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चारधाम की यात्रा नहीं कर पाएंगे बुजुर्ग यात्री, जानिए क्यों

कोरोना संकट के चलते इस बार बुजुर्गों को चारधाम यात्रा की अनुमति नहीं दी गई है. लेकिन चारधाम का महत्व बुजुर्गों के लिए विशेष रहता है. जानिए क्यों बुजुर्ग लोग करते हैं चारधाम की तीर्थयात्रा.

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Published : Jun 30, 2020, 9:50 PM IST

chardham yatra
चारधाम

उत्तरकाशीः राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा के लिए एक गाइडलाइन जारी की है. जिसमें यात्री एक दिन से ज्यादा धाम या यात्रा मार्ग पर नहीं रुक सकता है. साथ ही 65 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति चारधाम यात्रा पर नहीं जा सकेंगे. जबकि, बुजुर्गों के लिए चारधाम तीर्थयात्रा का विशेष महत्व माना जाता है.

चारधाम यात्रा पर पहले बुजुर्ग ही जाते थे, लेकिन अब तीर्थयात्रा के साथ पर्यटन भी जुड़ गया है. जिससे चारधाम यात्रा के स्वरूप में थोड़ा बदलाव देखा गया है. जानकार बताते हैं कि पारिवारिक जीवन की सभी जिम्मेदारी को निभा कर देश के विभिन्न राज्यों से बुजुर्ग चारधाम की यात्रा पर निकलते थे. वहीं, बुजुर्ग व्यक्ति सभी सांसारिक मोह माया को छोड़कर गौदान आदि कर यात्रा पर निकलते थे. क्योंकि, अब वो सभी सांसरिक सुखों को भोगकर अंत में परमात्मा से मन लगाने चारों धामों की यात्रा करते थे. आज समय के साथ यात्रा का स्वरूप बदला है, लेकिन आज भी चारधाम का महत्व बुजुर्गों के लिए विशेष रहता है. हर साल देश के विभिन्न हिस्सों से लाखों बुजुर्ग चारधाम यात्रा पर आते हैं.

चारधाम यात्रा में बुजुर्ग यात्रियों पर पाबंदी.

ये भी पढ़ेंः चारधाम यात्रा 2020: शाम 4 बजे के बाद बदरीनाथ धाम नहीं जा सकेंगे यात्री, जानिए क्यों

वहीं, इस साल कोरोना संकट के चलते बुजुर्ग यात्रियों या 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए यात्रा प्रतिबंधित की गई है. हालांकि, एक जुलाई से प्रदेशवासियों के लिए यात्रा शुरू की गई है, लेकिन गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश समेत जिले के बुजुर्ग भी चारधाम की यात्रा नहीं कर पाएंगे. डीएम डॉ. आशीष चौहान का कहना है कि चारधाम यात्रा में भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा. गाइडलाइन के अनुसार ही बुजुर्गों की यात्रा प्रतिबंधित की गई है. साथ ही मेडिकल के दौरान जिस यात्री को सांस लेने जैसी बीमारी या खांसी-जुखाम के लक्षण पाए जाएंगे, उन्हें भी यात्रा पर नहीं जाने दिया जाएगा.

उत्तरकाशीः राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा के लिए एक गाइडलाइन जारी की है. जिसमें यात्री एक दिन से ज्यादा धाम या यात्रा मार्ग पर नहीं रुक सकता है. साथ ही 65 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति चारधाम यात्रा पर नहीं जा सकेंगे. जबकि, बुजुर्गों के लिए चारधाम तीर्थयात्रा का विशेष महत्व माना जाता है.

चारधाम यात्रा पर पहले बुजुर्ग ही जाते थे, लेकिन अब तीर्थयात्रा के साथ पर्यटन भी जुड़ गया है. जिससे चारधाम यात्रा के स्वरूप में थोड़ा बदलाव देखा गया है. जानकार बताते हैं कि पारिवारिक जीवन की सभी जिम्मेदारी को निभा कर देश के विभिन्न राज्यों से बुजुर्ग चारधाम की यात्रा पर निकलते थे. वहीं, बुजुर्ग व्यक्ति सभी सांसारिक मोह माया को छोड़कर गौदान आदि कर यात्रा पर निकलते थे. क्योंकि, अब वो सभी सांसरिक सुखों को भोगकर अंत में परमात्मा से मन लगाने चारों धामों की यात्रा करते थे. आज समय के साथ यात्रा का स्वरूप बदला है, लेकिन आज भी चारधाम का महत्व बुजुर्गों के लिए विशेष रहता है. हर साल देश के विभिन्न हिस्सों से लाखों बुजुर्ग चारधाम यात्रा पर आते हैं.

चारधाम यात्रा में बुजुर्ग यात्रियों पर पाबंदी.

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वहीं, इस साल कोरोना संकट के चलते बुजुर्ग यात्रियों या 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए यात्रा प्रतिबंधित की गई है. हालांकि, एक जुलाई से प्रदेशवासियों के लिए यात्रा शुरू की गई है, लेकिन गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश समेत जिले के बुजुर्ग भी चारधाम की यात्रा नहीं कर पाएंगे. डीएम डॉ. आशीष चौहान का कहना है कि चारधाम यात्रा में भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा. गाइडलाइन के अनुसार ही बुजुर्गों की यात्रा प्रतिबंधित की गई है. साथ ही मेडिकल के दौरान जिस यात्री को सांस लेने जैसी बीमारी या खांसी-जुखाम के लक्षण पाए जाएंगे, उन्हें भी यात्रा पर नहीं जाने दिया जाएगा.

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