उत्तरकाशी: सीमांत जनपद उत्तरकाशी के कई गांव आज भी सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. स्थिति इतनी बदहाल है कि बीमार और आपातकालीन स्थिति में घायलों को आज भी डंडी-कंडी के सहारे कई किमी तक का पैदल का सफर करके सड़क तक पहुंचाया जाता है. उसके बाद ही वाहन के सहारे अस्पताल तक पहुंच पाते हैं. इस दौरान कई घायल और बीमार दम तोड़ देते हैं.
डुंडा विकासखण्ड के ओल्या ग्रामसभा के ग्राम बल्ला निवासी सीताराम जंगल में बकरी चराते हुए अचानक पहाड़ी से गिर पड़े. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने डंडी-कंडी के सहारे गंभीर रूप से घायल सीताराम को करीब 6 किमी पैदल चलकर सड़क तक पहुंचाया. उसके बाद पीएचसी डुंडा में प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल पहुंचाया गया. यहां से भी सीताराम को हायर सेंटर रेफर किया गया.
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वहीं, बल्ला गांव के ग्रामीणों का कहना है कि उनका गांव जनपद मुख्यालय से महज 21 किमी की दूरी पर स्थित है. लेकिन आज भी सड़क न पहुंचने के कारण अब गांव के ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं. किसी की बीमारी और प्रसव के दौरान इसी प्रकार डंडी-कंडी से वह अपने मरीजों को सड़क तक पहुंचाते हैं. उस दौरान भी डर यह बना रहता है कि सड़क तक पहुंचते-पहुंचते बीमार जिंदा पहुंचेगा भी या नहीं. जबकि गांव के लिए सड़क सर्वे के पिलर लगने के बाद आजतक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.