उत्तरकाशीः पहाड़ों में मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ने लगा है. सर्दिया शुरू होते ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों से भालू निचले इलाकों में आने लगे हैं. इससे कई गांवों में भालुओं के हमलों की संख्या बढ़ने लगी है. हालांकि अभी तक इंसानों पर हमले के मामले सामने नहीं आए हैं. लेकिन जानवरों पर भालुओं के हमले लगातार बढ़ रहे हैं. उत्तरकाशी जिले के गंगा घाटी से लेकर यमुना घाटी तक ग्रामीण अपने मवेशियों पर भालुओं के हमले से परेशान हैं. लेकिन वन विभाग की ओर से भालुओं के हमले को रोकने के लिए किसी प्रकार की उचित कार्रवाई नहीं की गई है.
बड़कोट तहसील के राना गांव निवासी लोकेश राणा ने बताया कि बीती रात को गांव के सिंगटीया गैर तोक में एक भालू राजेंद्र सिंह चौहान की गौशाला तोड़कर दो बछड़ों को उठाकर ले गया. साथ ही इससे पूर्व भी भालू करीब 7 से 8 गौशालाओं को तोड़ा चुका है. वहीं, अभी तक मवेशियों को ही नुकसान पहुंचा है. लोकेश आगे कहते हैं कि इसी प्रकार रहा तो ग्रामीणों पर भी भालू के हमले का खतरा बना हुआ है.
पढ़ेंः त्योहारी सीजन के मद्देनजर खाद्य विभाग की छापेमारी
लोकेश राणा ने बताया कि इस सम्बन्ध में कई बार वन विभाग के कर्मचारियों-अधिकारियों को सूचित किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई करने को राजी नहीं है. वहीं, इससे पूर्व बीती रविवार को भी भटवाड़ी ब्लॉक के भंकोली गांव में मवेशियों पर भालू ने हमला कर दिया था. जिससे मवेशियों की जान के साथ ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है.