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CM पांच बार कर चुके घोषणा, फिर भी नहीं बन पाया धौला-डोडरा-क्वार सड़क मार्ग

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत धौला-डोडरा-क्वार सड़क मार्ग के निर्माण की घोषणा कई बार कर चुके हैं, लेकिन उनकी इस घोषणाओं को आज तक अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है.

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नहीं बन पाया सड़क मार्ग
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Published : Feb 10, 2021, 9:44 AM IST

पुरोला: धौला-डोडरा-क्वार सड़क मार्ग को अमलीजामा पहनाने की घोषणा सूबे के सीएम त्रिवेंद्र सिंह पांच बार कर चुके हैं. फिर भी आज तक इस मोटर मार्ग का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है, जिसके कारण मोरी ब्लॉक के सेवा बरी और हिमाचल प्रदेश के डोडरा क्वार तहसील के पांच गांवों के ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

नहीं बन पाया सड़क मार्ग

मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव में क्वार में आयोजित एक जनसभा के दौरान भी इस मोटर मार्ग के शीघ्र निर्माण की घोषणा की थी. लेकिन आज तक इस मोटर मार्ग का निर्माण कार्य नहीं शुरू हो सका है. ग्रामीणों को कई किलोमीटर पैदल चलकर मोटर मार्ग तक पहुंचना पड़ता है. ग्रामीण सालों से इस सड़क मार्ग के निर्माण की मांग कर रहे हैं. लेकिन प्रशासन का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. जिसे लेकर दोनों प्रदेशों के लोगों में काफी आक्रोश है.

ये भी पढ़ें: CAU के मुख्य कोच वसीम जाफर ने दिया इस्तीफा, पदाधिकारियों और सिलेक्शन टीम पर लगाए गंभीर आरोप

बताया जा रहा है कि यहां प्रसूता महिलाओं और बीमार लोगों को डंडी-कंडी के सहारे अस्पतालों तक पहुंचाया जाता है. अधिकांश मरीज रास्ता दुरुस्त न होने की वजह से रास्ते में ही दम तोड़ चुके हैं. लेकिन प्रशासन की कुंभकर्णी नींद अभी तक नहीं टूटी हैं, जिसका खामियाजा स्थानीय ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है.

पुरोला: धौला-डोडरा-क्वार सड़क मार्ग को अमलीजामा पहनाने की घोषणा सूबे के सीएम त्रिवेंद्र सिंह पांच बार कर चुके हैं. फिर भी आज तक इस मोटर मार्ग का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है, जिसके कारण मोरी ब्लॉक के सेवा बरी और हिमाचल प्रदेश के डोडरा क्वार तहसील के पांच गांवों के ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

नहीं बन पाया सड़क मार्ग

मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव में क्वार में आयोजित एक जनसभा के दौरान भी इस मोटर मार्ग के शीघ्र निर्माण की घोषणा की थी. लेकिन आज तक इस मोटर मार्ग का निर्माण कार्य नहीं शुरू हो सका है. ग्रामीणों को कई किलोमीटर पैदल चलकर मोटर मार्ग तक पहुंचना पड़ता है. ग्रामीण सालों से इस सड़क मार्ग के निर्माण की मांग कर रहे हैं. लेकिन प्रशासन का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. जिसे लेकर दोनों प्रदेशों के लोगों में काफी आक्रोश है.

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बताया जा रहा है कि यहां प्रसूता महिलाओं और बीमार लोगों को डंडी-कंडी के सहारे अस्पतालों तक पहुंचाया जाता है. अधिकांश मरीज रास्ता दुरुस्त न होने की वजह से रास्ते में ही दम तोड़ चुके हैं. लेकिन प्रशासन की कुंभकर्णी नींद अभी तक नहीं टूटी हैं, जिसका खामियाजा स्थानीय ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है.

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