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इंजीनियर निकला 300 करोड़ की अकूत संपत्ति का मालिक, बिहार में 90 करोड़ का मॉल: अब काली कमाई की जांच - Agra Engineer Corruption - AGRA ENGINEER CORRUPTION

सीएम कार्यालय से आगरा मंडलायुक्त को जांच के आदेश दिए गए हैं. जिस पर मंडलायुक्त ने अपर आयुक्त प्रशासन और एडीएम सिटी की निगरानी में दो सदस्यीय कमेटी गठित की है. जिस पर कमेटी ने जांच शुरू कर दी है.

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स्मार्ट सिटी आगरा के पूर्व नोडल अधिकारी और नगर निगम के अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) आरके सिंह. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 6, 2024, 2:32 PM IST

Updated : Jul 8, 2024, 2:36 PM IST

इंजीनियर निकला 300 करोड़ की अकूत संपत्ति का मालिक, बिहार में 90 करोड़ का मॉल: अब काली कमाई की जांच

आगरा: स्मार्ट सिटी आगरा के पूर्व नोडल अधिकारी और नगर निगम के अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) आरके सिंह भ्रष्टाचार के आरोप फंस गए हैं. सीएम योगी को अधिशासी अभियंता का काला चिट्ठा भेजकर शिकायत की गई है. आरोप है कि 8 साल से आगरा में तैनाती के दौरान आरके सिंह ने आय से अधिक 300 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की है.

इस शिकायत पर सीएम कार्यालय से आगरा मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी को जांच के आदेश दिए गए हैं. जिस पर मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने अपर आयुक्त प्रशासन राजेश कुमार और एडीएम सिटी अनूप कुमार की निगरानी में दो सदस्यीय कमेटी गठित की है. जिस पर कमेटी ने जांच शुरू कर दी है.

मूल रूप से बिहार में विलासपुर के रहने वाले अधिशासी अभियंता आरके सिंह की आगरा नगर निगम में सन 2016 में तैनाती हुई थी. तब उन्हें हरीपर्वत जोन का अभियंता बनाया गया था. सन 2017 में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में आगरा निगम ने आरके सिंह को स्मार्ट सिटी का पहला नोडल अधिकारी बनाया था.

इस दौरान एक हजार करोड़ रुपये से ताजगंज क्षेत्र सहित शहर के अन्य वार्ड में कार्य होने थे. जिसमें सबसे बड़ा प्रोजेक्ट एकीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का 285 करोड़ रुपये का था. जिसके तहत 1216 सीसीटीवी कैमरे लगने थे. तीन करोड़ रुपये से तीन लाख घरों में फ्रीक्वेंसी रीडर कार्ड लगने थे.

आठ स्थानों पर स्वचलित शौचालय, 150 करोड़ रुपये से ताजगंज क्षेत्र को चौबीस घंटे गंगाजल मिलना था. 39 स्थानों पर प्रदूषण की रीडिंग के लिए सेंसर लगने थे. गड्ढा मुक्त अभियान के नाम पर आठ करोड़ रुपये के कार्य कराए गए हैं. एक बार भी निर्माण की गुणवत्ता की ठीक तरीके से जांच नहीं हुई. गोशाला सहित कई निर्माण कार्य ऐसे हैं, जो बिना टेंडर के कराए गए.

सीएम योगी से शिकायत में क्या कहा गया:ग्वालियर रोड के अशोक कुशवाह ने सीएम योगी से पांच जून 2024 को शिकायत की. जिसमें 23 बिंदुओं की जानकारी में भ्रष्टाचार किस तरीके से किया गया, ये सब कुछ बताया गया है. अशोक ने बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में जिन कार्यों का टेंडर हुआ, उसमें 10 से 15 प्रतिशत कमीशन आरके सिंह ने लिया है. स्मार्ट सिटी में जो भी कार्य हुए हैं, उनकी गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए. स्मार्ट सिटी के अलावा निगम के कार्यों में भी खेल किया गया है.

बिहार के विलासपुर में बन चुका है माल:शिकायतकर्ता अशोक कुशवाह का आरोप है कि अधिशासी अभियंता आरके सिंह ने विलासपुर (बिहार) में एक मॉल का भी निर्माण कराया है, जो उनके परिजन के नाम पर है. उस मॉल की कीमत करीब 90 करोड़ रुपये के आसपास है. ये मॉल आगरा में किए गए भ्रष्टाचार की रकम से बनाया गया है. इसकी जांच की जाए.

आरके सिंह बोले, मैं जांच में करूंगा पूरा सहयोग:उप्र शासन के आदेशानुसार एक ही पद पर लंबे समय तक कोई भी अधिकारी या फिर अभियंता नहीं रह सकता है. लेकिन, आठ साल से आरके सिंह आगरा नगर निगम के हरीपर्वत जोन में रहे. डेढ़ साल पहले आरके सिंह का तबादला वाराणसी हो गया था. लेकिन, उन्होंने अभी तक कार्यभार नहीं संभाला है. इस बारे में अधिशासी अभियंता आरके सिंह का कहना है कि, प्रक्रिया के तहत कोई भी जांच हो उसके लिए तैयार हूं. मैं जांच में पूरा सहयोग करूंगा.

दो सदस्यीय कमेटी गठित:आगरा मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने बताया कि, नगर निगम के अधिशासी अभियंता आरके सिंह के विरुद्ध आय से अधिक संपत्तियां होने की शिकायत मिली थी. जिस पर शासन के आदेश पर अपर आयुक्त प्रशासन राजेश कुमार की निगरानी में दो सदस्यीय कमेटी गठित की गई है. जांच कमेटी जल्द जांचकर रिपोर्ट देगी. इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

भाजपा विधायक ने भी की थी सीएम से शिकायत:भाजपा प्रदेश और देश में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. योगी सरकार में भाजपा विधायक ने 28 फरवरी 2023 को आगरा नगर निगम के अधिशासी अभियंता और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी आरके सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए सीएम योगी से शिकायत की थी. जिसमें रिश्वत लेकर टेंडर देने से लेकर विकासकार्यों में कमीशनखोरी का आरोप लगाया गया था. बिना टेंडर के अपने चहेते ठेकेदारों से बड़ा कमीशन लेकर कार्य कराने का भी आरोप था. इसके साथ ही अधिशासी अभियंता पर बेनामी संपत्तियाें की जांच विजिजेंस से कराने की मांग की गई थी.

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Last Updated : Jul 8, 2024, 2:36 PM IST

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