अपने जुनून के बूते ये 'चायवाला' बन गया साहित्यकार - उत्तराखंड
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कहते हैं अगर किसी के अंदर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो मंजिल खुद ब खुद मिल जाती है. कुछ ऐसी ही कहानी महाराष्ट्र के छोटे से जिले अमरावती से दिल्ली आकर चाय बेचने वाले लक्ष्मण राव की है. उनके जुनून ने कब उन्हें एक साहित्यकार बना दिया उसका इल्म खुद उनको भी नहीं रहा होगा. वह अबतक दो दर्जन से अधिक किताबें लिख चुके हैं.