मसूरी में बूढ़ी दिवाली पर जमकर झूमे ग्रामीण, देखिए VIDEO
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जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर में बूढ़ी दिवाली मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. यह दिवाली देशभर में मनाए जाने वाले दीपावली के एक महीने बाद मनाई है. इस दिवाली में पटाखे नहीं छुड़ाए जाते हैं, बल्कि भीमल की लकड़ी की मशाल जलाकर मनाई जाती है. इसी कड़ी में मसूरी के बग्लो की कांडी गांव में ग्रामीणों ने धूमधाम से बूढ़ी दिवाली मनाई. इस दौरान ग्रामीण महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर लोक गीतों पर थिरकते हुए नजर आए. वहीं, गांवों में भांड का आयोजन किया जाता था, जिसे देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन के रूप में दर्शाया जाता है. इसमें बाबई घास से बनी एक विशाल रस्सी का प्रयोग किया जाता है. इसकी विशेषता यह है कि रस्सी बनाने के लिए इस दिन बाबई घास को काटकर बनाया जाता है. मान्यता के अनुसार रस्सी बनाकर स्नान करने से विधिवत पूजा की जाती है. कोटी, खरसोने, मोगी, भटोली, सांजी, बंगसील आदि गांव विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं, जिन्हें देखने दूर-दूर से लोग आते हैं.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:33 PM IST