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खटीमा: तुर्की से प्याज का आयात बना व्यापारियों के गले की फांस - State Government News

उत्तराखंड सरकार द्वारा तुर्की से आयात किया गया प्याज आढ़तियों के गले की फांस बनने लगा है. इस विदेशी प्याज की क्वालिटी अच्छी नहीं है. साथ ही ये प्याज साइज में भी काफी बड़ा है. जिसके चलते आम लोग इस प्याज को खरीदने से कतरा रहे हैं.

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तुर्की से आयात प्याज
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Published : Jan 21, 2020, 11:53 PM IST

Updated : Jan 21, 2020, 11:59 PM IST

खटीमा: राज्य सरकार द्वारा तुर्की से आयात की गई प्याज मंडी के व्यापारियों के लिए परेशानी का सबब बन रही है. प्याज की क्वालिटी सही ना होने के चलते मंडी समितियों में तुर्की के प्याज की बिक्री नहीं हो पा रही है. जिसके चलते 80 टन प्याज की खेप मंडी में स्टाक करके रखी गई है.

व्यापारियों के लिए बनी गले की फांस बना तुर्की का प्याज

बीते दिनों प्याज के दामों में भारी उछाल आया था. जिसके चलते प्रदेश सरकार ने तुर्की से प्याज का क्रय किया. जिसे मंडी समितियों के माध्यम से बिकवाया जाना था. लेकिन विदेशी प्याज की क्वालिटी भारतीय प्याज की तरह नहीं है. साथ ही प्याज का साइज भी बहुत बड़ा है. जिसके चलते स्थानीय ग्राहक विदेशी प्याज नहीं खरीद रहे हैं. जिसके चलते विदेशी प्याज मंडी के व्यापारियों के गले की फांस बन गया है.

ये भी पढे़ं: पिथौरागढ़: अस्पतालों के एकीकरण पर कांग्रेस ने जताया विरोध, राज्य सरकार का फूंका पुतला

वहीं, इस मामले में मंडी सचिव विनोद पलड़िया का कहना है कि इस प्याज का मूल्य 45 रुपये प्रति किलो रखा गया है. ऐसे में उम्मीद है कि ये प्याज इस सप्ताह बिक जाएगा.

खटीमा: राज्य सरकार द्वारा तुर्की से आयात की गई प्याज मंडी के व्यापारियों के लिए परेशानी का सबब बन रही है. प्याज की क्वालिटी सही ना होने के चलते मंडी समितियों में तुर्की के प्याज की बिक्री नहीं हो पा रही है. जिसके चलते 80 टन प्याज की खेप मंडी में स्टाक करके रखी गई है.

व्यापारियों के लिए बनी गले की फांस बना तुर्की का प्याज

बीते दिनों प्याज के दामों में भारी उछाल आया था. जिसके चलते प्रदेश सरकार ने तुर्की से प्याज का क्रय किया. जिसे मंडी समितियों के माध्यम से बिकवाया जाना था. लेकिन विदेशी प्याज की क्वालिटी भारतीय प्याज की तरह नहीं है. साथ ही प्याज का साइज भी बहुत बड़ा है. जिसके चलते स्थानीय ग्राहक विदेशी प्याज नहीं खरीद रहे हैं. जिसके चलते विदेशी प्याज मंडी के व्यापारियों के गले की फांस बन गया है.

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वहीं, इस मामले में मंडी सचिव विनोद पलड़िया का कहना है कि इस प्याज का मूल्य 45 रुपये प्रति किलो रखा गया है. ऐसे में उम्मीद है कि ये प्याज इस सप्ताह बिक जाएगा.

Intro:Summary - तुर्की से आयात कर उत्तराखंड आमजन के लिए लाई गई प्याज बिक्री ना होने की वजह से आढ़तियों के गले की बनी फांस। ( रेडी टू पैकेज )

एंकर- राज्य सरकार द्वारा तुर्की से आयात की गई प्याज मंडी के व्यापारियों के लिए बनी परेशानी का सबब। प्याज की क्वालिटी और फिनिश सिंह सही ना होने की वजह से मंडी समितियों में नहीं हो पा रही है तुर्की के प्याज की बिक्री।

Body:वीओ- कुछ दिनों पहले प्याज के दामों में आये भारी उछाल के बाद प्रदेश सरकार ने मंडी परिषद के माध्यम से तुर्की देश से विदेशी प्याज का क्रय किया था। जिसे मंडी समितियो के माध्यम से बिकवाया जाना था जिससे आमजनता को सस्ता प्याज मिल सके। लेकिन अब विदेशी प्याज मंडी के व्यापारियों के गले पड़ गक्त गई। क्योंकि विदेशी प्याज की क्वालटी जंहा भारतीय प्याज की तरह नही है। वही प्याज का साइज भी बहुत बड़ा है। जिससे स्थानीय ग्राहक विदेशी प्याज नही खरीद रहा है। जिस कारण लगभग 45 रुपये किलो विदेशी प्याज के ग्राहक मंडी के आढ़तियों को नही मिल पा रहे। वही मंडी सचिव भी खटीमा मंडी में 80 कुंतल विदेशी प्याज आने की जंहा बात बता रहे है। वही व्यापारियों प्याज की क्वालटी व प्याज के बड़े होने की वजह से इसके बिकने में परेशानी की बात कह रहे है। इसके साथ ही मंडी सचिव प्याज के रेट के अनुसार एक सप्ताह में इस प्याज के बिकने की उम्मीद जता रहे है।

बाइट1- संजीव कुमार गुप्ता, प्याज आढ़ती,

बाइट 2- विनोद पलड़िया, मंडी सचिव खटीमा।
Conclusion:
Last Updated : Jan 21, 2020, 11:59 PM IST
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