नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के बाद बहुप्रतीक्षित सीएजी की रिपोर्ट मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पेश की, जिसे स्वीकार करते हुए विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा पिछली सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2017-18 के बाद से सीएजी की रिपोर्ट विधानसभा की पटल पर नहीं रखी गयी थी. उन्होंने सीएनजी रिपोर्ट की पृष्ठभूमि के बारे में सदन को बताया.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा हाईकोर्ट ने सीएजी रिपोर्ट को लेकर बेहद गंभीर टिप्पणियां की थी. सीएजी रिपोर्ट को पेश करने में लापरवाही बरती गई है. सीएजी रिपोर्ट को जानबूझ कर रोके रखा गया. एलजी के पास समय रहते रिपोर्ट को नहीं भेजा गया. संवैधानिक नियमों का उल्लंघन किया गया, रिपोर्ट को जानबूझकर छुपाया गया. हाई कोर्ट में साफ कहा है कि दिल्ली सरकार की तरफ से सीएजी रिपोर्ट को पेश करने में अत्यधिक देरी की गई. यह खुशी की बात है कि नई सरकार पहले ही सत्र में पहले ही दिन आज सीएजी रिपोर्ट को सदन के पटल पर पेश कर रही है.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा आज सिर्फ एक ही रिपोर्ट को सदन के पटल पर पेश किया जाएगा. इसी तरह से आने वाले दिनों में सदन के पटल पर अलग-अलग रिपोर्ट को पेश किया जाएगा. पीएम मोदी ने जो वादा किया है वह आज सरकार पूरा कर रही है.
विधानसभा में प्रस्तुत सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि नई शराब नीति से दिल्ली सरकार को क़रीब 2002.68 करोड़ का घाटा हुआ है. नई शराब नीति में पहले एक व्यक्ति को एक लाइसेंस मिलता था लेकिन नई नीति में एक शख़्स दो दर्जन से ज़्यादा लाइसेंस ले सकता था. जबकि पहले दिल्ली में 60 फीसदी शराब की बिक्री चार सरकारी कॉर्पोरेशन से होती थी लेकिन नई शराब नीति में कोई भी निजी कंपनी रिटेल लाइसेंस ले सकती है.