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पुरोला: आपदा के एक साल बाद भी पटरी पर नहीं लौटा जनजीवन, DM से दौरा करने की मांग

आराकोट क्षेत्र पिछले साल 18 अगस्त को आई आपदा में 26 लोगों की जान चली गई थी. क्षेत्र के पुल, सड़कें और कृषि भूमि बह गई थी. आपदा के एक साल बीतने के बाद भी यहां का जनजीवन अभी तक पटरी पर नहीं लौटा है, जिससे क्षेत्र के लोगों में शासन-प्रशासन के खिलाफ रोष है.

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पुरोला आराकोट आपदा
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Published : Aug 30, 2020, 8:07 AM IST

Updated : Aug 30, 2020, 12:19 PM IST

पुरोला: मोरी ब्लॉक के आराकोट क्षेत्र में पिछले साल 18 अगस्त, 2019 को आई आपदा में 26 लोगों की जान चली गई थी और क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ था. एक साल से ज्यादा समय बीत जाने पर भी यहां जनजीवन पटरी पर नहीं लौटा है. आज भी लोगों को आवाजाही करने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अब बंगाण संघर्ष समिति ने जिलाधिकारी से क्षेत्र का भ्रमण करने की मांग की है.

आराकोट आपदा के एक साल बाद भी पटरी पर नहीं लौटा जनजीवन.

बता दें, मोरी ब्लॉक के आराकोट क्षेत्र में आई भारी आपदा से कई गांव तहस-नहस हो गए थे. इस आपदा में 26 लोगों की मौत हुई थी, सैकडों हेक्टेयर कृषि भूमि के साथ ही क्षेत्र के पुल, संपर्क मार्ग, पेयजल योजनाएं बाढ़ में बह गई थी. लेकिन एक साल बाद भी यहां जनजीवन पटरी पर नहीं लौटा है. शासन-प्रशासन की इस अनदेखी को लेकर क्षेत्र के लोगों ने आपदा की बरसी पर काला दिवस मनाया था. बैठक में 10 दिन के अंदर लोनिवि, सिंचाई, जल संस्थान, उर्जा निगम आदि विभागों से क्षेत्र में आपदा के नाम पर खर्च की गई धनराशि का विवरण उपलब्ध कराने का प्रस्ताव पारित किया गया.

पढ़ें- देहरादून: अस्पतालों में स्टाफ नर्सों की कमी, आखिर कैसे जीतेंगे जंग?

साथ ही प्रदेश सरकार से काश्तकारों का केसीसी ऋण माफ करने तथा आपदा पीड़ितों को कृषि भूमि के लिए सरकारी पट्टे देने की मांग की गई थी. वहीं अभी तक कोई कार्रवाई न होने पर बंगाण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों में भारी रोष है. समिति के अध्यक्ष राजेंद्र नौटियाल ने जिलाधिकारी से एक सप्ताह के अंदर आपदाग्रस्त क्षेत्र का भ्रमण करने की मांग की है.

पुरोला: मोरी ब्लॉक के आराकोट क्षेत्र में पिछले साल 18 अगस्त, 2019 को आई आपदा में 26 लोगों की जान चली गई थी और क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ था. एक साल से ज्यादा समय बीत जाने पर भी यहां जनजीवन पटरी पर नहीं लौटा है. आज भी लोगों को आवाजाही करने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अब बंगाण संघर्ष समिति ने जिलाधिकारी से क्षेत्र का भ्रमण करने की मांग की है.

आराकोट आपदा के एक साल बाद भी पटरी पर नहीं लौटा जनजीवन.

बता दें, मोरी ब्लॉक के आराकोट क्षेत्र में आई भारी आपदा से कई गांव तहस-नहस हो गए थे. इस आपदा में 26 लोगों की मौत हुई थी, सैकडों हेक्टेयर कृषि भूमि के साथ ही क्षेत्र के पुल, संपर्क मार्ग, पेयजल योजनाएं बाढ़ में बह गई थी. लेकिन एक साल बाद भी यहां जनजीवन पटरी पर नहीं लौटा है. शासन-प्रशासन की इस अनदेखी को लेकर क्षेत्र के लोगों ने आपदा की बरसी पर काला दिवस मनाया था. बैठक में 10 दिन के अंदर लोनिवि, सिंचाई, जल संस्थान, उर्जा निगम आदि विभागों से क्षेत्र में आपदा के नाम पर खर्च की गई धनराशि का विवरण उपलब्ध कराने का प्रस्ताव पारित किया गया.

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साथ ही प्रदेश सरकार से काश्तकारों का केसीसी ऋण माफ करने तथा आपदा पीड़ितों को कृषि भूमि के लिए सरकारी पट्टे देने की मांग की गई थी. वहीं अभी तक कोई कार्रवाई न होने पर बंगाण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों में भारी रोष है. समिति के अध्यक्ष राजेंद्र नौटियाल ने जिलाधिकारी से एक सप्ताह के अंदर आपदाग्रस्त क्षेत्र का भ्रमण करने की मांग की है.

Last Updated : Aug 30, 2020, 12:19 PM IST
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