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हिमाचल में 56 साल बाद 4 सैनिकों के शव बरामद, IAF विमान दुर्घटना में हुए थे शहीद - 4 Soldiers Bodies found in Lahaul

4 Soldiers bodies recovered in HP: हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में इंडियन एयरफोर्स के विमान दुर्घटना के 56 साल बाद 4 सैनिकों के शव बरामद किए गए हैं. सैनिकों के शवों को लाहौल-स्पीति के लोसर लाया जा रहा है, जहां उनकी पहचान की जा सके. ये विमान साल 1968 में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था.

4 Soldiers bodies recovered in HP
लाहौल घाटी से 4 सैनिकों के शव बरामद (Lahaul Spiti Police)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 1, 2024, 10:11 AM IST

Updated : Oct 1, 2024, 1:53 PM IST

लाहौल-स्पीति: हिमाचल प्रदेश में 56 साल पहले दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान के मलबे से चार सैनिकों के शव बरामद किए हैं. लाहौल-स्पीति जिले की पहाड़ियों पर भारतीय सेना के एक अभियान में साल 1968 में दुर्घटनाग्रस्त AN-12 विमान के मलबे से चार सैनिकों के शव बरामद हुए हैं. ये विमान इंडियन एयरफोर्स का था, जिसमें 102 सेना के जवान सवार थे. ये विमान चंडीगढ़ से लेह की नियमित उड़ान पर था, जब ये विमान दुर्घटना का शिकार हो गया.

सैटेलाइट से मिली शव मिलने की सूचना

लाहौल-स्पीति के पुलिस अधीक्षक मयंक चौधरी ने बताया कि इस खोज की जानकारी सैटेलाइट फोन के जरिए सेना के अभियान दल से प्राप्त हुई. ये दल लाहौल-स्पीति के दूरस्थ और कठिन क्षेत्र सीबी-13 (चंद्रभागा-13 चोटी) के पास बातल में पर्वतारोहण अभियान चला रहा था. एसपी चौधरी ने बताया, "सैटेलाइट संचार के जरिए मिली जानकारी के अनुसार, चार शव मिले हैं. प्रारंभिक जांच के आधार पर यह माना जा रहा है कि ये शव 1968 के भारतीय वायु सेना के AN-12 विमान दुर्घटना से जुड़े हो सकते हैं."

इंडियन एयरफोर्स की सबसे दुखद घटना

एसपी मयंक चौधरी ने बताया कि यह खोज एक लंबे और कठिन प्रयास का हिस्सा है. जिसमें 1968 की उस दुर्घटना में मारे गए सैनिकों के शवों को बरामद करने की कोशिश की जा रही है. यह दुर्घटना भारतीय सैन्य विमानन इतिहास की सबसे दुखद घटनाओं में से एक है. खराब मौसम के कारण विमान लाहौल घाटी के पहाड़ी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. वर्षों के कई खोज अभियानों के बावजूद, इस दुर्घटना के कई शव और मलबा बर्फीले और ऊंचाई वाले इलाके में खोए हुए थे.

2018 में मिला था एक और सैनिक का शव

एसपी लाहौल-स्पीति मयंक चौधरी ने बताया, "साल 2018 में इस विमान का मलबा और एक सैनिक का शव ढाका ग्लेशियर बेस कैंप पर मिला था. जो 6,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह खोज उस समय पर्वतारोहियों की एक टीम ने की थी, जो चंद्रभागा-13 चोटी पर सफाई अभियान पर थी. अब, दुर्घटना के 56 साल बाद 4 सैनिकों के इन शवों की हालिया बरामदगी उन शहीदों की याद को सम्मानित करने और उनके परिवारों को सुकून पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है."

सैनिकों के शवों की हुई पहचान

एसपी लाहौल-स्पीति मयंक चौधरी ने बताया कि विमान हादसे में बरामद 4 शवों की पहचान की जा चुकी है. शव सड़ी-गली अवस्था में बरामद हुए हैं. जिनकी पहचान सहारनपुर के मलखान सिंह, पौड़ी गढ़वाल के सिपाही नारायण सिंह, हरियाणा के रेवाड़ी के सिपाही मुंशी राम और केरल के थॉमस चेरियन के रूप में हुई है. शवों के मिलने को लेकर पुलिस ने सेना से संपर्क किया. शवों को लोसर लाया जा रहा है, जहां उनका पोस्टमार्टम करवाया जाएगा और फिर उन्हें परिवार को सौंप दिया जाएगा.

बेहद कठिन इलाके में मिले शव

एसपी लाहौल-स्पीति मयंक चौधरी ने बताया कि सेना का अभियान दल अब शवों को लोसर बेस पर ला रहा है. उन्होंने कहा, "सैनिकों के शवों को अन्य औपचारिकताओं के लिए लोसर लाया जा रहा है. जहां से मलबा और शव मिले हैं, वो इलाका बेहद कठिन और ऊंचाई पर स्थित है, जिससे वहां पहुंचना और खोज अभियान चलाना बहुत चुनौतीपूर्ण है. यह बरामदगी सेना के पर्वतारोहण दल की दृढ़ता और विशेषज्ञता का प्रमाण है."

इस खोज ने 1968 की दुर्घटना पर फिर से ध्यान आकर्षित किया है, और कई लोगों को उम्मीद है कि इन सैनिकों के शवों की बरामदगी से उन अन्य सैनिकों का भी पता चल सकेगा, जो इस दुर्घटना के बाद अब तक लापता हैं.

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Last Updated : Oct 1, 2024, 1:53 PM IST

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