ಅಹಮದಾಬಾದ್: ಪಾಟೀದಾರ್ ಸಮುದಾಯಕ್ಕಾಗಿ ಹೋರಾಟ ಮಾಡುವ ಮೂಲಕ ಮುನ್ನೆಲೆಗೆ ಬಂದಿದ್ದ ಗುಜರಾತ್ ಮೂಲದ ಹಾರ್ದಿಕ್ ಪಟೇಲ್ ಚುನಾವಣಾ ಕನಸು ಭಗ್ನವಾಗಿದೆ.
ಈ ಬಾರಿಯ ಲೋಕಸಭಾ ಚುನಾವಣೆಯಲ್ಲಿ ಸ್ಪರ್ಧೆ ಮಾಡುವ ಇರಾದೆ ಹೊಂದಿದ್ದ ಹಾರ್ದಿಕ್ ಪಟೇಲ್ಗೆ ಗುಜರಾತ್ ಹೈಕೋರ್ಟ್ ತಣ್ಣೀರೆರಚಿದೆ.
2015ರ ಗಲಭೆಗೆ ಸಂಬಂಧಿಸಿದಂತೆ ವಿಸಾನಗರ ಸೆಷನ್ಸ್ ಕೋರ್ಟ್ ಹಾರ್ದಿಕ್ ಪಟೇಲ್ಗೆ ಎರಡು ವರ್ಷ ಜೈಲು ಹಾಗೂ ಚುನಾವಣೆಯಲ್ಲಿ ಸ್ಪರ್ಧೆ ನಡೆಸದಂತೆ ತೀರ್ಪು ನೀಡಿತ್ತು.
हम डरने वाले नहीं हैं। सत्य, अहिंसा और ईमानदारी से आम जनता की आवाज उठाते रहेंगे। जनता की सेवक कोंग्रेस पार्टी की सरकार बनाएंगे। पार्टी के लिए गुजरात समेत पूरे देश में प्रचार करूंगा। मेरा कसूर सिर्फ इतना है कि मैं भाजपा के सामने झुका नहीं। सत्ता के सामने लडने का यह परिणाम हैं।
— Hardik Patel (@HardikPatel_) March 29, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Hardik Patel (@HardikPatel_) March 29, 2019हम डरने वाले नहीं हैं। सत्य, अहिंसा और ईमानदारी से आम जनता की आवाज उठाते रहेंगे। जनता की सेवक कोंग्रेस पार्टी की सरकार बनाएंगे। पार्टी के लिए गुजरात समेत पूरे देश में प्रचार करूंगा। मेरा कसूर सिर्फ इतना है कि मैं भाजपा के सामने झुका नहीं। सत्ता के सामने लडने का यह परिणाम हैं।
— Hardik Patel (@HardikPatel_) March 29, 2019
ಕೆಲ ದಿನಗಳ ಹಿಂದೆ ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಪಕ್ಷಕ್ಕೆ ಸೇರ್ಪಡೆಯಾಗಿದ್ದ ಪಟೇಲ್, 2015 ಮೆಹ್ಸನಾ ಜಿಲ್ಲೆಯಲ್ಲಿ ಪಾಟೀದಾರ್ ಮೀಸಲು ಹೋರಾಟದಲ್ಲಿ ಅಪರಾಧಿ ಎನ್ನುವ ತೀರ್ಪು ಪ್ರಶ್ನಿಸಿ ಹೈಕೋರ್ಟ್ ಮೆಟ್ಟಿಲೇರಿದ್ದರು. ಪಟೇಲ್ ಅರ್ಜಿಯನ್ನು ತಳ್ಳಿಹಾಕಿದೆ. ಪರಿಣಾಮ ಹಾರ್ದಿಕ್ ಪಟೇಲ್ ಅನಿವಾರ್ಯವಾಗಿ ಲೋಕ ಸಮರದ ಸ್ಪರ್ಧೆಯಿಂದ ಹಿಂದೆ ಸರಿದಿದ್ದಾರೆ.
गुजरात हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं।चुनाव तो आते है जाते हैं लेकिन संविधान के खिलाफ़ भाजपा काम करी हैं। कोंग्रेस पार्टी के पच्चीस साल के कार्यकर्ता को चुनाव लडने से क्यों रोका जा रहा है।भाजपा के बहुत सारे नेताओं पर मुकदमें है, सजा भी हैं। लेकिन कानून सिर्फ हमारे लिए है।
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">गुजरात हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं।चुनाव तो आते है जाते हैं लेकिन संविधान के खिलाफ़ भाजपा काम करी हैं। कोंग्रेस पार्टी के पच्चीस साल के कार्यकर्ता को चुनाव लडने से क्यों रोका जा रहा है।भाजपा के बहुत सारे नेताओं पर मुकदमें है, सजा भी हैं। लेकिन कानून सिर्फ हमारे लिए है।
— Hardik Patel (@HardikPatel_) March 29, 2019गुजरात हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं।चुनाव तो आते है जाते हैं लेकिन संविधान के खिलाफ़ भाजपा काम करी हैं। कोंग्रेस पार्टी के पच्चीस साल के कार्यकर्ता को चुनाव लडने से क्यों रोका जा रहा है।भाजपा के बहुत सारे नेताओं पर मुकदमें है, सजा भी हैं। लेकिन कानून सिर्फ हमारे लिए है।
— Hardik Patel (@HardikPatel_) March 29, 2019
ಹೈಕೋರ್ಟ್ ತೀರ್ಪಿನ ಬಳಿಕ ಟ್ವೀಟ್ ಮಾಡಿರುವ ಹಾರ್ದಿಕ್ ಪಟೇಲ್, ಅಂದು ನಡೆದ ಗಲಭೆಯಲ್ಲಿ ಬಿಜೆಪಿ ನಾಯಕರೂ ಶಾಮೀಲಾಗಿದ್ದರು, ಆದರೆ ಅವರ ಮೇಲೆ ಯಾವುದೇ ಕಾನೂನು ಕ್ರಮ ಕೈಗೊಂಡಿಲ್ಲ, ಕಾನೂನು ನನಗೊಬ್ಬನಿಗೆ ಮಾತ್ರ ಸೀಮಿತವಾಗಿದೆ ಎಂದು ಆಕ್ರೋಶ ವ್ಯಕ್ತಪಡಿಸಿದ್ದಾರೆ.