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ମୁଜଫରପୁର ଶେଲଟର ହୋମ ମାମଲା: ୨୦ ଜାନୁୟାରୀକୁ ଘୁଞ୍ଚିଲା ଶୁଣାଣି - Muzaffarpur shelter home case

ବହୁ ଚର୍ଚ୍ଚିତ ବିହାର ମୁଜଫରପୁର ଶେଲଟର ହୋମ ଦୁଷ୍କର୍ମ ମାମଲାର ଶୁଣାଣିକୁ ଘୁଞ୍ଚାଇଛନ୍ତି ଦିଲ୍ଲୀ ସାକେତ କୋର୍ଟ। ଆଗାମୀ ଶୁଣାଣି ଆସନ୍ତା 20 ତାରିଖରେ ହେବା ନେଇ କୋର୍ଟ କହିଛନ୍ତି। ଅଧିକ ପଢନ୍ତୁ...

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Published : Jan 14, 2020, 12:26 PM IST

ନୂଆଦିଲ୍ଲୀ: ବହୁଚର୍ଚ୍ଚିତ ବିହାରj ମୁଜଫରପୁର ଶେଲଟର ହୋମ ଦୁଷ୍କର୍ମ ମାମଲାର ଶୁଣାଣିକୁ ଘୁଞ୍ଚାଇଛନ୍ତି ଦିଲ୍ଲୀ ସାକେତ କୋର୍ଟ। ଆଗାମୀ ଶୁଣାଣି ଆସନ୍ତା 20 ତାରିଖରେ ହେବା ନେଇ କୋର୍ଟ କହିଛନ୍ତି। ପୂର୍ବରୁ ଏହି ମାମଲାର ଶୁଣାଣି 14 ଜାନୁଆରୀରେ ହେବାକୁ ଥିଲା। ହେଲେ ପରବର୍ତ୍ତୀ ଶୁଣାଣି 20 ତାରିଖରେ ହେବା ନେଇ ଜଣାଇଛନ୍ତି କୋର୍ଟ।

ଏହି ମାମଲାରେ ସିବିଆଇ 21ଜଣଙ୍କ ବିରୋଧରେ ଅଦାଲତରେ ଚାର୍ଜସିଟ୍‌ ଦାଖଲ କରିଛି। ଏହି କାଣ୍ଡରେ ଏବେ ସୁଦ୍ଧା କିଙ୍ଗପିନ୍‌ ବ୍ରଜେଶ ଠାକୁର ସମେତ 20 ଅଭିଯୁକ୍ତ ଜେଲରେ ବନ୍ଦ ଅଛନ୍ତି।

ବିହାର ମୁଜଫରପୁର ଶେଲଟର ହୋମରେ ନାବାଳିକା ଓ ଯୁବତୀଙ୍କୁ ବଳାତ୍କାର କରାଯାଇଥିବା ଅଭିଯୋଗ ଆସିବା ପରେ ଏହି ମାମଲା ରୁଜୁ କରାଯାଇଥିଲା। ଏହି ବାଳିକା ଗୃହରେ ଥିବା 34 ବାଳିକାଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ 7ରୁ 17 ବର୍ଷ ମଧ୍ୟରେ ନାବାଳିକାଙ୍କୁ ମାସ ମାସ ଧରି ଶାରୀରିକ ନିର୍ଯ୍ୟାତନା ଦିଆଯାଉଥିଲା । ଏହି ଘଟଣା ସାମ୍ନାକୁ ଆସିବା ପରେ ସାରା ଦେଶରେ ଚାଞ୍ଚଲ୍ୟ ଖେଳିଯାଇଥିଲା।

ନୂଆଦିଲ୍ଲୀ: ବହୁଚର୍ଚ୍ଚିତ ବିହାରj ମୁଜଫରପୁର ଶେଲଟର ହୋମ ଦୁଷ୍କର୍ମ ମାମଲାର ଶୁଣାଣିକୁ ଘୁଞ୍ଚାଇଛନ୍ତି ଦିଲ୍ଲୀ ସାକେତ କୋର୍ଟ। ଆଗାମୀ ଶୁଣାଣି ଆସନ୍ତା 20 ତାରିଖରେ ହେବା ନେଇ କୋର୍ଟ କହିଛନ୍ତି। ପୂର୍ବରୁ ଏହି ମାମଲାର ଶୁଣାଣି 14 ଜାନୁଆରୀରେ ହେବାକୁ ଥିଲା। ହେଲେ ପରବର୍ତ୍ତୀ ଶୁଣାଣି 20 ତାରିଖରେ ହେବା ନେଇ ଜଣାଇଛନ୍ତି କୋର୍ଟ।

ଏହି ମାମଲାରେ ସିବିଆଇ 21ଜଣଙ୍କ ବିରୋଧରେ ଅଦାଲତରେ ଚାର୍ଜସିଟ୍‌ ଦାଖଲ କରିଛି। ଏହି କାଣ୍ଡରେ ଏବେ ସୁଦ୍ଧା କିଙ୍ଗପିନ୍‌ ବ୍ରଜେଶ ଠାକୁର ସମେତ 20 ଅଭିଯୁକ୍ତ ଜେଲରେ ବନ୍ଦ ଅଛନ୍ତି।

ବିହାର ମୁଜଫରପୁର ଶେଲଟର ହୋମରେ ନାବାଳିକା ଓ ଯୁବତୀଙ୍କୁ ବଳାତ୍କାର କରାଯାଇଥିବା ଅଭିଯୋଗ ଆସିବା ପରେ ଏହି ମାମଲା ରୁଜୁ କରାଯାଇଥିଲା। ଏହି ବାଳିକା ଗୃହରେ ଥିବା 34 ବାଳିକାଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ 7ରୁ 17 ବର୍ଷ ମଧ୍ୟରେ ନାବାଳିକାଙ୍କୁ ମାସ ମାସ ଧରି ଶାରୀରିକ ନିର୍ଯ୍ୟାତନା ଦିଆଯାଉଥିଲା । ଏହି ଘଟଣା ସାମ୍ନାକୁ ଆସିବା ପରେ ସାରା ଦେଶରେ ଚାଞ୍ଚଲ୍ୟ ଖେଳିଯାଇଥିଲା।

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने आज तीसरी बार मुजफ्फपुर शेल्टर होम मामले पर फैसला टाल दिया है। कोर्ट अब 20 जनवरी को फैसला सुनाएगा। दरअसल आज आरोपियों के वकील ने कोर्ट से कहा कि इस केस के गवाह वास्तविक नहीं हैं।



Body:सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की रिपोर्ट को बनाया आधार
आरोपियों ने यह मांग सीबीआई की सुप्रीम कोर्ट में दी गई रिपोर्ट के बाद किया है जिसमें कहा गया है कि शेल्टर होम में एक भी मौत नहीं हुई थी। सीबीआई ने 8 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सौंपे अपने रिपोर्ट में कहा है कि किसी लड़की की हत्या शेल्टर होम में नहीं हुई। जो कंकाल और हड्डियां मिलीं वो किन्हीं और बालिग लोगों की थीं। 
दो बार पहले भी टल चुका है फैसला
12 दिसंबर 2019 को एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ के छुट्टी पर होने के चलते फैसला टाल दिया गया था।
पिछले 14 नवंबर को भी वकीलों की हड़ताल के चलते फैसला टाल दिया गया था। पिछले 30 सितंबर को एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। 
आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि नाबालिग पीड़ितों के बयानों से साफ है कि सभी 21 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। अभियुक्तों की ओर से कहा गया  था कि सीबीआई ने निष्पक्ष जांच नहीं की है। सभी केस भ्रमपूर्ण हैं । न कोई घटना की तिथि है और न ही समय और स्थान। आरोपियों की तरफ से कहा गया था कि सभी पीड़ितों ने पहली बार कोर्ट में ही बयान दिया। कोर्ट के पहले पीड़ितों ने पुलिस या मजिस्ट्रेट या सीबीआई को कोई बयान नहीं दिया।
5 फरवरी 2019 से सुनवाई शुरू हुई थी
इस मामले में साकेत कोर्ट ने पिछले 25 फरवरी से सुनवाई शुरु की थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस केस की सुनवाई बिहार से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर किया था। सुप्रीम कोर्ट ने निर्दश दिया था कि इस मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी की जाए।
रेप और पॉक्सो के तहत आरोप तय हुए थे
पिछले 30 मार्च को कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे। कोर्ट ने आरोपियों पर यौन उत्पीड़न, आपराधिक साजिश, पॉस्को एक्ट की धारा 3, 5 और 6 के सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया था । इस मामले में मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर समेत 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है। 



Conclusion:कौन-कौन हैं आरोपी
इस मामले में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता प्रवीण ऊर्फ मधु, मोहम्मद साहिल ऊर्फ विक्की, मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का चाचा रामानुज, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वर्मा, शेल्टर होम के मैनेजर रामाशंकर सिंह , अश्विनी कुमार और कृष्णा कुमार राम शामिल हैं।
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