उत्तराखंडः उत्तराखंड की राजनीतिक गलियारों में इन दिनों सर्द मौसम में भी गर्माहट नजर आ रही हैं. जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे है, वैसे वैसे राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप और छींटाकशी भी तेज होती जा रही है. ताजा मामला उत्तरकाशी जिले का है. जहां तमाम कांग्रेस के पदाधिकारी इसलिए नाराज हैं कि पूर्व में वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोपों का सामना करने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण को कांग्रेस पार्टी में शामिल करने की कवायद की जा रही है. जिसका कांग्रेसी नेताओं ने तीखा विरोध किया है, इतना ही नहीं उन्होंने संगठन को सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी भी दी है.
यमुना घाटी के कांग्रेस अध्यक्ष राजेश सिंह राणा ने आरोप लगाया है कि उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण (Uttarkashi district panchayat president deepak Bijalwan) ने जनपद में ही नहीं बल्कि उत्तराखंड के इतिहास में घोटाले को अंजाम दिया है. उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी डीएम की ओर से अपनी जांच आख्या में स्पष्ट रूप से भारी भरकम घोटाले को उजागर किया गया, जो कि लोकतंत्र के इतिहास में काला अध्याय के रूप में जाना जाएगा.
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वहीं, प्रदेश कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी अतोल रावत का कहना है कि कांग्रेस के कुछ छुटभैया नेता प्रदेश कांग्रेस और अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता को गुमराह करना चाह रहे हैं. यह नेता दीपक बिजल्वाण को कांग्रेस में शामिल करने की रणनीति बना रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे लोग कांग्रेस का कभी भला नहीं चाहते हैं. उनका कहना है कि यमुनोत्री विधानसभा की जनता को भ्रमित करने की सोची समझी नीति तैयार की जा रही है. जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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उत्तरकाशी कांग्रेस जिलाध्यक्ष जगमोहन रावत ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यदि दीपक बिजल्वाण कांग्रेस में शामिल होते हैं तो यमुनोत्री विधानसभा के समस्त कार्यकर्ता और पदाधिकारी अपने पद से त्यागपत्र देने से भी पीछे नहीं हटेंगे. इस मामले में उत्तरकाशी जिले के कांग्रेस पदाधिकारियों ने शीर्ष नेतृत्व से भी पत्र लिखकर जिला पंचायत अध्यक्ष को कांग्रेस में शामिल न किए जाने का आग्रह किया है.