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बांके बिहारी मंदिर में 40 दिवसीय होली उत्सव शुरू, बसंत पंचमी पर खूब उड़ा अबीर

मथुरा में 14 फरवरी को ठाकुर बांके बिहारी जी ने भक्तों संग होली खेलकर ब्रज में चालीस दिवसीय होली की शुरुआत की. दूर दराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु होली खेलने के लिए पहुंचते हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 14, 2024, 12:56 PM IST

बांके बिहारी मंदिर में होली का आगाज

मथुरा : बसंत पंचमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. ब्रज में आज से 40 दिनों तक रंग-बिरंगे रंगों से होली खेली जाएगी. बांके बिहारी मंदिर सहित सभी मंदिरों में बुधवार को ठाकुर जी को गुलाल लगाकर होली की शुरुआत हो गई है. बांके बिहारी मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर, श्री कृष्ण जन्मभूमि और बरसाना राधा रानी मंदिर में होली के अनेक रंग देखने को मिलेंगे. दूर दराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु होली खेलने के लिए यहां पहुंचते हैं. बसंत पंचमी पर बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है.

बसंत पंचमी पर श्रद्धालुओं का लगा तांता


ब्रज में होली की शुरुआत :कृष्ण की नगरी में बसंत पंचमी के दिन से होली की शुरुआत हो जाती है. पूरे 40 दिनों तक ब्रज में रंग-बिरंगे गुलाल से होली खेलने के लिए दूर दराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. ब्रज में होली का एक अलग ही अनोखा आनंद है. सब जग होरी ब्रज होरा.., आज बिरज में होली रे रसिया, होली रे रसिया बरजोरी रे रसिया, आज बिरज में होली रे रसिया.. इन्हीं गीतों के साथ ब्रज के सभी मंदिरों में ठाकुर जी को लाल, पीला, नीला, हरा गुलाल लगाकर मंदिर परिसर में उड़ाया जाता है.

14 मार्च को कृष्ण की कीड़ा स्थल रमन रेती आश्रम में होगी होली.
17 मार्च को बरसाना के राधा रानी मंदिर में लड्डू मार होली.
18 मार्च को बरसाना में लठ्ठमार होली.
19 मार्च को नंद गांव में लठ्ठमार होली.
20 मार्च को रंगभरनी एकादशी श्रीकृष्ण जन्म स्थान मंदिर परिसर में लट्ठमार होली. शहर की द्वारकाधीश मंदिर और बांके बिहारी मंदिर में रंगों की होली.
21 मार्च को गोकुल में छड़ीमार होली.
24 मार्च को होलिका दहन, फालेन गांव की होली.
26 मार्च को धुलेंडी रंगों की होली.
27 मार्च दाऊजी का हुरंगा बलदेव.
27 मार्च जाब का हुरंगा गांव जाब.
27 मार्च चरकुला मुखराई.
31 मार्च महावन में होली.
2 अप्रैल श्रीरंग जी मंदिर मे होली वृन्दावन.

पूरा प्रांगण बसंती रंग :बसंत पंचमी के दिन ब्रज के सभी मंदिरों में विशेष सजावट के साथ-साथ ठाकुर जी को पीले वस्त्र धारण कराए जाते हैं. बांके बिहारी मंदिर में पीले रंग के गुब्बारे और विशेष सजावट के साथ-साथ ठाकुर जी को केसर से युक्त खीर का भोग भी लगाया जाता है. बांके बिहारी मंदिर सहित प्रेम मंदिर, इस्कॉन टेंपल, राधा रमन बरसाना, राधा रानी गोवर्धन दानघाटी, मथुरा द्वारकाधीश मंदिर और श्री कृष्ण जन्मभूमि पर ठाकुर जी को मंदिरों में गुलाल लगाया गया.

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चालीस दिनों तक खेली जाती है ब्रज में होली : बसंत पंचमी के दिन 14 फरवरी से ब्रज में होली महोत्सव का आगाज हो जाता है. मथुरा, वृंदावन, बरसाना, नंदगांव, दाऊजी, गोवर्धन में बसंत पंचमी के दिन से ही मंदिरों में ठाकुर जी गुलाल से होली खेलते हैं. 20 मार्च रंगभरी एकादशी को ब्रज में रंगों की होली शुरू होती है. वहीं, भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ा स्थली गोकुल के रमन रेती गुरु शरणानंद महाराज के आश्रम में टेसू के फूलों से रंग बनाकर होली खेली जाएगी.

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