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हरीश रावत के 'पथ' पर त्रिवेंद्र सरकार, मां गंगा-यमुना की शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ - उत्तराखंड न्यूज

2015 में तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने मुखबा और खरसाली गांव से शीतकालीन यात्रा की शुरुआत की थी. लेकिन मौसम की पहली बर्फबारी में ही शीतकालीन यात्रा ने दम तोड़ दिया था. हालांकि, इस बार सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा कि उनकी ओर से शीतकालीन यात्रा को लेकर तैयारियां पूरी हैं.

मां गंगा-यमुना की शीतकालीन यात्रा
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Published : Nov 14, 2019, 6:18 AM IST

Updated : Nov 14, 2019, 8:07 AM IST

उत्तरकाशी: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बाद त्रिवेंद्र सरकार ने भी चारधाम यात्रा समाप्त होने के बाद अब गंगा-यमुना के शीतकालीन प्रवास मुखबा और खरसाली से शीतकालीन यात्रा शुरू करने का दांव खेला है. बुधवार को चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने जिलाधिकारियों की मौजूदगी में शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ किया.

सर्दियों में भी श्रद्धालुओं को चारों धामों के आराध्यों के शीतकालीन पड़ावों और पर्यटन स्थलों की ओर आकर्षित करने के मकसद से सरकार ने शीतकालीन यात्रा का निर्णय लिया है. बुधवार को इसका शुभारंभ भी कर दिया गया. हालांकि, ताज्जुब की बात ये रही कि शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान धरातलीय तैयारियां कहीं दूर-दूर तक नजर नहीं आई क्योंकि शीतकालीन यात्रा के शुभारंभ को लेकर जिला प्रशासन और मंदिर समिति के बीच किसी भी प्रकार की तैयारियों को लेकर कोई चर्चा या हलचल भी नहीं देखी गई.

पढ़ें- बौराणी मेले में 27 फीट लंबी मशाल लेकर मंदिर पहुंचे ग्रामीण, कुप्रथा को दी तिलांजलि

बुधवार शाम को ममगाईं ने ही इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि चारधामों के कपाट बंद होने के बाद गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा से शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ किया गया है. उन्होंने बताया कि गुरुवार को मां यमुनोत्री के शीतकालीन प्रवास खरसाली में भी शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ किया जाएगा.

जानकारी देते जिलाधिकारी आशीष चौहान.

ममगाईं ने दावा किया कि शीतकालीन यात्रा को लेकर सरकार की तैयारी पूरी है. हालांकि, सरकार के दावों के उल्ट धरातल पर इस तरह की तैयारी कहीं भी दिखाई नहीं दी, न ही इस यात्रा को लेकर सरकार ने कोई मास्टर प्लान तैयार किया.

2015 में हरीश रावत ने भी की थी शुरुआत
2015 में तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने भी मुखबा और खरसाली गांव से शीतकालीन यात्रा की शुरुआत की थी. लेकिन मौसम की पहली बर्फबारी में ही शीतकालीन यात्रा ने दम तोड़ दिया था. हालांकि, इस बार सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा कि उनकी ओर से शीतकालीन यात्रा को लेकर तैयारियां पूरी हैं.

उत्तरकाशी: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बाद त्रिवेंद्र सरकार ने भी चारधाम यात्रा समाप्त होने के बाद अब गंगा-यमुना के शीतकालीन प्रवास मुखबा और खरसाली से शीतकालीन यात्रा शुरू करने का दांव खेला है. बुधवार को चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने जिलाधिकारियों की मौजूदगी में शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ किया.

सर्दियों में भी श्रद्धालुओं को चारों धामों के आराध्यों के शीतकालीन पड़ावों और पर्यटन स्थलों की ओर आकर्षित करने के मकसद से सरकार ने शीतकालीन यात्रा का निर्णय लिया है. बुधवार को इसका शुभारंभ भी कर दिया गया. हालांकि, ताज्जुब की बात ये रही कि शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान धरातलीय तैयारियां कहीं दूर-दूर तक नजर नहीं आई क्योंकि शीतकालीन यात्रा के शुभारंभ को लेकर जिला प्रशासन और मंदिर समिति के बीच किसी भी प्रकार की तैयारियों को लेकर कोई चर्चा या हलचल भी नहीं देखी गई.

पढ़ें- बौराणी मेले में 27 फीट लंबी मशाल लेकर मंदिर पहुंचे ग्रामीण, कुप्रथा को दी तिलांजलि

बुधवार शाम को ममगाईं ने ही इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि चारधामों के कपाट बंद होने के बाद गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा से शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ किया गया है. उन्होंने बताया कि गुरुवार को मां यमुनोत्री के शीतकालीन प्रवास खरसाली में भी शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ किया जाएगा.

जानकारी देते जिलाधिकारी आशीष चौहान.

ममगाईं ने दावा किया कि शीतकालीन यात्रा को लेकर सरकार की तैयारी पूरी है. हालांकि, सरकार के दावों के उल्ट धरातल पर इस तरह की तैयारी कहीं भी दिखाई नहीं दी, न ही इस यात्रा को लेकर सरकार ने कोई मास्टर प्लान तैयार किया.

2015 में हरीश रावत ने भी की थी शुरुआत
2015 में तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने भी मुखबा और खरसाली गांव से शीतकालीन यात्रा की शुरुआत की थी. लेकिन मौसम की पहली बर्फबारी में ही शीतकालीन यात्रा ने दम तोड़ दिया था. हालांकि, इस बार सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा कि उनकी ओर से शीतकालीन यात्रा को लेकर तैयारियां पूरी हैं.

Intro:उत्तरकाशी। हरीश रावत सरकार के बाद अब त्रिवेंद्र रावत सरकार ने इस वर्ष की चारधाम यात्रा समाप्त होने के बाद अब गंगा यमुना के शीतकालीन प्रवास मुखबा और खरसाली से शीतकालीन यात्रा शुरू करने का दावा खेला है। हालांकि चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने गंगोत्री मंदिर समिति सहित जिला प्रशासन के आला अधिकारियों और मुखबा गांव के ग्रामीणों की मौजूदगी में चारधाम की शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ तो कर दिया है। लेकिन धरातलीय तैयारियां कहीं दूर-दूर तक नजर नहीं आई। क्योंकि शीतकालीन यात्रा शुभारंभ को लेकर जिला प्रशासन या मंदिर समिति के बीच भी किसी प्रकार की तैयारियों की चर्चा या हलचल भी नहीं देखी गई।Body:वीओ-1, बुधवार शाम को चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि चारधामो के कपाट होने के बाद गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा से शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ किया गया है। वहीं गुरुवार को इसी क्रम में यमुनोत्री के शीतकालीन प्रवास खरसाली में भी शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ किया जाएगा। साथ ही ममगाईं ने कहा कि इसके लिए सरकार की तैयारी पूरी है की कैसे शीतकालीन यात्रा को सुचारू किया जाए। जबकि धरातलीय हकीकतों अभी तक इस यात्रा के लिए किसी भी प्रकार का कोई मास्टरप्लान तैयार नहीं किया गया है।Conclusion:वीओ-2, वर्ष 2015 की बात करें,तो पूर्ववर्ती हरीश रावत सरकार ने भी मुखबा और खरसाली गांव से शीतकालीन यात्रा की शुरुआत की थी। लेकिन इस शीतकालीन यात्रा ने पहली बर्फबारी में दम तोड़ दिया है। तो वहीं अब देखना यह दिलचस्प होगा कि क्या त्रिवेंद्र सरकार चारधाम की शीतकालीन यात्रा के लिए कोई ऐसी योजना बना सकती है। जिसमे कि गंगा और यमुना के शीतकालीन प्रवास मुखबा और खरसाली गांव में होने वाली बर्फबारी से पार पा पाएगी। बाईट- आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं,उपाध्यक्ष, चारधाम विकास परिषद । बाईट- डॉ आशीष चौहान,डीएम उत्तरकाशी।
Last Updated : Nov 14, 2019, 8:07 AM IST
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