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ट्रेड यूनियनों के भारत बंद का दिखा असर, काशीपुर में बैंक कर्मियों ने की नारेबाजी - bank employees strike in kashipur

काशीपुर के बैंक कर्मचारियों ने ट्रेड यूनियन के भारत बंद का समर्थन करते हुए भारत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. हड़ताली बैंक कर्मचारियों ने कहा कि हड़ताल से काशीपुर में 300 से 400 करोड़ रुपए के नुकसान होने का अनुमान है.

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काशीपुर
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Published : Mar 28, 2022, 1:35 PM IST

काशीपुर: देशभर में ट्रेड यूनियनों की दो दिवसीय हड़ताल का असर प्रदेशभर के अन्य स्थानों के साथ-साथ काशीपुर में भी देखने को मिला है. इस हड़ताल के तहत काशीपुर में बैंक कर्मियों समेत विभिन्न ट्रेड यूनियनों के द्वारा हड़ताल के दौरान नारेबाजी कर अपना विरोध प्रकट किया.

दरअसल, ट्रेड यूनियनों (Trade Unions) ने सरकार की नीतियों के खिलाफ हड़ताल बुलाई है, जिसमें बैंक यूनियन शामिल हो हुए हैं. इन यूनियनों का कहना है कि सरकार की जनविरोधी नीतियों और श्रमिक-मजदूर विरोधी पॉलिसी के चलते उन्होंने हड़ताल बुलाई है. ट्रेड और बैंक यूनियनों ने सरकार के सामने कई मांगें रखी हैं.

काशीपुर में बैंक कर्मियों ने की नारेबाजी

प्रमुख मांगों में श्रम संहिता को समाप्त करना, किसी भी प्रकार के निजीकरण को रोकना, राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन एनएमपी को समाप्त करना, मनरेगा के तहत मजदूरी के लिए आवंटन बढ़ाना और ठेका श्रमिकों को नियमित करना शामिल है. इस हड़ताल के तहत काशीपुर में बैंक कर्मियों ने माता मंदिर रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक के गेट पर प्रदर्शन किया और अपना विरोध प्रकट किया.

हड़ताली कर्मचारियों ने कहा कि हड़ताल में शामिल होने का हमारा मुख्य उद्देश्य यह है कि बैंकों को निजी हाथों में न दिया जाए. उन्होंने कहा कि बैंकों में बाहर ही व्यक्तियों को बुलाकर आउटसोर्सिंग के जरिए बैंक का काम कराया जाता है, वह बंद होना चाहिए. बैंकों में तत्काल नई भर्ती करनी चाहिए, जिससे कि बैंक में मौजूद कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ न हो.
पढ़ें- दो दिन के भारत बंद का दिख रहा असर: सड़कों पर उतरे श्रमिक संगठन, बैंकिंग सेवाएं प्रभावित

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार इस दो दिवसीय हड़ताल से नहीं चेती तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि दो दिन की बैंक की हड़ताल से काशीपुर में 300 से 400 करोड़ रुपए के नुकसान होने का अनुमान है. उन्होंने ग्राहकों को होने वाली परेशानियों के लिए खेद व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि ग्राहकों को होने वाली असुविधा के लिए सरकार जिम्मेदार है.

काशीपुर: देशभर में ट्रेड यूनियनों की दो दिवसीय हड़ताल का असर प्रदेशभर के अन्य स्थानों के साथ-साथ काशीपुर में भी देखने को मिला है. इस हड़ताल के तहत काशीपुर में बैंक कर्मियों समेत विभिन्न ट्रेड यूनियनों के द्वारा हड़ताल के दौरान नारेबाजी कर अपना विरोध प्रकट किया.

दरअसल, ट्रेड यूनियनों (Trade Unions) ने सरकार की नीतियों के खिलाफ हड़ताल बुलाई है, जिसमें बैंक यूनियन शामिल हो हुए हैं. इन यूनियनों का कहना है कि सरकार की जनविरोधी नीतियों और श्रमिक-मजदूर विरोधी पॉलिसी के चलते उन्होंने हड़ताल बुलाई है. ट्रेड और बैंक यूनियनों ने सरकार के सामने कई मांगें रखी हैं.

काशीपुर में बैंक कर्मियों ने की नारेबाजी

प्रमुख मांगों में श्रम संहिता को समाप्त करना, किसी भी प्रकार के निजीकरण को रोकना, राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन एनएमपी को समाप्त करना, मनरेगा के तहत मजदूरी के लिए आवंटन बढ़ाना और ठेका श्रमिकों को नियमित करना शामिल है. इस हड़ताल के तहत काशीपुर में बैंक कर्मियों ने माता मंदिर रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक के गेट पर प्रदर्शन किया और अपना विरोध प्रकट किया.

हड़ताली कर्मचारियों ने कहा कि हड़ताल में शामिल होने का हमारा मुख्य उद्देश्य यह है कि बैंकों को निजी हाथों में न दिया जाए. उन्होंने कहा कि बैंकों में बाहर ही व्यक्तियों को बुलाकर आउटसोर्सिंग के जरिए बैंक का काम कराया जाता है, वह बंद होना चाहिए. बैंकों में तत्काल नई भर्ती करनी चाहिए, जिससे कि बैंक में मौजूद कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ न हो.
पढ़ें- दो दिन के भारत बंद का दिख रहा असर: सड़कों पर उतरे श्रमिक संगठन, बैंकिंग सेवाएं प्रभावित

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार इस दो दिवसीय हड़ताल से नहीं चेती तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि दो दिन की बैंक की हड़ताल से काशीपुर में 300 से 400 करोड़ रुपए के नुकसान होने का अनुमान है. उन्होंने ग्राहकों को होने वाली परेशानियों के लिए खेद व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि ग्राहकों को होने वाली असुविधा के लिए सरकार जिम्मेदार है.

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