پارٹی کی اترپردیش کی انچارج پرینکا گاندھی نے کہا کہ کسان پنجاب، ہریانہ اور اترپردیش سے دہلی آکر اپنی آواز بلند کرنا چاہتے تھے لیکن حکومت نے اسے کچلنے کی کوشش کی ہے اور ان کو دہلی آنے سے روکا ہے۔
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किसानों की आवाज दबाने के लिए
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 27, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
👉पानी बरसाया जा रहा है
👉सड़कें खोदकर रोका जा रहा है
लेकिन सरकार उनको ये दिखाने और बताने के लिए तैयार नहीं है कि MSP का कानूनी हक होने की बात कहां लिखी है
एक देश, एक चुनाव की चिंता करने वाले प्रधानमंत्री जी को एक देश, एक व्यवहार भी लागू करना चाहिए pic.twitter.com/7mQwA812Z8
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— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 27, 2020
👉पानी बरसाया जा रहा है
👉सड़कें खोदकर रोका जा रहा है
लेकिन सरकार उनको ये दिखाने और बताने के लिए तैयार नहीं है कि MSP का कानूनी हक होने की बात कहां लिखी है
एक देश, एक चुनाव की चिंता करने वाले प्रधानमंत्री जी को एक देश, एक व्यवहार भी लागू करना चाहिए pic.twitter.com/7mQwA812Z8किसानों की आवाज दबाने के लिए
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 27, 2020
👉पानी बरसाया जा रहा है
👉सड़कें खोदकर रोका जा रहा है
लेकिन सरकार उनको ये दिखाने और बताने के लिए तैयार नहीं है कि MSP का कानूनी हक होने की बात कहां लिखी है
एक देश, एक चुनाव की चिंता करने वाले प्रधानमंत्री जी को एक देश, एक व्यवहार भी लागू करना चाहिए pic.twitter.com/7mQwA812Z8
محترمہ واڈرا نے بتایا کہ ’’کسانوں کی آواز دبانے کے لیے پانی کی بوچھاریں کی جارہی ہیں، سڑکیں کھود کر روکا جا رہا ہے لیکن حکومت ان کو یہ دکھانے اور بتانے کے لئے تیار نہیں ہے کہ ایم ایس پی کے قانونی حق کی بات کہاں لکھی ہے۔ ایک ملک، ایک انتخابات کی فکر کرنے والے وزیر اعظم جی کو ایک ملک، ایک رویہ بھی نافذ کرنا چاہئے۔‘‘