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‘JNUକୁ ହ୍ବାଟ୍ସଆପ ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟରେ ପରିବର୍ତ୍ତନ କରିବାକୁ ଦେବୁନି’

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Published : Dec 19, 2019, 3:07 PM IST

ଜବାହାରଲାଲ ନେହେରୁ ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟରେ ଫିସ୍ ବୃଦ୍ଧିକୁ ନେଇ ପ୍ରଦର୍ଶନ ଚାଲିଛି । ଏ ସମୟରେ ଛାତ୍ରଛାତ୍ରୀଙ୍କ ପରୀକ୍ଷା ପାଇଁ ପ୍ରଶାସନ ବାହାର କରିଥିବା ସ୍ବତନ୍ତ୍ର ବିକଳ୍ପକୁ ବିରୋଧ କରୁଛି ଛାତ୍ର ସଂଗଠନ ।

JNU will not be allowed to become WhatsApp University
JNUକୁ ହ୍ବାଟ୍ସଆପ ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟ

ନୂଆଦିଲ୍ଲୀ: ଜବାହାରଲାଲ ନେହେରୁ ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟରେ ଫିସ୍ ବୃଦ୍ଧିକୁ ନେଇ ପ୍ରଦର୍ଶନ ଚାଲିଛି । ଏ ସମୟରେ କେତେ ଛାତ୍ର ପରୀକ୍ଷା ଦେବାକୁ ଚାହୁଁଛନ୍ତି ମାତ୍ର ନଦେଇ ପାରିବାରୁ ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟ ପ୍ରଶାସନ ଅନଲାଇନ ଇ-ମେଲ ଜରିଆରେ ପରୀକ୍ଷା ନେବାକୁ ନିଷ୍ପତ୍ତି ନେଇଥିଲେ । ଏହାକୁ କିନ୍ତୁ ହ୍ବାଟ୍ସଆପ୍ ୟୁନିଭର୍ସିଟି ବୋଲି କହିଛନ୍ତି ଜେଏନୟୁ ଛାତ୍ର ସଂଗଠନର ଅଧ୍ୟକ୍ଷା ।


ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟ ପ୍ରଶାସନ ଅନୁସାରେ, ଘରେ ବସି ଛାତ୍ରଛାତ୍ରୀ ପରୀକ୍ଷା ଦେଇପାରିବେ । ଇ-ମେଲରେ ପ୍ରଶ୍ନପତ୍ର ପଠାଇବା ସହ ନିର୍ଦ୍ଧାରିତ ସମୟରେ ଛାତ୍ରଛାତ୍ରୀ ଉତ୍ତର ପତ୍ର ପଠାଇବେ । ଏହାକୁ ବିରୋଧ କରି ଛାତ୍ର ସଂଗଠନର ଅଧ୍ୟକ୍ଷା, ସେ କହିଥିଲେ କି, ଏହା ୟୁନିଭର୍ସିଟିର ଗରିମା ବିରୁଦ୍ଧରେ । କୌଣସି ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟ ଡିନ୍ ପାଖରେ ଏହି ଅଧିକାର ନାହିଁ କି, ସେ ବିକଳ୍ପ ଉପାୟରେ ପରୀକ୍ଷା କରିବେ । ଜେଏନୟୁକୁ ହ୍ବାଟ୍ସଆପ ୟୁନିଭର୍ସିଟି ନ କରିବା ପାଇଁ ସେ କହିଛନ୍ତି ।

ଯେତେବେଳେ ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟ ପ୍ରଶାସନ ଆନ୍ଦୋଳନକୁ ରୋକି ପାରିଲେନି, ସେତେବେଳେ ଛାତ୍ରଙ୍କୁ ଅଲଗା କରିବା ପାଇଁ ହ୍ବାଟ୍ସଆପକୁ ଅସ୍ତ୍ର ଭାବେ ବ୍ୟବହାର କରିଛନ୍ତି । ତେବେ ଛାତ୍ର ଶପଥ ନେଇଛନ୍ତି ଓ ଏହି ହ୍ବାଟ୍ସଆପ ପରୀକ୍ଷାକୁ ବର୍ଜନ କରିବେ ବୋଲି ସେ କହିଛନ୍ତି ।

ନୂଆଦିଲ୍ଲୀ: ଜବାହାରଲାଲ ନେହେରୁ ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟରେ ଫିସ୍ ବୃଦ୍ଧିକୁ ନେଇ ପ୍ରଦର୍ଶନ ଚାଲିଛି । ଏ ସମୟରେ କେତେ ଛାତ୍ର ପରୀକ୍ଷା ଦେବାକୁ ଚାହୁଁଛନ୍ତି ମାତ୍ର ନଦେଇ ପାରିବାରୁ ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟ ପ୍ରଶାସନ ଅନଲାଇନ ଇ-ମେଲ ଜରିଆରେ ପରୀକ୍ଷା ନେବାକୁ ନିଷ୍ପତ୍ତି ନେଇଥିଲେ । ଏହାକୁ କିନ୍ତୁ ହ୍ବାଟ୍ସଆପ୍ ୟୁନିଭର୍ସିଟି ବୋଲି କହିଛନ୍ତି ଜେଏନୟୁ ଛାତ୍ର ସଂଗଠନର ଅଧ୍ୟକ୍ଷା ।


ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟ ପ୍ରଶାସନ ଅନୁସାରେ, ଘରେ ବସି ଛାତ୍ରଛାତ୍ରୀ ପରୀକ୍ଷା ଦେଇପାରିବେ । ଇ-ମେଲରେ ପ୍ରଶ୍ନପତ୍ର ପଠାଇବା ସହ ନିର୍ଦ୍ଧାରିତ ସମୟରେ ଛାତ୍ରଛାତ୍ରୀ ଉତ୍ତର ପତ୍ର ପଠାଇବେ । ଏହାକୁ ବିରୋଧ କରି ଛାତ୍ର ସଂଗଠନର ଅଧ୍ୟକ୍ଷା, ସେ କହିଥିଲେ କି, ଏହା ୟୁନିଭର୍ସିଟିର ଗରିମା ବିରୁଦ୍ଧରେ । କୌଣସି ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟ ଡିନ୍ ପାଖରେ ଏହି ଅଧିକାର ନାହିଁ କି, ସେ ବିକଳ୍ପ ଉପାୟରେ ପରୀକ୍ଷା କରିବେ । ଜେଏନୟୁକୁ ହ୍ବାଟ୍ସଆପ ୟୁନିଭର୍ସିଟି ନ କରିବା ପାଇଁ ସେ କହିଛନ୍ତି ।

ଯେତେବେଳେ ବିଶ୍ବବିଦ୍ୟାଳୟ ପ୍ରଶାସନ ଆନ୍ଦୋଳନକୁ ରୋକି ପାରିଲେନି, ସେତେବେଳେ ଛାତ୍ରଙ୍କୁ ଅଲଗା କରିବା ପାଇଁ ହ୍ବାଟ୍ସଆପକୁ ଅସ୍ତ୍ର ଭାବେ ବ୍ୟବହାର କରିଛନ୍ତି । ତେବେ ଛାତ୍ର ଶପଥ ନେଇଛନ୍ତି ଓ ଏହି ହ୍ବାଟ୍ସଆପ ପରୀକ୍ଷାକୁ ବର୍ଜନ କରିବେ ବୋଲି ସେ କହିଛନ୍ତି ।

Intro:नई दिल्ली । जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस को लेकर प्रदर्शन के चलते कई छात्र एंड सेमेस्टर की परीक्षा नहीं दे पाए थे. इसको लेकर स्कूल के डीन और स्पेशल सेंटर के चेयरपर्सन ने छात्रों को घर बैठे परीक्षा देने की सुविधा मुहैया कराने का फैसला लिया है जिससे छात्रों का भविष्य खराब ना हो. इसके तहत छात्रों को व्हाट्सएप और मेल के जरिए प्रश्न भेजे जाएंगे जिसे हल करके छात्रों को तय समय के अंदर भेजना होगा. वहीं जेएनयू छात्र संघ ने एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा परीक्षा की इस वैकल्पिक व्यवस्था की निंदा की और जेएनयू को व्हाट्सअप यूनिवर्सिटी मॉडल में तब्दील करने का आरोप लगाया. वहीं छात्रसंघ ने जेएनयू कम्युनिटी से अपील की कि वह अपनी एकता बनाए रखते हुए व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी मॉडल का बहिष्कार करें.


Body:इस बार परीक्षा छोड़ी तो अगले सत्र में नहीं मिलेगा दाखिला बता दें कि जेएनयू प्रशासन ने उन छात्रों को घर बैठे परीक्षा देने की सुविधा मुहैया कराने की पहल की है जो प्रदर्शन के चलते परीक्षा नहीं दे पाए थे. ऐसे में जेएनयू प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा लेने का हर जतन करने के बाद भी यदि विद्यार्थी यह परीक्षा नहीं देते तो वह अगले सेमेस्टर में बैठने के लिए योग्य नहीं होंगे. डीन के पास वैकल्पिक परीक्षा कराने का अधिकार नहीं वहीं जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष एन साईं बालाजी ने व्हाट्सएप एग्जामिनेशन को यूनिवर्सिटी की गरिमा के खिलाफ बताया है. उन्होंने कहा कि किसी भी स्कूल के डीन के पास यह अधिकार नहीं होता कि वह इस तरह के वैकल्पिक तरीकों से परीक्षा आयोजित करवा सकें. साथ ही कहा कि परीक्षा से पहले होने वाले इंटरनल एसेसमेंट भी नहीं हुए हैं उसकी भरपाई कैसे की जाएगी. व्हाट्सएप परीक्षा से धूमिल होगी जेएनयू की गरिमा वहीं छात्रसंघ ने कहा कि इस तरह व्हाट्सएप के जरिए परीक्षा लेकर जेएनयू प्रशासन प्रोफेसर एचएन कुंजरू, प्रोफेसर ए अप्पादोराई, प्रोफेसर एम एस राजन और उन सभी शिक्षकों के कठिन परिश्रम को तार-तार कर देगा जिन्होंने जेएनयू को एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय का दर्जा दिया है. वहीं छात्रसंघ ने कहा कि वह किसी भी ऐसे तरीकों से परीक्षा नहीं देना चाहते जो छात्रों की ईमानदारी पर सवालिया निशान लगाए. जेएनयू को व्हाट्सअप यूनिवर्सिटी मॉडल में तब्दील किया जा रहा है छात्रसंघ का कहना है कि व्हाट्सएप से परीक्षा लेने का विकल्प जेएनयू प्रशासन का छात्रों के प्रति चिंताजनक रवैया नहीं दिखाता बल्कि खुद को मीडिया की नजरों में ऊपर उठाने की महज एक चाल है. छात्रसंघ का कहना है कि जब वह छात्रों के प्रदर्शन को किसी भी तरह रोक नहीं पाए तो अब प्रदर्शनकारी छात्रों में फूट डालने के लिए व्हाट्सएप एग्जाम का हथियार अपनाया है. उन्होंने कुलपति पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह इस विश्वविद्यालय को व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी मॉडल बनाना चाह रहे हैं. उन्होंने कहा कि छात्रों ने पहले ही शपथ ले ली है कि व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी मॉडल का बहिष्कार करेंगे और व्हाट्सएप पर परीक्षा नहीं देंगे. व्हाट्सएप परीक्षा विश्वविद्यालय नियमों के विरुद्ध है छात्रसंघ का कहना है कि जेएनयू प्रशासन द्वारा ऑनलाइन एग्जाम का विकल्प विश्वविद्यालय के नियमों के विरुद्ध है. साथ ही उन्होंने कहा कि एचआरडी मिनिस्ट्री से छात्रों की समझौते की बातचीत चल रही है ऐसे में कुलपति का इस तरह हस्तक्षेप करना भारत सरकार के विरुद्ध जाना है. उन्होंने कहा कि कुलपति हमें एक जरिया बना रहे हैं अपना मंतव्य पूरा करने के लिए. जेएनयू प्रशासन पर आरोप लगाते हुए छात्रसंघ ने कहा कि प्रशासन का यह एक हथकंडा है हमारे दृढ़ निश्चय और एकता को तोड़ने के लिए लेकिन वह इसमें कभी कामयाब नहीं हो सकते. छात्रों से एकता बनाए रखने की अपील की बता दें कि छात्रसंघ ने अपील की है कि कोई भी छात्र यह परीक्षा ना दे और अपनी एकता बनाए रखें जिससे हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस पूरी तरह वापस ली जा सके. साथ ही कहा कि कुलपति द्वारा व्हाट्सएप परीक्षा के झांसे में ना आएं.


Conclusion:28 अगस्त का सर्कुलर वापस हो वहीं छात्रों ने वाइस चांसलर को पत्र लिखकर मांग की है कि व्हाट्सएप के जरिए परीक्षा लेने के बजाय जेएनयू प्रशासन को छात्रों की मांगे मान लेनी चाहिए और 28 अक्टूबर को जारी किया हुआ सर्कुलर वापस लेना चाहिए. इसके अलावा छात्रों को दो सप्ताह का एक्सटेंशन देना चाहिए जिससे छात्रों का जो भी अकादमिक नुकसान हुआ है उसकी भरपाई की जा सके और छात्र विश्वविद्यालय के नियमों के तहत परीक्षा दे सकें.

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