Stone Pelting on Police: देहरादून में छात्रों की पुलिस के साथ जबरदस्त झड़प-पत्थरबाजी, मजिस्ट्रियल जांच के आदेश
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देहरादून: उत्तराखंड में सरकारी भर्ती परीक्षाओं के पेपर लगातार लीक हो रहे हैं. ऐसे में बेरोजगार युवा अपने आप को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं. इसलिए बेरोजगारों युवाओं ने अब सरकार के आर-पार की लड़ाई का मन बनाया लिया है. बेरोजगार युवा सरकार से भर्ती परीक्षा घोटालों की सीबीआई जांच की मांग रहे हैं. इसी को लेकर उन्होंने गुरुवार को देहरादून के घंटाघर पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसकी वजह से घंटाघर के आसपास के इलाकों में सड़कों पर जाम लगा गया था.
वहीं इस दौरान कुछ उपद्रवी प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी किया, जिसके बाद पुलिस को भी लाठीचार्ज करना पड़ा. देहरादून में बेरोजगार संघ द्वारा आयोजित धरने के दौरान हुए पथराव और लाठीचार्ज की घटना के विस्तृत मजिस्ट्रियल जांच के लिए सरकार ने मुख्य सचिव को निर्देशित किया है.
बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों के पथराव से पुलिस की कई गाड़ियों से शीशे भी टूट गए. पुलिस लगातार प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास करती रही. लेकिन प्रदर्शनकारी मानने को तैयार ही नहीं थे. वहीं, उन्होंने अचानक पुलिस पर पथराव करना भी शुरू कर दिया. ऐसे में हालात में पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज किया और पुलिस के लाठीचार्ज होते ही भीड़ तितर-बितर हो गई.
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उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आज जैसा प्रदर्शन शायद ही पहले कभी हुआ हो. राजधानी देहरादून की सड़कों पर बेरोजगार छात्रों का पुलिस की कार्रवाई को लेकर जबरदस्त आक्रोश सामने आया. घंटाघर से लेकर राजपुर रोड की तरफ जाने वाली सड़क के बीचों-बीच खड़े पुलिस के वाहनों व पुलिस जवानों पर बेरोजगार युवकों ने पथराव कर दिया. दरअसल, पुलिस ने देर रात बेरोजगार युवाओं को आंदोलनस्थल से जबरदस्ती उठा दिया था, उसी के बाद गुस्साई भीड़ ने लाठीचार्ज के बाद इतना रूद्र रूप धारण कर लिया.
उत्तराखंड बनाने के लिए इस तरह के आंदोलन और पत्थरबाजी बहुत हुई थी, लेकिन बेरोजगार युवाओं का सरकार और पुलिस प्रशासन के प्रति इतना बड़ा आक्रोश शायद ही किसी सरकार ने अब तक देखा होगा. हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार बेरोजगार युवाओं से अपील कर रहे हैं और ये कह रहे हैं कि वो किसी के बहकावे में ना आएं, लेकिन राजधानी देहरादून की ये तस्वीरें बयां कर रही हैं कि बेरोजगार युवाओं का दर्द अब असहनीय हो गया है.
पुलिस की कार्रवाई का युवाओं ने पत्थरबाजी करके जवाब दिया. हालांकि, किसी भी रूप में किसी भी संगठन द्वारा इस तरह की पत्थरबाजी करना सही नहीं है लेकिन फिलहाल पूरा देहरादून इस पत्थरबाजी और कार्रवाई की वजह से मुसीबत झेल रहा है. वहीं अभी भी कुछ प्रदर्शनकारी घंटाघर के पास ही गांधी पार्क में धरने पर बैठे हुए हैं. उनका कहना है कि जबतक उनकी मांग पूरी होगी वो अपना धरना-प्रदर्शन जारी रखेंगे.
बता दें कि, बुधवार तक बेरोजगार युवाओं का ये आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके के गांधी पार्क में चल रहा था, लेकिन बुधवार रात को ही पुलिस ने धरने पर बैठे युवा आंदोलनकारियों को जबरन उठाया. जिसके बाद गुरुवार को सभी युवा प्रदर्शनकारी घंटाघर पर एकत्र हुए और उनके आक्रोश के चलते हालात धीरे-धीरे खराब होते गए. इसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच गहमागहमी के चलते युवाओं ने जहां पथराव किया. वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने हालात को संभालने के लिए लाठीचार्ज किया.