काशीपुरः उत्तराखंड में राजस्व निरीक्षक और उप निरीक्षकों का कार्य बहिष्कार व धरना-प्रदर्शन आखिरकार आश्वासन मिलने के बाद खत्म हो गया है. उनकी मांगों को पूरा करने लेकर शासनादेश जारी हो चुका है. राजस्व निरीक्षक, प्रभारी तहसीलदार एवं प्रभारी नायब तहसीलदार के रिक्त पदों पर गैर भूलेख संवर्गीय अधिकारियों को तैनात किए जाने के विरोध कर रहे थे.

दरअसल, तहसीलों में कार्यरत प्रशासनिक और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को तहसीलदार व नायब तहसीलदारों की अनुपस्थिति में तहसील कार्यालयों से संबंधित कार्यों को संपादित करने के आदेश देने से राजस्व उप निरीक्षकों में आक्रोशित थे. राजस्व परिषद की ओर से जारी आदेश को निरस्त करने की मांग को लेकर राजस्व उप निरीक्षकों ने दो दिवसीय कार्य बहिष्कार किया था. इस दौरान भूलेख संबंधी कार्य प्रभावित रहा.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड बीजेपी में अमित शाह दरकिनार, कार्यालय के बोर्ड से तस्वीर गायब
वहीं, आज उत्तराखंड शासन के राजस्व परिषद आयुक्त एवं सचिव की ओर से समस्त जिलाधिकारियों को तहसीलों में कार्यरत मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को कार्य आवंटन के संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है. जिसके बाद उत्तराखंड भूलेख कर्मचारी महासंघ की ओर से आहूत धरना-प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार समाप्त कर दिया गया है. वहीं, शासनादेश जारी होने के बाद समस्त लेखपालों ने खुशी जताते हुए इसे अपनी जीत करार दिया है.