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खटीमा: हाथियों के आतंक से परेशान किसान, वन विभाग से लगा रहे गुहार - Anjania and Naugavanath

खटीमा के अंजनिया और नौगवानाथ के ग्रामीण इलाकों में हाथियों की लगातार हो रही आवाजाही से किसान बेहद परेशान है. वन विभाग द्वारा बनाई गई सुरक्षा दीवार जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गई है. जिसके चलते हाथियों के झुंड आसानी से ग्रामीण इलाकों में जाकर किसानों के खेतों में धान की पकी फसल को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं.

हाथियों के आतंक से परेशान किसान.
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Published : Oct 1, 2019, 11:20 PM IST

खटीमा: नगर के किलपुरा वन रेंज के जंगलों से लगे अंजनिया और नौगवानाथ के ग्रामीण इलाकों में हाथियों की लगातार हो रही आवाजाही से किसान बेहद परेशान है. आए दिन जंगली हाथी किसानों के खेतों में धान की पकी हुई फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं. जिसके चलते किसान कई बार वन विभाग से गुहार लगा चुके हैं, बावजूद इसके किसानों को अभी तक कोई राहत नहीं मिल पाई है.

हाथियों के आतंक से परेशान किसान.

बता दें कि जंगल और आबादी क्षेत्रो के बीच वन विभाग द्वारा बनाई गई सुरक्षा दीवार जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गई है. जिसके चलते हाथियों के झुंड आसानी से ग्रामीण इलाकों में जाकर किसानों के खेतों में धान की पकी फसल को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं. जिसके चलते किसान रात भर जाकर हाथियों को अपने खेतों से खदेड़ रहे है. इस संघर्ष में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

ये भी पढ़े: अनुच्छेद 370 हटने के बाद मुख्यधारा से जुड़ेंगे कश्मीर घाटी के लोग- अजय भट्ट

वहीं, तराई पूर्वी वन विभाग के डीएफओ महातीम यादव ने बताया कि वन विभाग को लगातार हाथियों की लोकेशन मिलती रहती है. जिसमें साफ देखा जा रहा है कि हाथी लगातार आबादी क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पुरानी हो चुकी हाथी सुरक्षा दीवार जगह-जगह टूट चुकी है. जल्द ही बजट का आवंटन कर इन स्थानों में सुरक्षा दीवार बनाकर वन्य जीव सुरक्षा के साथ-साथ किसानों की समस्या का भी समाधान किया जाएगा.

खटीमा: नगर के किलपुरा वन रेंज के जंगलों से लगे अंजनिया और नौगवानाथ के ग्रामीण इलाकों में हाथियों की लगातार हो रही आवाजाही से किसान बेहद परेशान है. आए दिन जंगली हाथी किसानों के खेतों में धान की पकी हुई फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं. जिसके चलते किसान कई बार वन विभाग से गुहार लगा चुके हैं, बावजूद इसके किसानों को अभी तक कोई राहत नहीं मिल पाई है.

हाथियों के आतंक से परेशान किसान.

बता दें कि जंगल और आबादी क्षेत्रो के बीच वन विभाग द्वारा बनाई गई सुरक्षा दीवार जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गई है. जिसके चलते हाथियों के झुंड आसानी से ग्रामीण इलाकों में जाकर किसानों के खेतों में धान की पकी फसल को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं. जिसके चलते किसान रात भर जाकर हाथियों को अपने खेतों से खदेड़ रहे है. इस संघर्ष में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

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वहीं, तराई पूर्वी वन विभाग के डीएफओ महातीम यादव ने बताया कि वन विभाग को लगातार हाथियों की लोकेशन मिलती रहती है. जिसमें साफ देखा जा रहा है कि हाथी लगातार आबादी क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पुरानी हो चुकी हाथी सुरक्षा दीवार जगह-जगह टूट चुकी है. जल्द ही बजट का आवंटन कर इन स्थानों में सुरक्षा दीवार बनाकर वन्य जीव सुरक्षा के साथ-साथ किसानों की समस्या का भी समाधान किया जाएगा.

Intro:summary- जंगल से सटे आबादी क्षेत्रों में रहने वाले किसानों ने वन विभाग से लगाई गुहार हाथियों के आतंक से निजात दिलाओ सरकार। भोजन की तलाश में आबादी क्षेत्रों में घुस रहे हाथियों के द्वारा रोज की जा रही है गेहूं की फसल बर्बाद।

नोट-खबर एफटीपी में - haathiyo se kisan paresaan- नाम के फोल्डर में है।

एंकर- जंगल से सटे आबादी क्षेत्रों में हाथियों का आतंक लगातार है जारी। खेतों में घुसकर गेहूं की पकी फसल हाथी कर रहे हैं लगातार बर्बाद।


Body:वीओ- सीमात क्षेत्र खटीमा स्थित किलपूरा वन रेंज में इन दिनों हाथियों का आतंक छाया हुआ है। किलपुरा वन रेंज के जंगलों से लगे अंजनिया, नौगवानाथ ग्रामीण इलाकों के किसान हाथियों की उनके खेतों में लगातार हो रही आवाजाही से परेशान है। जंगल व आबादी क्षेत्रो के बीच बनी हाथी सुरक्षा दीवार के जगह-जगह से क्षतिग्रस्त होने की वजह से हाथी किसानों की धान की पकी फसल को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिससे इस इलाके के किसान काफी परेशान हैं वह रात रात भर जाकर हाथियों से अपने खेतों की सुरक्षा में लगे हैं। पीड़ित किसानों के अनुसार हाथियों में धान की फसल बर्बाद कर दी है। वहीं हाथी सुरक्षा दीवार के जगत जगह क्षतिग्रस्त होने की वजह से हाथी उनके खेतों में घुसकर नुकसान कर जाते हैं। उनके वन विभाग से गुहार लगाने के बावजूद भी उनको कोई राहत नहीं मिल पा रही है।
वही तराई पूर्वी वन विभाग के डीएफओ महातीम यादव का किसानों की समस्या पर कहना हैं कि वन विभाग को लगातार हाथियों की लोकेशन मिलती रहती है।कि किस जगह पर यह बार-बार आबादी क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं। पुरानी होने के हाथी दीवार जगह जगह टूट चुकी है। जल्द ही बजट का आवंटन कर इन स्थानों में सुरक्षा दिवाल बनाकर वन्य जीव सुरक्षा के साथ किसानों की समस्या का भी समाधान किया जाएगा।

बाइट- अरविंद चंद पीड़ित किसान

बाइट- महातिम यादव डीएफओ तराई पूर्वी वन प्रभाग


Conclusion:
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