कारगिल दिवस: शहादत के बाद घर पहुंची थी शहीद गिरीश की आखिरी चिट्ठी
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कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के जाबांज सैनिकों का अहम योगदान रहा है. जिन्होंने अपने प्राणों की परवाह न किए बगैर कारगिल हिल्स पर विजय पताका फहराया था. भारत के वीर सैनिकों के अदम्य साहस को देखकर आज भी दुश्मन देश की रूह कांप जाती है. इन्हीं में से एक पिथौरागढ़ जिले के उड़ई गांव के रहने शहीद हवलदार गिरीश सिंह सामंत भी थे. जो दुश्मन की 9 गोलियां सीने पर खाकर वीरगति को प्राप्त हुए.