उत्तरकाशी/देहरादून: उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी ने गंगोत्री विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए अपने वरिष्ठ नेता कर्नल अजय कोठियाल के नाम का ऐलान किया है. आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को इस सीट पर चुनाव लड़ने की चुनौती दी है. आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को चुनौती देते हुए कहा कि 'मुख्यमंत्री में यदि हिम्मत है तो वह गंगोत्री विधानसभा सीट का उपचुनाव लड़ें. यदि ऐसा करते हैं तो आम आदमी पार्टी की तरफ से कर्नल अजय कोठियाल उनको चुनाव में चुनौती देंगे और मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को मैदान से बाहर कर देंगे'.
वहीं, आप नेता अजय कोठियाल ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि 'पांच वर्षों में भाजपा ने उत्तराखंड को बर्बाद कर दिया. मैं सौभाग्यशाली हूं कि मेरी पार्टी ने मुझे CM तीरथ सिंह रावत के सामने गंगोत्री उपचुनाव में उतरने का मौका दिया है. मैंने गंगोत्री के कई गांवों का दौरा किया है और मुझे विश्वास है कि इस बार जनता की जीत होगी.
दरअसल, कर्नल अजय कोठियाल दो सप्ताह से लगातार गंगोत्री विधानसभा सीट के विभिन्न गांवों में ग्रामीणों से जन संवाद कर रहे हैं. साथ ही उत्तराखंड नव निर्माण को लेकर स्थानीय लोगों की राय ले रहे हैं. कर्नल अजय कोठियाल का कहना है कि गंगोत्री विधानसभा सीट की जनता जिस प्रकार से उन्हें प्यार और स्नेह दे रही है, उससे हर कोई अब बदलाव की आस लगाए हुए है.
उत्तराखंड की सत्ता से दिलचस्प संयोग
उत्तराखंड के चुनावी इतिहास में गंगोत्री सीट से जिस भी पार्टी का उम्मीदवार जीता, प्रदेश में उसी दल की सरकार बनी है. सियासत के इस संयोग को धर्मगुरु मां गंगा की असीम कृपा मानते हैं. उत्तरकाशी जिले की इस सीट को लेकर चाहे संयोग मानें या चमत्कार, लेकिन हकीकत यही है कि जिस भी दल का प्रत्याशी उत्तरकाशी से जीता प्रदेश में उसकी ही सरकार बनी है.
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2000 में उत्तराखंड के अस्तित्व में आने के बाद विधानसभा सीटों के परिसीमन से उत्तरकाशी विधानसभा सीट जौनसार, टिहरी, पुरोला, यमुनोत्री और गंगोत्री चार विधानसभा सीटों में बंट गयी. वर्ष 2002 में राज्य में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के विजयपाल सजवाण जीत कर विधानसभा में पहुंचे. वर्ष 2012 में दोबारा कांग्रेस के विजयपाल के जीतने पर प्रदेश में उन्हीं की पार्टी कांग्रेस की सरकार बनी. अब आगामी विधानसभा चुनाव 2017 में बीजेपी विधायक गोपाल रावत विधानसभा पहुंचे तो प्रदेश में उन्हीं की पार्टी बीजेपी की सरकार बनी. अब देखना दिलचस्प होगा कि यह संयोग आखिर कब तक यूं ही बना रहेगा.
उत्तरकाशी के साथ 60 सालों से जुड़ा है मिथक
वर्ष 1958 में यूपी का हिस्सा रहे टिहरी जिले की उत्तरकाशी सीट से कांग्रेस के रामचंद्र उनियाल विधायक बने तो राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी. इसके बाद तीन बार कांग्रेस के कृष्ण सिंह विधायक बने, तो प्रदेश में तीनों बार कांग्रेस की सरकार बनी. 1974 में उत्तरकाशी विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए घोषित होने पर यहां कांग्रेस नेता बलदेव सिंह आर्य विधायक बने, तब भी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी. आपातकाल के बाद राजनीतिक उथल-पुथल के समय जनता पार्टी अस्त्तिव में आई. उस समय जनता पार्टी के बर्फिया लाल जुवांठा चुनाव जीते और प्रदेश में जनता पार्टी की सरकार बनी. ऐसे में उत्तरकाशी सीट से जुड़े इस मिथक को बनाए रखने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों ने ही गंगोत्री विधानसभा सीट पर हमेशा अपनी पूरी ताकत झोंकी है.
बता दें कि बीजेपी विधायक गोपाल रावत के निधन के बाद गंगोत्री विधानसभा सीट खाली हो गई है. गोपाल रावत का बीती 22 अप्रैल को कैंसर की बीमारी से देहरादून के गोविंद अस्पताल में निधन हो गया था. गोपाल रावत एक सरल और स्पष्टवादी नेता के रूप में जाने जाते थे. ऐसे में गंगोत्री विधानसभा सीट खाली चल रही है.