ग्रामीणों के साथ अफसर ने की लाल धान की रोपाई, कुछ ऐसा दिखा अंदाज, देखिए वीडियो - लाल चावल की खेती उत्तरकाशी
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उत्तरकाशी जिले की रवांई घाटी में होने वाली लाल चावल की फसल अब गंगा घाटी में भी लहलहाएंगी. कृषि विभाग ने घाटी के करीब 200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में लाल धान उगाने की योजना बनाई है. इसी कड़ी में गुरुवार को डीएम अभिषेक रूहेला ने उत्तरौं गांव में ग्रामीणों के साथ लाल धान की रोपाई कर इस अभियान की शुरुआत की.
बता दें कि रवांई घाटी के यमुना और टौंस नदी के मध्यवर्ती क्षेत्र में स्थित रामा व कमल सिरांई में ही लाल धान की खेती की जाती है. आम चावल से ज्यादा पौष्टिक लाल चावल की देश विदेश में मांग को देखते हुए कृषि विभाग ने गंगा घाटी में इसकी खेती की योजना तैयार की है.
इसी योजना के तहत भटवाड़ी ब्लॉक के उत्तरौं गांव में डीएम अभिषेक रूहेला ने ग्रामीणों के साथ पावर बीडर से लाल धान की रोपाई की. मुख्य कृषि अधिकारी जेपी तिवारी ने बताया कि पहले चरण में गंगा घाटी के करीब 600 किसानों को लाल धान उगाने की मुहिम में शामिल किया गया है. अगले चरण में इसका और अधिक विस्तार किया जाएगा.
लाल धान की रोपाई के दौरान डीएम को अपने बीच पाकर ग्रामीण उत्साहित नजर आए. ग्रामीण महिलाओं ने पारंपरिक गीत गाकर रोपाई पर्व का जश्न मनाया. साथ ही लोक देवता से लाल धान की खेती की सफलता की कामना की. इस मौके पर डीएम ने ग्रामीणों को चारा उत्पादन के लिए नैपियर घास की पौध भी बांटी.
लाल चावल का बाजार मूल्य आम तौर पर प्रतिकिलो 120 रुपए या उससे ज्यादा देखा गया है. लाल धान के उत्पादन से किसानों की आजीविका के स्तर में वृद्धि की व्यापक संभावना को देखते हुए डीएम अभिषेक रूहेला की पहल पर कृषि विभाग ने लाल धान के रकवे को रवाईं क्षेत्र से बाहर तक विस्तार देने की कवायद शुरू की.
इसके तहत गंगा घाटी के चिन्यालीसौड़, डुंडा और भटवाड़ी ब्लॉक के 30 से ज्यादा गांवों में करीब 200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में इसे उगाने की योजना बनाई है. इस मुहिम के तहत पुरोला क्षेत्र से 60 क्विंटल बीज लाकर धान की नर्सरी तैयार की गई और अब इसकी पौध खेतों में रोपे जाने के लिए तैयार है.