ETV Bharat / state

राजकीय कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग ने दिया झटका, गोल्डन कार्ड योजना में बदलाव की तैयारी - UTTARAKHAND GOLDEN CARD SCHEME

राजकीय कर्मचारियों के गोल्डन कार्ड योजना में होगा बदलाव. अंशदान से अधिक हो रहा है सरकार का खर्च

UTTARAKHAND GOLDEN CARD SCHEME
महानिदेशालय चिकित्सा स्वास्थ्य कार्यालय (photo- ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 21, 2025, 5:57 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के राजकीय कर्मचारियों, पेंशनधारियों और उनके आश्रितों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ देने के लिए राज्य सरकार गोल्डन कार्ड योजना चला रही है, लेकिन अब ये योजना सरकार के गले की फांस बनती जा रही है, क्योंकि गोल्डन कार्ड योजना के तहत राजकीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों से मिलने वाला अंशदान से अधिक कैशलेस इलाज पर खर्च हो रहा है. जिसके चलते अब स्वास्थ्य विभाग ने इस योजना में बदलाव करने का निर्णय लिया है. हालांकि कर्मचारियों के साथ चर्चा कर बदलाव का निर्णय लिया जाएगा.

गोल्डन कार्ड के जरिए कर्मचारियों और पेंशनधारियों को दी जा रही कैशलेस इलाज की सुविधा का मामला सदन में भी चर्चा का विषय रहा. जिस पर स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा उत्तराखंड में करीब 4 लाख 85 हजार राजकीय कर्मचारी और पेंशनधारियों के गोल्डन कार्ड बनाए गए हैं. इस योजना के शुरू होने के बाद यानी जनवरी, 2021 से जनवरी, 2025 तक 490.29 करोड़ रुपए अंशदान के रूप में विभाग को मिले हैं, जबकि इस दौरान कर्मचारियों और पेंशनरों के इलाज पर करीब 661 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं.

गोल्डन कार्ड योजना में बदलाव की तैयारी (video-ETV Bharat)

गोल्डन कार्ड योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में कर्मचारी और पेंशनर को कैशलेस इलाज की सुविधा दी जा रही है.जिसके चलते अस्पतालों को अभी भी 80 करोड़ का भुगतान किया जाना बाकी है. साथ ही चिकित्सा प्रतिपूर्ति में मद में 4.69 करोड़ का भुगतान किया जाना है.

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि कर्मचारियों और पेंशनधारियों का कैशलेस इलाज बहुत अच्छे तरीके से हो रहा है, लेकिन इसमें कुछ व्याहारिक दिक्कतें हैं. जिसको लेकर कर्मचारी संगठन के साथ बैठक की जाएगी और जल्द ही उसका समाधान निकला जाएगा. उन्होंने कहा कि योजना में क्या कुछ बदलाव करना है. ये बातचीत करने के बाद ही निकलेगा, लेकिन कर्मचारियों का इलाज करना सरकार की प्राथमिकता है.

ये भी पढ़ें-

देहरादून: उत्तराखंड के राजकीय कर्मचारियों, पेंशनधारियों और उनके आश्रितों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ देने के लिए राज्य सरकार गोल्डन कार्ड योजना चला रही है, लेकिन अब ये योजना सरकार के गले की फांस बनती जा रही है, क्योंकि गोल्डन कार्ड योजना के तहत राजकीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों से मिलने वाला अंशदान से अधिक कैशलेस इलाज पर खर्च हो रहा है. जिसके चलते अब स्वास्थ्य विभाग ने इस योजना में बदलाव करने का निर्णय लिया है. हालांकि कर्मचारियों के साथ चर्चा कर बदलाव का निर्णय लिया जाएगा.

गोल्डन कार्ड के जरिए कर्मचारियों और पेंशनधारियों को दी जा रही कैशलेस इलाज की सुविधा का मामला सदन में भी चर्चा का विषय रहा. जिस पर स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा उत्तराखंड में करीब 4 लाख 85 हजार राजकीय कर्मचारी और पेंशनधारियों के गोल्डन कार्ड बनाए गए हैं. इस योजना के शुरू होने के बाद यानी जनवरी, 2021 से जनवरी, 2025 तक 490.29 करोड़ रुपए अंशदान के रूप में विभाग को मिले हैं, जबकि इस दौरान कर्मचारियों और पेंशनरों के इलाज पर करीब 661 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं.

गोल्डन कार्ड योजना में बदलाव की तैयारी (video-ETV Bharat)

गोल्डन कार्ड योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में कर्मचारी और पेंशनर को कैशलेस इलाज की सुविधा दी जा रही है.जिसके चलते अस्पतालों को अभी भी 80 करोड़ का भुगतान किया जाना बाकी है. साथ ही चिकित्सा प्रतिपूर्ति में मद में 4.69 करोड़ का भुगतान किया जाना है.

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि कर्मचारियों और पेंशनधारियों का कैशलेस इलाज बहुत अच्छे तरीके से हो रहा है, लेकिन इसमें कुछ व्याहारिक दिक्कतें हैं. जिसको लेकर कर्मचारी संगठन के साथ बैठक की जाएगी और जल्द ही उसका समाधान निकला जाएगा. उन्होंने कहा कि योजना में क्या कुछ बदलाव करना है. ये बातचीत करने के बाद ही निकलेगा, लेकिन कर्मचारियों का इलाज करना सरकार की प्राथमिकता है.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.