ETV Bharat / state

8 साल से विकास के इंतजार में ज्ञानसू-ज्ञाणजा मोटर मार्ग, ग्रामीण लगा चुके हैं DM से CM तक अर्जी

उत्तरकाशी के ज्ञानसू-ज्ञाणजा मोटर मार्ग पर डामरीकरण की मांग की जा रही है. 2015 में बनाई गई रोड पर मात्र पत्थर और रोड़ी डालकर छोड़ दी गई. अब आए दिन मार्ग पर दोपहिया वाहर सवार चोटिल हो रहे हैं.

author img

By

Published : Jun 5, 2023, 3:47 PM IST

Etv Bharat
Etv Bharat

उत्तरकाशी: गंगोत्री विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वरुणा घाटी का ज्ञानसू-ज्ञाणजा मोटर मार्ग पिछले 8 साल से विकास के इंतजार में है. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनाई गई 4.75 किमी की सड़क को विभाग की लापरवाही के कारण आधा अधूरा ही छोड़ दिया गया. नतीजा ये है कि सड़क का डामरीकरण न होने के कारण अब पैदल और दोपहिया वाहन सवार चोटिल हो रहे हैं. सड़क के डामरीकरण के लिए ग्रामीण कई बार आंदोलन भी कर चुके हैं.

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 2015 में बनाई गई वरुणा घाटी के ज्ञानसू-ज्ञाणजा सड़क पर 8 साल बाद भी डामरीकरण नहीं हो पाया है. प्रशासन की लापरवाही के कारण अब ग्रामीणों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. सड़क का डामरीकरण न होने के कारण पैदल दोपहिया वाहन सवार चोटिल हो रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के दौरान सड़क पर पैदल चलना भी दूभर हो जाता है. सड़क निर्माण के दौरान बिछाई गई पत्थर और रोड़ी उखड़ कर ऊपर आ गई है.

क्षेत्र पंचायत सदस्य तनुजा नेगी और प्रधान कमलेश भट्ट का कहना है कि पिछले एक हफ्ते में तीन दोपहिया वाहन चालक इस सड़क पर चोटिल हो गए हैं. सड़क के डामरीकरण के लिए सीएम से लेकर डीएम और शासन व पीएमजीएसवाई विभाग के उच्च अधिकारियों को लिखित रूप में अर्जी दी गई है. लेकिन सड़क के डामरीकण पर शासन-प्रशासन गंभीर नहीं हैं. उनका कहना है कि अगर जल्द सड़क का जीर्णोद्धार नहीं किया गया तो ग्रामीणों को मजबूरन आंदोलन के लिए उतरना पड़ेगा. पीएमजीएवाई के अधिशासी अभियंता आशीष भट्ट का कहना है कि दो बार सड़क के डामरीकरण को लेकर टेंडर कॉल किए गए. लेकिन कोई ठेकेदार निविदा लेने नहीं आया. इस संबध में उच्च अधिकारियों से वार्ता की जा रही है.
ये भी पढ़ेंः ओवर स्पीड के कारण खून से लाल हो रही हैं राजधानी की सड़कें, पांच महीने में 67 लोगों की गई जान

उत्तरकाशी: गंगोत्री विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वरुणा घाटी का ज्ञानसू-ज्ञाणजा मोटर मार्ग पिछले 8 साल से विकास के इंतजार में है. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनाई गई 4.75 किमी की सड़क को विभाग की लापरवाही के कारण आधा अधूरा ही छोड़ दिया गया. नतीजा ये है कि सड़क का डामरीकरण न होने के कारण अब पैदल और दोपहिया वाहन सवार चोटिल हो रहे हैं. सड़क के डामरीकरण के लिए ग्रामीण कई बार आंदोलन भी कर चुके हैं.

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 2015 में बनाई गई वरुणा घाटी के ज्ञानसू-ज्ञाणजा सड़क पर 8 साल बाद भी डामरीकरण नहीं हो पाया है. प्रशासन की लापरवाही के कारण अब ग्रामीणों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. सड़क का डामरीकरण न होने के कारण पैदल दोपहिया वाहन सवार चोटिल हो रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के दौरान सड़क पर पैदल चलना भी दूभर हो जाता है. सड़क निर्माण के दौरान बिछाई गई पत्थर और रोड़ी उखड़ कर ऊपर आ गई है.

क्षेत्र पंचायत सदस्य तनुजा नेगी और प्रधान कमलेश भट्ट का कहना है कि पिछले एक हफ्ते में तीन दोपहिया वाहन चालक इस सड़क पर चोटिल हो गए हैं. सड़क के डामरीकरण के लिए सीएम से लेकर डीएम और शासन व पीएमजीएसवाई विभाग के उच्च अधिकारियों को लिखित रूप में अर्जी दी गई है. लेकिन सड़क के डामरीकण पर शासन-प्रशासन गंभीर नहीं हैं. उनका कहना है कि अगर जल्द सड़क का जीर्णोद्धार नहीं किया गया तो ग्रामीणों को मजबूरन आंदोलन के लिए उतरना पड़ेगा. पीएमजीएवाई के अधिशासी अभियंता आशीष भट्ट का कहना है कि दो बार सड़क के डामरीकरण को लेकर टेंडर कॉल किए गए. लेकिन कोई ठेकेदार निविदा लेने नहीं आया. इस संबध में उच्च अधिकारियों से वार्ता की जा रही है.
ये भी पढ़ेंः ओवर स्पीड के कारण खून से लाल हो रही हैं राजधानी की सड़कें, पांच महीने में 67 लोगों की गई जान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.