लखनऊःकांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव(Lok Sabha Elections) के लिए अपने प्रत्याशियों की चौथी लिस्ट जारी की. जिसमें उत्तर प्रदेश की 9 लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा की गई है. इस लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को प्रत्याशी बनाया गया है. कांग्रेस की चौथी लिस्ट में शनिवार को कुल 46 सीटों की घोषणा की गई है.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में है. इसके तहत कांग्रेस को उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 17 सीटों पर चुनाव लड़ना है. इसी कड़ी में कांग्रेस ने पहली लिस्ट में कुल 9 प्रत्याशियों की सूची जारी की है जिसमें सहारनपुर लोकसभा की सीट शामिल है जिस पर नामांकन की प्रक्रिया 20 मार्च से शुरू हो चुकी है.
नरेंद्र मोदी को टक्कर देंगे अजय राय
अपनी चौथी लिस्ट में हाई प्रोफाइल सीट में शामिल वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने कांग्रेस ने अपने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को तीसरी बार यहां से टिकट दिया है. बता दें कि अजय राय इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ साल 2014 और 2019 में वाराणसी से चुनाव लड़ चुके हैं. वाराणसी लोकसभा सीट को काशी और बनारस के नाम से भी लोग जानते हैं. यहां से वर्तमान समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद है. वह यहां से लगातार दो बार 2014 और 2019 में इस सीट से चुनाव लड़कर जीत चुके हैं. इससे पहले 1991 से ही बीजेपी वाराणसी में काबिज है. केवल 2004 में इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार राजेश मिश्रा इस सीट पर चुनाव जीतने में सफल रहे थे.
वहीं, कांग्रेस पार्टी के नेताओं का मानना है कि समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन होने से इस बार वाराणसी सीट पर प्रधानमंत्री मोदी को कड़ा मुकाबला का सामना करना पड़ेगा. कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि मौजूदा समय में वाराणसी की जाति समीकरण की बात करें तो यहां कुर्मी समाज के मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. विशेष तौर पर रोहनिया और सेवापुरी विधानसभा में कुर्मी मतदाता काफी संख्या में है. इसके अलावा ब्राह्मण और भूमिहारों की भी संख्या अच्छी खासी तादात में है. वाराणसी के लिए वैश्य, यादव और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या जीत के लिए निर्णायक साबित होती है. यहां पर तीन लाख से ज्यादा गैर यादव वोटर है. दो लाख से ज्यादा वोटर कुर्मी जाति के हैं. दो लाख वैश्य वोटर है. डेढ़ लाख भूमिहार वोटर है. इसके अलावा वाराणसी में एक लाख यादव और एक लाख अनुसूचित जाति के वोटर है. ऐसे में कांग्रेस इस बार प्रधानमंत्री मोदी के सामने मजबूती से चुनाव लड़ेगी.
सहारनपुर से इमरान मसूद को मिला टिकट
आम चुनाव की घोषणा हो चुकी है. 20 मार्च से पहले चरण के नामांकन की प्रक्रिया भी चल रही है. जो 27 मार्च को पूरा होना है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को गठबंधन में जो 17 सीट मिली है. उनमें से सहारनपुर सीट पहले चरण में कांग्रेस को लड़ना है. ऐसे में कांग्रेस ने इस मुस्लिम बहुल सीट पर अपने सबसे कदावर चेहरे के तौर पर जाने जाने वाले इमरान मसूद को टिकट दिया है. इमरान मसूद के चाचा रशीद मसूद यहां से पांच बार के सांसद रहे हैं. जबकि 2014 में इमरान मसूद व रशीद मसूद के बेटे दोनों आमने-सामने इस सीट पर भी चुनाव लड़ चुके हैं. जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर इमरान मसूद दूसरे नंबर पर रहे थे.
वहीं, सहारनपुर लोकसभा सीट की बात करें तो कांग्रेस यहां पर 1984 में अंतिम बार चुनाव जीत पाने में सफल हुई थी. बीते पांच लोकसभा चुनाव में यह सीट तीन बार बहुजन समाज पार्टी ने जीती है. 1996 तक इस सीट पर जनता पार्टी का कब्जा रहा. उसके बाद 1996 से 1998 तक यह सीट भाजपा के खाते में चली गई. लेकिन 1999 के चुनाव के बाद इस सीट पर बसपा और समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा. 1999 में बसपा ने यह सीट जीती थी. इसके बाद इसके बाद 2004 में समाजवादी पार्टी ने यह सीट जीत ली थी. फिर 2009 में बसपा ने दोबारा यह सीट जीत ली. 2014 में मोदी लहर में यह सीट भाजपा के पास गई पर 2019 में मोदी लहर के बावजूद बसपा ने यह सीट दोबारा जीत ली थी.
बसपा से आए दो नेताओं को मिला टिकट
कांग्रेस ने अपने चौथी लिस्ट में बहुजन समाज पार्टी छोड़कर पार्टी में शामिल हुए दो नेताओं को टिकट दिया है. अभी कुछ दिन पहले ही अमरोहा सीट से बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली कांग्रेस पार्टी ज्वाइन किया था. पार्टी ने उन्हें इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. वही बांसगांव सुरक्षित सीट पर पार्टी ने 2014 व 2019 में दूसरे नंबर पर रहे बहुजन समाजवादी पार्टी के नेता व पूर्व मंत्री सदल प्रसाद को टिकट दिया है. सदल प्रसाद में करीब 20 दिन पहले दिल्ली में पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ली थी. अगर अमरोहा लोकसभा सीट की बात करें तो इस सीट पर अभी तक कोई भी महिला सांसद चुनाव नहीं जीत पाई है. जबकि एक बार यहां पर निर्दलीय चुनाव जीत चुका है.
बता दें कि अमरोहा सीट की बात करें तो इस पर कभी किसी एक दल का दबदबा नहीं रहा है. 2019 में बहुजन समाज पार्टी के कौन दानिश अली इस सीट पर विजय हुए थे. इस बार वह कांग्रेस से टिकट पाने में सफल रहे हैं. 2019 में दानिश अली को 6 लाख से अधिक वोट हासिल हुए थे. वही कुंवर सिंह तवर को 537000 वोट मिले थे और दानिश अली 63 हजार से अधिक वोटो से जीतने में सफल हुए थे. इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार को आखिरी बार 1984 में जीत हासिल हुई थी. इस सीट पर हिंदू धर्म के 58.44 फीसदी आबादी है. जबकि मुसलमान की आबादी 41 फीसदी से अधिक है. इसके अलावा यहां पर दलित, सैनी और जाट बिरादरी के वोटर है.