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रुद्रपुर: उपनल कर्मचारियों ने सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए किया यज्ञ - Rudrapur Upnal Employees

दो सूत्रीय मांगों को लेकर उपनल कर्मचारियों ने सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए यज्ञ किया. इस दौरान उन्होंने सरकार को आत्मदाह की चेतावनी भी दी है.

Rudrapur Upnal Employees
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Published : Aug 20, 2021, 7:44 PM IST

रुद्रपुर: अपनी मांगों को लेकर संयुक्त मोर्चा उपनल कर्मचारी संघ के बैनर तले दर्जनों कर्मचारियों ने सरकार की बुद्धि शुद्धि के लिए यज्ञ का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और मांगें ना मानने पर परिवार संग आत्मदाह की चेतावनी भी दी.

उपनल कर्मचारी संघ के कोषाध्यक्ष मानोज कुमार ने कहा कि नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी सरकार मामले को सुप्रीम कोर्ट ले कर गई. उपनल कर्मचारी लम्बे समय से समान काम समान वेतन और नियमितीकरण के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार आंखें मूंदे बैठी है. सरकार उनसे सरकारी कर्मचारी के बराबर काम लेती है लेकिन सैलरी के नाम पर महज 8 से 12 हजार रुपये पकड़ा दिए जाते हैं.

उपनल कर्मचारियों ने सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए किया यज्ञ.

पढ़ें- नड्डा के उत्तराखंड दौरे का पहला दिन: तीन बैठकों में कार्यकर्ताओं को दिया जीत का मंत्र, चौथी जारी

उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट में चली गई लेकिन सरकार सुप्रीम कोर्ट में पैरवी नहीं कर रही. उन्होंने कहा कि सरकार का यही अड़ियल रवैया रहा तो आगामी चुनाव में इस सरकार का जाना तय है.

उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी सरकार कर्मचारियों की इतनी ही हिमायती है तो एक के बाद एक मुख्यमंत्री बदलने के बजाए उस खर्च को उपनल कर्मचारियों पर खर्च कर देती. उन्होंने कहा कि अगर सरकार मांगें नहीं मानती तो कर्मचारी अपने परिवार के साथ आत्मदाह करने को मजबूर होंगे.

रुद्रपुर: अपनी मांगों को लेकर संयुक्त मोर्चा उपनल कर्मचारी संघ के बैनर तले दर्जनों कर्मचारियों ने सरकार की बुद्धि शुद्धि के लिए यज्ञ का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और मांगें ना मानने पर परिवार संग आत्मदाह की चेतावनी भी दी.

उपनल कर्मचारी संघ के कोषाध्यक्ष मानोज कुमार ने कहा कि नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी सरकार मामले को सुप्रीम कोर्ट ले कर गई. उपनल कर्मचारी लम्बे समय से समान काम समान वेतन और नियमितीकरण के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार आंखें मूंदे बैठी है. सरकार उनसे सरकारी कर्मचारी के बराबर काम लेती है लेकिन सैलरी के नाम पर महज 8 से 12 हजार रुपये पकड़ा दिए जाते हैं.

उपनल कर्मचारियों ने सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए किया यज्ञ.

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उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट में चली गई लेकिन सरकार सुप्रीम कोर्ट में पैरवी नहीं कर रही. उन्होंने कहा कि सरकार का यही अड़ियल रवैया रहा तो आगामी चुनाव में इस सरकार का जाना तय है.

उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी सरकार कर्मचारियों की इतनी ही हिमायती है तो एक के बाद एक मुख्यमंत्री बदलने के बजाए उस खर्च को उपनल कर्मचारियों पर खर्च कर देती. उन्होंने कहा कि अगर सरकार मांगें नहीं मानती तो कर्मचारी अपने परिवार के साथ आत्मदाह करने को मजबूर होंगे.

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