उत्तरकाशी: उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड (Uttarakhand Chardham Devasthanam Board) के विरोध की चिंगारी फिर भड़क गई है. देवस्थानम बोर्ड (Devasthanam Board) के खिलाफ एक बार फिर चारों धामों के तीर्थपुरोहित और हक हकूधारी सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए हैं. शुक्रवार को गंगोत्री धाम में पुरोहितों ने काली पट्टी बांधकर गंगोत्री मंदिर के सामने भजन-कीर्तन किया और देवास्थानम बोर्ड के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया.
धाम के पुरोहितों का कहना है कि यह इतिहास में पहली बार हुआ है, जब धाम के पुरोहितों ने काली पट्टी बांधी हो. उन्होंने मांग की है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत देवस्थानम बोर्ड समाप्त करने की अपनी घोषणा को पूरा करें. गंगोत्री धाम के पुरोहितों के आह्वान पर मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा में भी देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर शुक्रवार को काली पट्टी बांधकर धरना दिया.
पढ़ें- देवस्थानम बोर्ड के पुनर्विचार पर मंत्री सतपाल महाराज का इनकार
गंगोत्री धाम के पुरोहितों का कहना है कि सीएम ने हरिद्वार में बोर्ड पर पुनर्विचार करने की घोषणा की थी, लेकिन उस पर अभी अमल नहीं हो पाया है. इसको लेकर चारों धामों के पुरोहितों में भारी आक्रोश है.
गंगोत्री मंदिर समिति के सह सचिव राजेश सेमवाल ने कहा कि आज इतिहास में पहली बार हुआ है कि गंगोत्री धाम के पुरोहितों ने काली पट्टी बांधकर धाम में पूजा की है. 21 जून से पुरोहित क्रामिक अनशन करेंगे. समिति के सचिव दीपक सेमवाल का कहना है कि जिस प्रकार राज्य सरकार की आंखों पर चारों धामों की अनदेखी की पट्टी बंधी हुई है, इसी के विरोध में पुरोहितों ने काली पट्टी बांधी है.