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लोगों के 'पाप' धोने वाली यमुना अपने घर में ही हुई दूषित, जानकीचट्टी में खुलेआम गिराया जा रहा सीवरेज

यमुनोत्री धाम से पहले जानकीचट्टी में शासन-प्रशासन के जनप्रतिनिधियों समेत आलाअधिकारियों के सामने ही खुलेआम यमुना नदी की स्वच्छ्ता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. यहां पर घोड़ा-खच्चर पार्किंग में जिला पंचायत ने शौचालयों का निर्माण तो किया है, लेकिन उचित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की व्यवस्था नहीं की गई है.

यमुना नदी में गिर रहा सीवरेज
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Published : May 26, 2019, 9:14 PM IST

Updated : May 26, 2019, 9:32 PM IST

उत्तरकाशीः नदियों की स्वच्छता के लिए पूरे देशभर में कई योजनाएं संचालित हो रही हैं, लेकिन योजनाएं धरातल पर खरा नहीं उतर पा रही है. इसकी बानगी यमुना नदी के मायके में देखने को मिल रही है. यहां पर यमुना की स्वच्छ्ता के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है. जानकीचट्टी के घोड़ा-खच्चर पार्किंग में बने शौचालयों का सीवरेज सीधे यमुना में गिर रहा है. ऐसे में नदी के दूषित होने से इनकार नहीं किया जा सकता है. वहीं, मामले पर प्रशासन आंखे मुंदे हुए है.

यमुना नदी में गिराया जा रहा खुलेआम सीवरेज.

माना जाता है कि यमुना नदी भक्तों और श्रद्धालुओं को पाप और सभी दोषों से मुक्त करती है. लेकिन आज उपेक्षा के कारण यमुना नदी बीमार नजर आ रही है. यमुना की स्वच्छता को लेकर शासन-प्रशासन का हमेशा से उपेक्षापूर्ण रवैया रहा है. दरअसल, यमुनोत्री धाम से पहले जानकीचट्टी में शासन-प्रशासन के जनप्रतिनिधियों समेत आलाअधिकारियों के सामने ही खुलेआम यमुना नदी की स्वच्छ्ता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. यहां पर घोड़ा-खच्चर पार्किंग में जिला पंचायत ने शौचालयों का निर्माण तो किया है, लेकिन उचित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की व्यवस्था नहीं की गई है.


ये भी पढ़ेंः विधायक चैंपियन के वायरल वीडियो पर कर्णवाल का बयान, कहा- धर्मों का रखें ख्याल


Etv Bharat के Exclusive फुटेज में देखा जा सकता है कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की व्यवस्था नहीं होने से पहले सीवरेज सीधा यूपीसीएल के यात्रा कर्मचारियों के कमरे में जा रहा है. जहां से सीवरेज की गंदगी सीधे यमुना नदी में गिर रही है. जिससे यहां पहुंचे यात्री और श्रद्धालु दूषित जल पीने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं जानकीचट्टी में रोजाना प्रशासनिक अधिकारी ड्यूटी पर तैनात रहते हैं, लेकिन यमुना नदी में जा रहा सीवरेज किसी को नजर नहीं आ रहा है. जबकि शासन-प्रशासन की ओर से स्वच्छ्ता के नाम पर कई योजनाएं और अभियान चलाए जा रहे हैं.


वहीं, मामले पर जिम्मेदार अधिकारियों को अभी तक इसकी जानकारी नहीं है. आपदा प्रबधंन अधिकारी देवेंद्र पटवाल का कहना है कि मामला अभी संज्ञान में आया है. पहले भी आयोग के दिशा-निर्देश पर गंदगी, प्लास्टिक के निपटान और सीवरेज की व्यवस्था दुरुस्त करने के आदेश दिये जा चुके हैं. व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः वीकेंड पर तीर्थनगरी में फेल हुआ ट्रैफिक प्लान, पुलिस के निकले पसीने


ऐसे में सवाल उठना भी लाजिमी है कि 150 से 180 किमी दूर जिला मुख्यालय में बैठे आलाअधिकारियों को इसकी कैसे जानकारी होगी? लाखों करोड़ों लोगों की आस्था के साथ यमुना के मायके में ही खिलवाड़ किया जा रहा है.

उत्तरकाशीः नदियों की स्वच्छता के लिए पूरे देशभर में कई योजनाएं संचालित हो रही हैं, लेकिन योजनाएं धरातल पर खरा नहीं उतर पा रही है. इसकी बानगी यमुना नदी के मायके में देखने को मिल रही है. यहां पर यमुना की स्वच्छ्ता के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है. जानकीचट्टी के घोड़ा-खच्चर पार्किंग में बने शौचालयों का सीवरेज सीधे यमुना में गिर रहा है. ऐसे में नदी के दूषित होने से इनकार नहीं किया जा सकता है. वहीं, मामले पर प्रशासन आंखे मुंदे हुए है.

यमुना नदी में गिराया जा रहा खुलेआम सीवरेज.

माना जाता है कि यमुना नदी भक्तों और श्रद्धालुओं को पाप और सभी दोषों से मुक्त करती है. लेकिन आज उपेक्षा के कारण यमुना नदी बीमार नजर आ रही है. यमुना की स्वच्छता को लेकर शासन-प्रशासन का हमेशा से उपेक्षापूर्ण रवैया रहा है. दरअसल, यमुनोत्री धाम से पहले जानकीचट्टी में शासन-प्रशासन के जनप्रतिनिधियों समेत आलाअधिकारियों के सामने ही खुलेआम यमुना नदी की स्वच्छ्ता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. यहां पर घोड़ा-खच्चर पार्किंग में जिला पंचायत ने शौचालयों का निर्माण तो किया है, लेकिन उचित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की व्यवस्था नहीं की गई है.


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Etv Bharat के Exclusive फुटेज में देखा जा सकता है कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की व्यवस्था नहीं होने से पहले सीवरेज सीधा यूपीसीएल के यात्रा कर्मचारियों के कमरे में जा रहा है. जहां से सीवरेज की गंदगी सीधे यमुना नदी में गिर रही है. जिससे यहां पहुंचे यात्री और श्रद्धालु दूषित जल पीने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं जानकीचट्टी में रोजाना प्रशासनिक अधिकारी ड्यूटी पर तैनात रहते हैं, लेकिन यमुना नदी में जा रहा सीवरेज किसी को नजर नहीं आ रहा है. जबकि शासन-प्रशासन की ओर से स्वच्छ्ता के नाम पर कई योजनाएं और अभियान चलाए जा रहे हैं.


वहीं, मामले पर जिम्मेदार अधिकारियों को अभी तक इसकी जानकारी नहीं है. आपदा प्रबधंन अधिकारी देवेंद्र पटवाल का कहना है कि मामला अभी संज्ञान में आया है. पहले भी आयोग के दिशा-निर्देश पर गंदगी, प्लास्टिक के निपटान और सीवरेज की व्यवस्था दुरुस्त करने के आदेश दिये जा चुके हैं. व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं.

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ऐसे में सवाल उठना भी लाजिमी है कि 150 से 180 किमी दूर जिला मुख्यालय में बैठे आलाअधिकारियों को इसकी कैसे जानकारी होगी? लाखों करोड़ों लोगों की आस्था के साथ यमुना के मायके में ही खिलवाड़ किया जा रहा है.

Intro:हेडलाइन- यमुना में बह रहा सीवरेज। (exclusive). note- इस खबर का मुख्य विसुअल मेल से भेजा गया है। उत्तरकाशी। जो यमुना जी भक्तों और श्रद्धालुओं को पाप और सभी द्वेषों से मुक्त करती है। आज उपेक्षा के कारण वह यमुना स्वयं रोगग्रसित लग रही है। यह हाल यमुना का कहीं और नहीं बल्कि अपने घर मे ही हो रहा है। शासन प्रशासन के जनप्रतिनिधियों सहित अधिकारियों के सामने यमुना की स्वच्छ्ता के साथ खुलेआम खिलवाड़ हो रहा है। लेकिन सभी आँख मुंदे बैठे हैं। Etv Bharat के exclusive विसुअल में साफ देखा जा सकता है कि किस प्रकार यमुनोत्री धाम के मुख्य द्वार जानकीचट्टी की मुख्य घोड़ा खच्चर पार्किंग में बने शौचालयों का सीवरेज सीधा यमुना में जा रहा है। जिससे कि देश के विभिन्न कोनों से पहुंचे यात्री और श्रद्धालु यमुना का दूषित जल पीने को मजबूर हैं।


Body:वीओ-1, यमुना की स्वच्छता को लेकर शासन प्रशासन का हमेशा से उपेक्षा पूर्ण रवैया रहा है। शायद यही कारण है कि यमुनोत्री धाम की यात्रा प्रभारी विभाग जिला पंचायत उत्तरकाशी खुलेआम यमुना नदी की स्वच्छ्ता के साथ खिलवाड़ कर रहा है। जानकीचट्टी के घोड़ा खच्चर पार्किंग में जिला पंचायत ने शौचालयों का निर्माण किया है। जिनकी उचित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की व्यवस्था न होने के कारण पहले उसका सीवरेज सीधा यूपीसीएल के यात्रा कर्मचारियों के कमरे में जा रहा है और साथ ही उसके बाद सीधा यमुना नदी में बह रहा है। जानकीचट्टी में प्रतिदिन प्रशासनिक अधिकारी ड्यूटी पर रहते हैं। लेकिन दुर्भाग्य की यमुना नदी में जा रहा सीवरेज किसी को भी नजर नहीं आ रहा है। जबकि शासन प्रशासन की और से स्वच्छ्ता के नाम पर कई प्रकार के अभियान चलाए जा रहे हैं।


Conclusion:वीओ-2, जिले के जिम्मेदार अधिकारियों को अभी तक इसकी जानकारी नहीं है। जानकारी हो भी तो कहाँ से। क्योंकि जानकीचट्टी में ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को ही जब मौके पर होने के बावजूद भी कुछ नहीं दिख रहा है। तो 150 से 180 किमी दूर बैठे अधिकारियों को सूचना देगा भी तो कौन। Etv Bharat का यह exclusive विसुअल इस बानगी को बयां कर रहा है कि कैसे लाखों करोड़ों लोगों की आस्था के साथ यमुना जी के मायके में ही खिलवाड़ किया जा रहा है। हजारों लोगों को रोजगार देने वाली यमुना नदी की स्वच्छता की सुध शायद ही आज तक ली गई है। मात्र यमुना किनारे से कुछ पॉलीथिन एकत्रित कर इतिश्री कर दिया गया है। बाईट- देवेंद्र पटवाल,आपदा प्रबधंन अधिकारी,उत्तरकाशी।
Last Updated : May 26, 2019, 9:32 PM IST
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