‘ଦାୟିତ୍ବହୀନ ଅଧିକାରୀଙ୍କ ବିରୋଧରେ କଡା କାର୍ଯ୍ୟାନୁଷ୍ଠାନ ନିଆଯିବା ଉଚିତ୍’ - ଦାୟିତ୍ବହୀନ ଅଧିକାରୀମାନଙ୍କ ବିରୋଧରେ କଡା କାର୍ଯ୍ୟାନୁଷ୍ଠାନ
କେନ୍ଦ୍ର କ୍ୟାବିନେଟରେ ଦ୍ରୁତତମ ମନ୍ତ୍ରୀ ଭାବେ ସଡକ ପରିବହନ ଏବଂ ରାଜପଥ ମନ୍ତ୍ରୀ ନୀତିନ ଗଡକରୀଙ୍କୁ ଉଲ୍ଲେଖ କରାଯାଇଛି। ତାଙ୍କ କାର୍ଯ୍ୟର ପ୍ରମାଣ ସଂସଦରେ ଦିଆଯାଇଛି କିନ୍ତୁ କେନ୍ଦ୍ରମନ୍ତ୍ରୀ ନୀତିନ ଗଡକରୀ ଏନେଇ ଅସନ୍ତୋଷ ବ୍ୟକ୍ତ କରିଛନ୍ତି ।
ନୂଆଦିଲ୍ଲୀ: କେନ୍ଦ୍ର କ୍ୟାବିନେଟରେ ଦ୍ରୁତତମ ମନ୍ତ୍ରୀ ଭାବେ ସଡକ ପରିବହନ ଏବଂ ରାଜପଥ ମନ୍ତ୍ରୀ ନୀତିନ ଗଡକରୀଙ୍କୁ ଉଲ୍ଲେଖ କରାଯାଇଛି । ତାଙ୍କ କାର୍ଯ୍ୟର ପ୍ରମାଣ ସଂସଦରେ ଦିଆଯାଇଛି କିନ୍ତୁ କେନ୍ଦ୍ରମନ୍ତ୍ରୀ ନୀତିନ ଗଡକରୀ ଏନେଇ ଅସନ୍ତୋଷ ବ୍ୟକ୍ତ କରିଛନ୍ତି ଓ କହିଛନ୍ତି ଯେ ତାଙ୍କ ମନ୍ତ୍ରଣାଳୟ ଅଧୀନରେ ଥିବା ଭାରତ ରାଜପଥ ପ୍ରାଧିକରଣ କାର୍ଯ୍ୟସୂଚୀ ନଅ ବର୍ଷ ପଛରେ ରହିଛି।
ତେବେ କେନ୍ଦ୍ରମନ୍ତ୍ରୀ ନୀତିନ ଗଡକର ଖୋଲାଖୋଲି ଭାବେ ନିଜର ଅସନ୍ତୋଷ ବ୍ୟକ୍ତ କରି କହିଛନ୍ତି ଯେ ଯଦି କୌଣସି କାର୍ଯ୍ୟ ଶେଷ ହେବାକୁ 9 ବର୍ଷ ଲାଗିଯିବ ତେବେ ମୁଁ ଏପରି ଅଧିକାରୀ ଏବଂ କର୍ମଚାରୀଙ୍କୁ ଅଭିନନ୍ଦନ ଜଣାଇବାକୁ ଲଜ୍ଜିତ ହେବି। ସେ ଏହା ମଧ୍ୟ କହିଛନ୍ତି ଯେ, ଏପରି ଦାୟିତ୍ବହୀନ ଏବଂ ବିଭ୍ରାନ୍ତିକର ଅଧିକାରୀମାନଙ୍କୁ ବାଟ ଦେଖାଇବା ଆବଶ୍ୟକ ।
ରବିବାର ଜାତୀୟ ରାଜପଥ ପ୍ରାଧିକରଣ ଅଫ୍ ଇଣ୍ଡିଆ (NHAI) ର ନୂତନ ମୁଖ୍ୟାଳୟ ଖୋଲିବାବେଳେ ମନ୍ତ୍ରୀ କହିଛନ୍ତି ଯେ ଏହି କୋଠା ନିର୍ମାଣ କାର୍ଯ୍ୟ ଶେଷ କରିବାକୁ 12 ବର୍ଷ କିପରି ଲାଗିଛି। 2008 ରେ ଯେତେବେଳେ ଏହି କୋଠା ପ୍ରସ୍ତାବ ଦିଆଯାଇଥିଲା । ଏହା ଏକ ଲଜ୍ଜାଜନକ ବିଷୟ ଯେ 2008 ରେ 250 କୋଟି ଟଙ୍କାରେ ପ୍ରକଳ୍ପ ଚୂଡାନ୍ତ ହୋଇଥିଲା । 2011 ରେ ଏହାର ଟେଣ୍ଡର ପ୍ରଦାନ କରାଯାଇଛି ଏବଂ ନିର୍ମାଣ ପାଇଁ ଆଉ ନଅ ବର୍ଷ ସମୟ ଲାଗିଛି ।
କୋଠା ନିର୍ମାଣାଧୀନ ଥିବାବେଳେ ଦୁଇ ସରକାର ଏବଂ ଆଠ ଜଣ ଅଧ୍ୟକ୍ଷ ଥିଲେ ବୋଲି ସେ ଭିଡିଓ କନଫରେନ୍ସିଂ ମାଧ୍ୟମରେ କହିଛନ୍ତି। 2011 ରୁ 2020 ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ କାର୍ଯ୍ୟ ମଧ୍ୟରେ ଉପସ୍ଥିତ ଥିବା ମହାନ ବ୍ୟକ୍ତିତ୍ବମାନଙ୍କର ଯଦି ସମ୍ଭବ ତେବେ ସେମାନଙ୍କ ଫଟୋ କୋଠାରେ ରଖାଯିବା ଉଚିତ୍ ବୋଲି ସେ କ୍ଷୋଭ ପ୍ରକାଶ କରିଛନ୍ତି।
ସେ ଏହା ମଧ୍ୟ କହିଛନ୍ତି ଯେ, ଆମେ ଗର୍ବର ସହିତ କହୁଛୁ ଯେ ଆମେ ଦୁଇରୁ ତିନି ବର୍ଷ ମଧ୍ୟରେ ଦିଲ୍ଲୀ-ମୁମ୍ବାଇ ଏକ୍ସପ୍ରେସୱେ ସଂପୂର୍ଣ୍ଣ କରିବୁ। ଏହାର ମୂଲ୍ୟ 80,000 ରୁ 1 ଲକ୍ଷ କୋଟି ଅଟେ। ମାତ୍ର 250 କୋଟିର ଏହି ପ୍ରକଳ୍ପ ସଂପୂର୍ଣ୍ଣ କରିବାକୁ ଏତେ ବର୍ଷ ଲାଗିଥିଲା। ଜାତୀୟ ରାଜପଥ କର୍ତ୍ତୃପକ୍ଷଙ୍କ ଜରୁରୀ ସଂସ୍କାର ଆବଶ୍ୟକ ବୋଲି ସେ କହିଛନ୍ତି ।
ବ୍ୟୁରୋ ରିପୋର୍ଟ, ଇଟିଭି ଭାରତ
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Intro:नागपूर:-
केंद्रीय मंत्रिमंडळात सर्वात वेगवान मंत्री म्हणून रस्ते वाहतूक आणि राजमार्ग मंत्री नितीन गडकरी यांचा नावाचा उल्लेख केला जातो. कामाची गती कशी असावी या संदर्भात त्यांच्या कामाचे दाखले संसदेत दिले जातात,मात्र त्याच्याच मंत्रालया अंतर्गत असलेल्या भारतीय महामार्ग प्राधिकरणाची इमारत तयार व्हाययला तब्बल नऊ वर्षांचा उशीर झाल्याने केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी चांगलेच संतापले आहेत. सत्तेत राहून सुद्धा सरकारी अवस्थेचा उत्तम नमुना त्यांच्या समोर आल्याने त्यांनी एनएचएआय च्या अधिकाऱ्यांना चांगलेच धारेवर धरले होते,एवढचं नाही तर त्यांनी कामात दिरंगाई करणाऱ्या अधिकाऱ्यांवर शोध निबंध लिहून त्यांचे फोटो त्या इमारतीच्या बाहेर लावावेत अश्या सूचना केल्या आहेत
एखादं काम ज्यावेळेस पूर्ण होतो त्यावेळी ते काम पूर्ण करणाऱ्या आजी-माजी अधिकारी आणि कर्मचाऱ्यांचं सार्वजनिकरित्या अभिनंदन करण्याची प्रथा आणि परंपरा आहे. मात्र जे काम काम काही वर्षात पूर्ण होणार होतं त्या कामाला तब्बल नऊ वर्षे लागत असतील तर मला अशा अधिकारी आणि कर्मचाऱ्यांचे अभिनंदन करायलाही मला लाज वाटते अशा शब्दात केंद्रीय मंत्री नितीन गडकर यांनी आपली नाराजी जाहीरपणे व्यक्त केली आहे.ते दिल्ली येथे आयोजित भारतीय महामार्ग प्राधिकरणाच्या इमारत उदघाटन सोहळ्यात बोलत होते. अश्या बेजबाबदार आणि विघ्न संतोषी अधिकाऱ्यांना बाहेरचा रस्ता दाखवण्याची गरज असल्याचं देखील त्यांनी बोलून दाखवलं आहे,ज्यामुळे अश्या अधिकाऱ्यांचे धाबे चांगलेच दणाणले आहे. २००८ साली जेव्हा या इमारतीचा प्रस्ताव तयात करण्यात आला होता त्यावेळी हा प्रोजेक्ट केवळ ५० कोटी रुपयांना पूर्ण केला जाणे अपेक्षित होते,मात्र याच टेंडर २०११ साली झाल्यानंतर ते काम पूर्ण करण्यासाठी तब्बल नऊ वर्षांचा कालावधी लागले,ज्यामुळे टेंडरची किंमत देखील वाढली आहे. हे काम पूर्ण होताना बघण्यासाठी दोन सरकारे आणि ८ चेअरमन लागेल. एकीकडे एक लाख कोटी रुपये खर्च करून दिल्ली मुंबई राष्ट्रीय महामार्ग दोन वर्षात पूर्ण करण्याचं आपण बोलतो,काही कोटींच्या कामाला नऊ वर्ष लागतात हे नक्कीच अभिनंदन करण्यासारखी घटना नसल्याचं देखील ते म्हणाले आहेत एनएचआय मध्ये चिटकून बसलेले अकार्यक्षम, कामचुकार आणि भ्रष्ट अधीकारी आपल्या अधिकारांचा गैरफायदा घेऊन कामात विघ्न घालतात अश्या अधिकाऱ्यांना घरचा रस्ता दाखवण्याची गरज असल्याचं गडकरी म्हणाले आहेत