ഷിംല: മൂന്നാഴ്ചയോളം അടച്ചിട്ടിരുന്ന റോഹ്താങ് പാസ് പാതയില് ഗതാഗതം പുനസ്ഥാപിച്ചു. ഏഴു ദിവസത്തെ കഠിന പ്രയത്നത്തിന് ശേഷമാണ് ബോർഡർ റോഡ്സ് ഓർഗനൈസേഷൻ മഞ്ഞ് മൂടിയ പാതയിലൂടെയുള്ള ഗതാഗതം പുനസ്ഥാപിച്ചത്. ഇതോടെ ലാഹൗൽ താഴ്വരയിൽ കുടുങ്ങിയ ആളുകൾക്ക് റോഹ്താങ്ങിലൂടെ കുളു-മനാലിയിൽ എത്തിച്ചേരാനാകും.
റോഹ്താങ് പാസിലൂടെയുള്ള ഗതാഗതം പുനസ്ഥാപിച്ചു - റോഹ്താങ് പാസ് പുനസ്ഥാപിച്ചു
ഏഴു ദിവസത്തെ കഠിന പ്രയത്നത്തിന് ശേഷമാണ് ബോർഡർ റോഡ്സ് ഓർഗനൈസേഷൻ മഞ്ഞ് മൂടിയ പാതയിലൂടെ ഗതാഗതം പുനസ്ഥാപിച്ചത്
റോഹ്താങ് പാസ് പുനസ്ഥാപിച്ചു
ഷിംല: മൂന്നാഴ്ചയോളം അടച്ചിട്ടിരുന്ന റോഹ്താങ് പാസ് പാതയില് ഗതാഗതം പുനസ്ഥാപിച്ചു. ഏഴു ദിവസത്തെ കഠിന പ്രയത്നത്തിന് ശേഷമാണ് ബോർഡർ റോഡ്സ് ഓർഗനൈസേഷൻ മഞ്ഞ് മൂടിയ പാതയിലൂടെയുള്ള ഗതാഗതം പുനസ്ഥാപിച്ചത്. ഇതോടെ ലാഹൗൽ താഴ്വരയിൽ കുടുങ്ങിയ ആളുകൾക്ക് റോഹ്താങ്ങിലൂടെ കുളു-മനാലിയിൽ എത്തിച്ചേരാനാകും.
Intro:रोहतांग दर्रा हुआ बहाल
आज आर पार हो सकते है वाहन
7 दिनों की मेहनत बाद हुआ बहालBody:
पिछले तीन सप्ताह से बंद पड़ा रोहतांग दर्रा शनिवार को फिर बहाल कर दिया गया। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने सात दिन की कड़ी मेहनत के बाद बर्फ से लकदक दर्रे को बहाल करने में सफलता हासिल की। बीआरओ ने मशीनरी से दिसंबर में पांच फीट ऊंची बर्फ की दीवार काटकर रोहतांग दर्रे के दोनों छोर को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया। रविवार को वाहनों को लाहौल और मनाली की तरफ आने-जाने की इजाजत मिल सकती है। वही, लाहौल घाटी में फंसे लोग रोहतांग होते हुए कुल्लू-मनाली पहुंच सकेंगे और घाटी में फंसी सेब की करीब 500 पेटियों को भी बाहर निकाला जा सकेगा। बीआरओ ने खून जमा देने वाली ठंड और बर्फीली हवाओं को चुनौती देते हुए पांच फुट तक बर्फ की चादर को हटाया है। बीआरओ नवंबर से अब तक चार बार रोहतांग को बहाल कर चुका है। इस समय कोकसर और मढ़ी से आगे तापमान माइनस ने नीचे पहुंच चुका है। रोहतांग दर्रा बहाल होने से प्रशासन की दिक्कत बढ़ गई है। कोकसर और मढ़ी में स्थापित रेस्क्यू पोस्ट के जवानों की भी सतर्क रहना होगा। Conclusion:
।बीआरओ के कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि शनिवार शाम को दर्रे के दोनों छोर आपस में जोड़ दिए हैं। रविवार को वाहन दर्रा के आर-पार हो सकते हैं।
आज आर पार हो सकते है वाहन
7 दिनों की मेहनत बाद हुआ बहालBody:
पिछले तीन सप्ताह से बंद पड़ा रोहतांग दर्रा शनिवार को फिर बहाल कर दिया गया। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने सात दिन की कड़ी मेहनत के बाद बर्फ से लकदक दर्रे को बहाल करने में सफलता हासिल की। बीआरओ ने मशीनरी से दिसंबर में पांच फीट ऊंची बर्फ की दीवार काटकर रोहतांग दर्रे के दोनों छोर को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया। रविवार को वाहनों को लाहौल और मनाली की तरफ आने-जाने की इजाजत मिल सकती है। वही, लाहौल घाटी में फंसे लोग रोहतांग होते हुए कुल्लू-मनाली पहुंच सकेंगे और घाटी में फंसी सेब की करीब 500 पेटियों को भी बाहर निकाला जा सकेगा। बीआरओ ने खून जमा देने वाली ठंड और बर्फीली हवाओं को चुनौती देते हुए पांच फुट तक बर्फ की चादर को हटाया है। बीआरओ नवंबर से अब तक चार बार रोहतांग को बहाल कर चुका है। इस समय कोकसर और मढ़ी से आगे तापमान माइनस ने नीचे पहुंच चुका है। रोहतांग दर्रा बहाल होने से प्रशासन की दिक्कत बढ़ गई है। कोकसर और मढ़ी में स्थापित रेस्क्यू पोस्ट के जवानों की भी सतर्क रहना होगा। Conclusion:
।बीआरओ के कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि शनिवार शाम को दर्रे के दोनों छोर आपस में जोड़ दिए हैं। रविवार को वाहन दर्रा के आर-पार हो सकते हैं।