उत्तरकाशीः प्रदेश में महत्वाकांक्षी चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत सड़कों का चौड़ीकरण का काम किया जा रहा है. लेकिन गंगोत्री हाईवे पर यानी उत्तरकाशी से गंगोत्री धाम तक ऑल वेदर रोड के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. केंद्रीय परिवहन राज्य मंत्री रि. जनरल वीके सिंह ने कहा कि 100 किमी के दायरे का सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी ने निरीक्षण किया है और एक प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट की स्वीकृति मिलने के बाद ही उत्तरकाशी से गंगोत्री धाम तक ऑल वेदर रोड का कार्य शुरू हो पाएगा.
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से लेकर गंगोत्री धाम के 100 किमी के दायरे की बात करें तो यह दायरा ईको सेंसटिव जोन के अंतर्गत आता है. इको सेंसटिव जोन के नियमों के तहत गंगा (भागीरथी) नदी के किनारे किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता है. साथ ही नदी के साथ किसी भी प्रकार से छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता है.
इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर से ऑल वेदर रोड के कार्यों के लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी गठित की गई है. जो समय-समय पर ऑल वेदर रोड के कार्यों का निरीक्षण करती है. बीते महीने भी सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी ने उत्तरकाशी से गंगोत्री तक के क्षेत्र का निरीक्षण किया था. जिसपर एक रिपोर्ट तैयार किया गया था.
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उत्तरकाशी पहुंचे केंद्रीय परिवहन राज्य मंत्री रिटायर जनरल वीके सिंह ने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकृति मिलेगी, उसके बाद ही इस क्षेत्र को ऑल वेदर रोड से जोड़ा जाएगा. जिससे अभी उत्तरकाशी से गंगोत्री धाम तक 100 किमी के दायरे में बसे ग्रामीणों और चारधाम यात्रियों को ऑल वेदर रोड का लाभ मिलने में समय लग सकता है.
बहरहाल, इस साल भी चारधाम यात्रियों को संकरी गंगोत्री हाईवे से गुजरना पड़ेगा. क्योंकि, चौड़ीकरण न होने के कारण चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों को जाम के झाम से जूझना पड़ता है. इतना ही नहीं इस हाईवे पर कई डेंजर जोन भी हैं. साथ ही आए दिन हादसे होते रहते हैं.