उत्तरकाशी: चारधाम यात्रा 3 मई से शुरू होने जा रही है. ऐसे में उत्तरकाशी शहर में कूड़े का अंबार ना लगे इसके लिए जिला प्रशासन ने कूड़ा निस्तारण के लिए एक एजेंसी से अनुबंध किया है. शहर में यात्रा काल के दौरान अमूमन 10 टन कूड़ा इकट्ठा होता है, जो कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. इसके लिए जिला प्रशासन ने कूड़ा निस्ताकरण के प्रयास शुरू कर दिए हैं.
कूड़ा निस्तारण का स्थान निर्धारित नहीं: जनपद में पालिका क्षेत्र से हर दिन 30 से 35 कुंतल कूड़ा एकत्र तो किया जा रहा है लेकिन प्रबंधन के बजाय उसे केवल ठिकाने लगाया जा रहा है. कुछ स्थानों पर कूड़े को जलाया भी जा रहा है. अभी तक तांबाखाणी सुरंग के बाहर वाली सड़क पर कूड़ा डाला जा रहा था. लेकिन वहां भी अब कूड़ा डालने के लिए स्थान नहीं बचा है.
3 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा: एक माह के अंतराल में चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है. यात्रा सीजन में प्रतिदिन एकत्र होने वाले कूड़े की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे कूड़ा निस्तारण में और अधिक समस्या पैदा होनी तय है. वहीं डीएम मयूर दीक्षित ने कहा कि कूड़ा निस्तारण के लिए एक एजेंसी से अनुबंध किया गया है, जो शहर का कूड़ा निस्तारण के लिए बाहर ले जाएगी. एजेंसी को यात्रा सीजन में कूड़ा उठान की गति बढ़ाने के लिए कहा जाएगा.
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कूड़ा निस्तारण एक बड़ी समस्या: उत्तरकाशी में आजादी के पहले ही कूड़े के निस्तारण का स्थान सुनिश्चित नहीं हैं. साल 1918 से साल 1957 तक सैनिटेशन कमेटी के तहत उत्तरकाशी नगर में सफाई कार्य का संचालन हुआ. फिर देश आजाद होने के बाद 1958 में पहला पालिका बोर्ड संचालित हुआ. तब से लेकर अब तक नौ बार निर्वाचित पालिका के बोर्ड ने नगर में स्वच्छता का संचालन किया, जबकि चार बार पालिका का संचालन प्रशासक के जिम्मे रहा लेकिन आज तक कोई भी निर्वाचित बोर्ड व प्रशासक उत्तरकाशी के कूड़े के प्रबंधन के लिए सही स्थान नहीं चुन पाया.