोल खताल इससे पहले साधारण ग्राम पंचायत सदस्य भी नहीं चुने गए थे. उन्होंने अपने पहले चुनाव कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व मंत्री बालासाहेब थोरात को हराकर सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. साइबर कैफे चलाने वाले अमोल खताल का विधायक बनने तक का सफर सभी को हैरान कर रहा है.

अमोल खताल संगमनेर क्षेत्र के धांदरफल खुर्द का रहने वाले हैं. कुछ साल पहले वह संगमनेर कस्बे में व्यवसाय करने आए थे. शुरुआत में उन्होंने बस स्टैंड के सामने भारतीय स्टेट बैंक के पास साइबर कैफे शुरू किया. खताल स्कूली छात्रों के आवेदन भरने के साथ लोगों के विभिन्न ऑनलाइन कार्य करते थे और कुछ ही दिनों में उनका व्यवसाय अच्छी तरह स्थापित हो गया. बाद में उनके साइबर कैफे में भीड़ लगने लगी.

बाद में खताल ने सामाजिक, राजनीतिक और शैक्षणिक मुद्दों को सुलझाने के लिए काम करना शुरू कर दिया और फिर उन्होंने राजनीति में कदम रखा. इस दौरान वह राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल और पूर्व सांसद डॉ सुजय विखे पाटिल के मार्गदर्शन में काम करने लगे. धीरे-धीरे खताल संगमनेर तालुका में विखे पाटिल के बहुत ही भरोसेमंद व्यक्ति के रूप में जाने जाने लगे.

बालासाहेब थोरात (ETV Bharat)

आम लोगों को दिलाया योजना का लाभ
अमोल खताल को संगमनेर विधानसभा के प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. उन्होंने इसे बहुत अच्छे से संभाला. इसे देखते हुए विखे पाटिल ने खताल को संगमनेर तालुका में संजय गांधी निराधार पेंशन योजना की जिम्मेदारी दी और खताल ने इसका लाभ तालुका के गरीब आम लोगों को दिलाया. इससे कई लोगों को पैसे मिलने लगे. इसके साथ ही उन्होंने गरीब युवाओं की समस्याओं को सुलझाने का भी काम किया है.

संगमनेर को जिला बनाने के लिए भूख हड़ताल
इसके साथ ही अमोल खताल ने संगमनेर को जिला बनाने के लिए संगमनेर बस स्टैंड के सामने भूख हड़ताल भी की थी. उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर लगातार अपनी आवाज उठाई है.

विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले डॉ. सुजय विखे पाटिल संगमनेर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे, इसलिए उन्होंने क्षेत्र में अलग-अलग जगहों पर सभाएं भी की थीं. हालांकि, धांदरफाल की घटना के बाद सही मायनों में अमोल खताल को महायुति की ओर से उम्मीदवार बनाया गया.

इसमें विखे ने खताल के लिए प्रचार करने के लिए सभाएं भी की थीं. खताल ने पूरे तालुका की घेराबंदी करके सड़क और पानी के मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया था. आखिरकार खताल ने थोरात को चुनाव में हरा दिया.

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