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पुरोला में धारा 144 हटने के बाद पटरी पर लौट रहा जीवन, पुलिस सुरक्षा के बीच खुली मुस्लिम व्यापारियों की दुकानें

पुरोला में अब माहौल शांत है. धीरे धीरे यहां जीवन पटरी पर आ रहा है. आज पुरोला में पुलिस सुरक्षा के बीच समुदाय विशेष की दुकानें खोली गई.

purola love jihad case
पुरोला में पटरी पर लौट रहा जीवन
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Published : Jun 17, 2023, 5:44 PM IST

Updated : Jun 17, 2023, 7:34 PM IST

उत्तरकाशी: पुरोला में धारा 144 हटते ही शांति बहाल हो गई है. अब धीरे- धीरे यहां पिछले 23 दिन से बंद पड़ी समुदाय विशेष की दुकानें खुलने लगी हैं. पुरोला नगर क्षेत्र में 26 मई को नाबालिग लड़की के अपहरण प्रकरण में घटना के बाद से मुस्लिम समुदाय के लोगों के व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद थे. मुस्लिम समुदाय के व्यापारियों ने 8 दुकानें शनिवार को पुलिस सुरक्षा में खोल दी गई हैं, जबकि कुछ लोगों की दुकानें अभी भी बंद पड़ी हैं. वहीं, जो लोग कुछ ही वर्षों से अस्थायी तौर पर यहां व्यवसाय कर रहे थे, वो पहले ही क्षेत्र में पनपते आक्रोश को देखते हुए दुकानें बंद कर यहां से जा चुके हैं.

पढ़ें- पुरोला महापंचायत पर कांग्रेस ने कहा- चुनाव के वक्त "जिहाद" का नारा ठीक नहीं, एक की सजा पूरी कौम को नहीं मिलनी चाहिए

बीती 26 मई को पुरोला में कुछ स्थानीय लोगों ने मुस्लिम युवक समेत दो लोगों को एक नाबालिग लड़की के साथ पकड़ा. आरोप है कि दोनों युवक नाबालिग को भगाने का प्रयास कर रहे थे. दोनों युवक इस समय जेल में हैं. इस मामले को कुछ हिंदू संगठनों ने कथित लव जिहाद से जोड़ दिया था. इस घटना के बाद वहीं पर मुस्लिम व्यापारियों को दुकान खाली करने की धमकी दी गई. कुछ मुस्लिम व्यापारियों ने डर के मारे अपनी दुकानें खाली भी कर दी थी. जिसके बाद आज पुलिस सुरक्षा के बीच उनकी दुकानें खोल दी गई हैं.

कब और कैसे शुरू हुआ विवाद: ये पूरा विवाद 26 मई 2023 को शुरू हुआ. जब पुरोला में एक मुस्लिम युवक उबैद खान और उसके दोस्त जितेंद्र सैनी को कुछ लोगों ने पकड़ लिया. आरोप था कि ये दोनों युवक पुरोला क्षेत्र की हिंदू नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर भगाने का प्रयास कर रहे थे. लोगों ने दोनों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. इसके बाद उन्होंने मामले को हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा बनाने के अलावा लव जिहाद से जोड़ दिया. इसके बाद तो मामला और गरमा गया. स्थानीय लोगों ने बाहरी व्यापारियों और मुस्लिम समुदाय के लोगों को निशाने पर ले लिया.

uttarakhand love jihad case
क्या है पुरोला लव जिहाद मामला

27 मई को आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने पुरोला में मुस्लिम समुदाय के दुकानदारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. सभी को पुरोला छोड़कर जाने की चेतावनी दी जाने लगी, जिससे मुस्लिम समुदाय के लोगों में डर का माहौल बन गया. इसी बीच 4 जून की रात हिंदूवादी संगठनों ने मुस्लिम दुकानदारों के प्रतिष्ठान के बाहर चेतावनी भरे पोस्टर चस्पा कर दिए.

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क्या है पुरोला लव जिहाद मामला

पढे़ं- उत्तराखंड के पुरोला में क्यों और कैसे सुलगा 'लव जिहाद' का मामला, मौजूदा हालात पर डालें एक नजर

पोस्टर में धमकी भरे शब्दों में मुस्लिम समुदाय के लोगों को जल्द से जल्द दुकानें खाली करने की बात लिखी गई. मुस्लिम समुदाय दुकानों के बाहर कथित चस्पा पोस्टर देवभूमि रक्षा अभियान के हवाले से लगाया था. जिसमें लिखा गया था कि 'लव जिहादियों को सूचित किया जाता है कि दिनांक 15 जून 2023 को होने वाली महापंचायत से पूर्व अपनी दुकानें खाली कर दें, यदि तुम्हारे द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है तो वह वक्त पर निर्भर करेगा. देवभूमि रक्षा अभियान' इसके बाद पुरोला में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दुकानें बंद की. करीब 12 लोग दुकानों से सामान समेटकर वापस भी गये. इसके बाद हिंदू संगठनों ने यहां महापंचायत का ऐलान किया. जिसके बाद बाद पुरोला में माहौल तनाव पूर्ण हो गया. तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए यहां धारा 144 लागू की गई. पुरोला में करीब 300 पुलिस के जवान तैनात किए गए. इसके बाद बमुश्किल महापंचायत स्थगित हुई. तब से पुरोला में माहौल शांतिपूर्ण है

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पढ़ें- Purola Love Jihad Case: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा पर लगाये गंभीर आरोप, कही ये बड़ी बात
पढ़ें- पुरोला में धारा 144 के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन, केशव गिरि समेत कई गिरफ्तार, अब 25 जून को होगी महापंचायत

उत्तरकाशी: पुरोला में धारा 144 हटते ही शांति बहाल हो गई है. अब धीरे- धीरे यहां पिछले 23 दिन से बंद पड़ी समुदाय विशेष की दुकानें खुलने लगी हैं. पुरोला नगर क्षेत्र में 26 मई को नाबालिग लड़की के अपहरण प्रकरण में घटना के बाद से मुस्लिम समुदाय के लोगों के व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद थे. मुस्लिम समुदाय के व्यापारियों ने 8 दुकानें शनिवार को पुलिस सुरक्षा में खोल दी गई हैं, जबकि कुछ लोगों की दुकानें अभी भी बंद पड़ी हैं. वहीं, जो लोग कुछ ही वर्षों से अस्थायी तौर पर यहां व्यवसाय कर रहे थे, वो पहले ही क्षेत्र में पनपते आक्रोश को देखते हुए दुकानें बंद कर यहां से जा चुके हैं.

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बीती 26 मई को पुरोला में कुछ स्थानीय लोगों ने मुस्लिम युवक समेत दो लोगों को एक नाबालिग लड़की के साथ पकड़ा. आरोप है कि दोनों युवक नाबालिग को भगाने का प्रयास कर रहे थे. दोनों युवक इस समय जेल में हैं. इस मामले को कुछ हिंदू संगठनों ने कथित लव जिहाद से जोड़ दिया था. इस घटना के बाद वहीं पर मुस्लिम व्यापारियों को दुकान खाली करने की धमकी दी गई. कुछ मुस्लिम व्यापारियों ने डर के मारे अपनी दुकानें खाली भी कर दी थी. जिसके बाद आज पुलिस सुरक्षा के बीच उनकी दुकानें खोल दी गई हैं.

कब और कैसे शुरू हुआ विवाद: ये पूरा विवाद 26 मई 2023 को शुरू हुआ. जब पुरोला में एक मुस्लिम युवक उबैद खान और उसके दोस्त जितेंद्र सैनी को कुछ लोगों ने पकड़ लिया. आरोप था कि ये दोनों युवक पुरोला क्षेत्र की हिंदू नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर भगाने का प्रयास कर रहे थे. लोगों ने दोनों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. इसके बाद उन्होंने मामले को हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा बनाने के अलावा लव जिहाद से जोड़ दिया. इसके बाद तो मामला और गरमा गया. स्थानीय लोगों ने बाहरी व्यापारियों और मुस्लिम समुदाय के लोगों को निशाने पर ले लिया.

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27 मई को आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने पुरोला में मुस्लिम समुदाय के दुकानदारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. सभी को पुरोला छोड़कर जाने की चेतावनी दी जाने लगी, जिससे मुस्लिम समुदाय के लोगों में डर का माहौल बन गया. इसी बीच 4 जून की रात हिंदूवादी संगठनों ने मुस्लिम दुकानदारों के प्रतिष्ठान के बाहर चेतावनी भरे पोस्टर चस्पा कर दिए.

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Last Updated : Jun 17, 2023, 7:34 PM IST
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