उत्तरकाशी: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बाद त्रिवेंद्र सरकार ने भी चारधाम यात्रा समाप्त होने के बाद अब गंगा-यमुना के शीतकालीन प्रवास मुखबा और खरसाली से शीतकालीन यात्रा शुरू करने का दांव खेला है. बुधवार को चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने जिलाधिकारियों की मौजूदगी में शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ किया.
सर्दियों में भी श्रद्धालुओं को चारों धामों के आराध्यों के शीतकालीन पड़ावों और पर्यटन स्थलों की ओर आकर्षित करने के मकसद से सरकार ने शीतकालीन यात्रा का निर्णय लिया है. बुधवार को इसका शुभारंभ भी कर दिया गया. हालांकि, ताज्जुब की बात ये रही कि शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान धरातलीय तैयारियां कहीं दूर-दूर तक नजर नहीं आई क्योंकि शीतकालीन यात्रा के शुभारंभ को लेकर जिला प्रशासन और मंदिर समिति के बीच किसी भी प्रकार की तैयारियों को लेकर कोई चर्चा या हलचल भी नहीं देखी गई.
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बुधवार शाम को ममगाईं ने ही इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि चारधामों के कपाट बंद होने के बाद गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा से शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ किया गया है. उन्होंने बताया कि गुरुवार को मां यमुनोत्री के शीतकालीन प्रवास खरसाली में भी शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ किया जाएगा.
ममगाईं ने दावा किया कि शीतकालीन यात्रा को लेकर सरकार की तैयारी पूरी है. हालांकि, सरकार के दावों के उल्ट धरातल पर इस तरह की तैयारी कहीं भी दिखाई नहीं दी, न ही इस यात्रा को लेकर सरकार ने कोई मास्टर प्लान तैयार किया.
2015 में हरीश रावत ने भी की थी शुरुआत
2015 में तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने भी मुखबा और खरसाली गांव से शीतकालीन यात्रा की शुरुआत की थी. लेकिन मौसम की पहली बर्फबारी में ही शीतकालीन यात्रा ने दम तोड़ दिया था. हालांकि, इस बार सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा कि उनकी ओर से शीतकालीन यात्रा को लेकर तैयारियां पूरी हैं.