तेजपुर: सेला सुरंग परियोजना का काम जल्द पूरा होने वाला है. विपरीत परिस्थितियों में इसका काम तेजी से जारी है. समुद्र तल से 13000 फीट की ऊंचाई पर बनी 12.04 किलोमीटर लंबी सेला सुरंग पूर्वोत्तर में रक्षा के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है. इसके पूरा होने पर भारत-चीन सीमा तक जाने वाली सड़क सुगम हो जाएगी. भारतीय सेना समेत भारतीय सुरक्षा बल अब कम समय में सीमा पर पहुंच सकेंगे.
इस सुरंग से अरुणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र का देश के अन्य हिस्सों से संपर्क आसान हो जाएगा. जिस क्षण यह बाइलेन सुरंग राष्ट्र को समर्पित होगी, इसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह मिल जाएगी क्योंकि यह सुरंग काफी ऊंचाई पर बनाई गई है. यह सुरंग फरवरी में देश को समर्पित होने की संभावना है जिसे सीमा सड़क संगठन के प्रोजेक्ट वर्तक के तहत बनाया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 18 फरवरी को असम और अरुणाचल प्रदेश का दौरा करने की उम्मीद है. सुरंग के उसी समय 19 फरवरी को खुलने की उम्मीद है. हालांकि, इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है. दूसरी ओर उसी मार्ग पर नेचिफू सुरंग का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है और परिवहन के लिए खोल दिया गया है.
पूर्व में बेहद चुनौतीपूर्ण इलाकों के बीच प्रतिकूल मौसम और भारी बारिश के कारण सड़क पर ब्लैक टैपिंग में कुछ बाधाएं आई थीं लेकिन वह काम अब पूरा हो चुका है. वर्तमान में भारी बर्फबारी के बीच कई चुनौतियों का सामना करते हुए विशेष रूप से पश्चिमी अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग और तवांग क्षेत्र में आगे की कनेक्टिविटी के लिए बीआरओ के प्रयासों से सेला सुरंग का निर्माण कार्य जारी है.