उत्तरकाशी: वित्तीय अनियमितताओं की जांच के मामले में गढ़वाल आयुक्त रविनाथ रमन ने अपनी विवेचना रिपोर्ट पंचायती राज सचिव को भेजी है. इस रिपोर्ट में आयुक्त की और से जिला पंचायत अध्यक्ष उत्तरकाशी का पक्ष जनाने के बाद बताया है कि तीन आरोपों की पुष्टि नहीं है, जबकि चार आरोपों की आंशिक पुष्टि हुई है. जिसके लिए रिपोर्ट में जिला पंचायत के अधिकारियों और कर्मचारियों को जिम्मेदार माना गया है.
गढ़वाल आयुक्त की पंचायती राज सचिव को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि चार आरोपों में निर्माण से पहले ही कार्यपूर्ति प्रमाण पत्र दिया गया. साथ ही कई भुगतान होने के बाद भी कार्य पूरा नहीं हुआ. साथ ही निविदाओं का प्रकाशन नियमानुसार नहीं किया गया. साथ ही एक फर्म को 90 फीसदी काम दिए गए और निविदा नियमावली में प्रशासनिक अनिमितता की आंशिक पुष्टि हुई है, जिसके लिए जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी को जिम्मेदार बताया गया है और कार्रवाई की संस्तुति भी दी गई है.
गढ़वाल आयुक्त की रिपोर्ट में जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण की इन अनियमितताओं में कहीं भी भूमिका सीधे तौर पर सिद्ध नहीं हुई है. बता दें कि जिला पंचायत में जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह, पवन सिंह, आनंद सिंह और चंदन सिंह ने बीते साल नवंबर में जिला पंचायत उत्तरकाशी में वित्तीय अनियमितता की शिकायत की थी. पंचायती राज सचिव ने इसकी जांच गढ़वाल आयुक्त को सौंपी है.
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गढ़वाल आयुक्त के निर्देश पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जांच की और आरोप सिद्ध होने की प्रारंभिक रिपोर्ट गढ़वाल आयुक्त को सौंपी. गढ़वाल मंडल आयुक्त ने इस रिपोर्ट के आधार पर जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण का पक्ष सुना, जिसके बाद 21 जून को आयुक्त ने विवेचना और निष्कर्ष रिपोर्ट शासन को भेजी. आयुक्त की रिपोर्ट में जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण को कहीं भी आरोपित नहीं किया गया है, जिन आरोपों में आंशिक पुष्टि हुई है, उनके लिए जिला पंचायत के अधिकारी व कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया गया है.