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सुपर सीडर मशीन से होगी गेहूं की बुआई, धान काटने के बाद अब पराली जलाने की नहीं पड़ेगी जरूरत - Super seeder machine will help farmers in sowing wheat

सुल्तानगढ़ में किसानों के लिए गेहूं की बुआई के लिए सुपर सीडर मशीन का प्रदर्शन किया गया. साथ ही लोगों को पराली न जलाने के लिए जागरूक किया.

Super seeder machine
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Published : Nov 25, 2020, 3:03 PM IST

काशीपुर: किसान विकास क्लब की ओर से सुल्तानगढ़ में किसानों के लिए गेहूं की बुआई के लिए सुपर सीडर मशीन का प्रदर्शन किया गया. मुख्य अतिथि कृषि विज्ञान केंद्र काशीपुर के प्रभारी डॉ. जितेंद्र क्वात्रा ने मशीन की विशेषताओं की जानकारी दी.

धान की फसल की कटाई के बाद गेहूं कटाई और बुआई करने के लिए जल्दबाजी में किसान खेतों में ही पराली जलाकर जुताई करते हैं. जिससे पराली खेतों में जलाने से मिट्टी की ऊपरी सतह में मौजूद जीवाश्म, कार्बन तत्व, जिंक जैसे लाभकारी तत्व और मृदा के लिए लाभकारी जीवाणु भी नष्ट हो जाते हैं. साथ ही वायु प्रदूषण भी होता है. इसके अलावा किसानों को खेतों में 5-6 बार जुताई करने से गेहूं बुआई में लागत बढ़ जाती है. इस समस्या से निजात दिलाने को धान के बाद गेहूं की सीधी बुआई करने के लिए सुपर सीडर मशीन काफी उपयुक्त पाया गया है.

इस मशीन यंत्र से 10 से 12 इंच तक की ऊंची धान की पराली को एक ही बार में जुताई कर गेहूं की बुआई हो सकती है. कृषि विज्ञान केंद्र काशीपुर के प्रभारी जितेंद्र क्वात्रा ने कुंडा क्षेत्र में सुपर सीडर मशीन से पराली वाले बिना जुते खेत में गेहूं बुआई कर किसानों को जागरूक करने को डेमोंसट्रेशन किया. जहां सुपर सीडर से गेहूं बुआई के प्रदर्शन को देखने क्षेत्र से कई किसान पहुंचे.

पढ़ें: सीरम इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया का दौरा कर सकते हैं पीएम मोदी

जिसमें डॉ. क्वात्रा ने किसानों को बताया कि किसान जो पराली जलाते हैं. इससे पर्यावरण दूषित होता है. साथ ही जो गेहूं के लिए खेत परंपरागत रूप से तैयार करते हैं, उसके मुकाबले इसके प्रयोग से खेत में 50 से 60 प्रतिशत लागत कम आती है. साथ ही उत्पादन में भी वृद्धि होती है और समय की भी बचत भी होती है. खेत में सुपर सीडर मशीन के प्रदर्शन के बाद क्लब की बैठक विक्रांत चौधरी के निवास स्थान पर हुई.

काशीपुर: किसान विकास क्लब की ओर से सुल्तानगढ़ में किसानों के लिए गेहूं की बुआई के लिए सुपर सीडर मशीन का प्रदर्शन किया गया. मुख्य अतिथि कृषि विज्ञान केंद्र काशीपुर के प्रभारी डॉ. जितेंद्र क्वात्रा ने मशीन की विशेषताओं की जानकारी दी.

धान की फसल की कटाई के बाद गेहूं कटाई और बुआई करने के लिए जल्दबाजी में किसान खेतों में ही पराली जलाकर जुताई करते हैं. जिससे पराली खेतों में जलाने से मिट्टी की ऊपरी सतह में मौजूद जीवाश्म, कार्बन तत्व, जिंक जैसे लाभकारी तत्व और मृदा के लिए लाभकारी जीवाणु भी नष्ट हो जाते हैं. साथ ही वायु प्रदूषण भी होता है. इसके अलावा किसानों को खेतों में 5-6 बार जुताई करने से गेहूं बुआई में लागत बढ़ जाती है. इस समस्या से निजात दिलाने को धान के बाद गेहूं की सीधी बुआई करने के लिए सुपर सीडर मशीन काफी उपयुक्त पाया गया है.

इस मशीन यंत्र से 10 से 12 इंच तक की ऊंची धान की पराली को एक ही बार में जुताई कर गेहूं की बुआई हो सकती है. कृषि विज्ञान केंद्र काशीपुर के प्रभारी जितेंद्र क्वात्रा ने कुंडा क्षेत्र में सुपर सीडर मशीन से पराली वाले बिना जुते खेत में गेहूं बुआई कर किसानों को जागरूक करने को डेमोंसट्रेशन किया. जहां सुपर सीडर से गेहूं बुआई के प्रदर्शन को देखने क्षेत्र से कई किसान पहुंचे.

पढ़ें: सीरम इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया का दौरा कर सकते हैं पीएम मोदी

जिसमें डॉ. क्वात्रा ने किसानों को बताया कि किसान जो पराली जलाते हैं. इससे पर्यावरण दूषित होता है. साथ ही जो गेहूं के लिए खेत परंपरागत रूप से तैयार करते हैं, उसके मुकाबले इसके प्रयोग से खेत में 50 से 60 प्रतिशत लागत कम आती है. साथ ही उत्पादन में भी वृद्धि होती है और समय की भी बचत भी होती है. खेत में सुपर सीडर मशीन के प्रदर्शन के बाद क्लब की बैठक विक्रांत चौधरी के निवास स्थान पर हुई.

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